क्वारंटाइन कैंप के प्रवासियों का सर्वे कर मनरेगा का लाभ दिलाएं: डीएम
जिलाधिकारी कुंदन कुमार ने रोजगार मुहैया कराने के उद्देश्य से क्वारंटाइन केंद्रों पर रह रहे प्रवासी श्रमिकों का सर्वेक्षण कराने का निर्देश दिया है ताकि उनके हुनर के मुताबिक मनरेगा के तहत रोजगार मुहैया कराया जा सके।
बेतिया। जिलाधिकारी कुंदन कुमार ने रोजगार मुहैया कराने के उद्देश्य से क्वारंटाइन केंद्रों पर रह रहे प्रवासी श्रमिकों का सर्वेक्षण कराने का निर्देश दिया है ताकि उनके हुनर के मुताबिक मनरेगा के तहत रोजगार मुहैया कराया जा सके। उन्होंने कहा कि मनरेगा योजना के तहत निजी जमीनों पर कलस्टर बनाया जाय ताकि दूसरे व्यक्ति भी इससे प्रेरित होकर लाभान्वित हो सकें। डीएम श्री कुमार ने शनिवार की देर संध्या मनरेगा पीओ के साथ आयोजित समीक्षात्मक बैठक यह निर्देश दिया। उन्होंने जल-जीवन-हरियाली अंतर्गत सार्वजनिक, निजी खेत पोखर निर्माण कार्य, सार्वजनिक पईन सफाई, तालाब एवं कुआं का सर्वें, आवास आदि काम शीघ्र पूरा करने को कहा। उन्होंने सभी पीओ को लंबित योजनाओं को युद्धस्तर पर कार्य करते हुए शीघ्र पूरा करने का निदेश दिया है। उन्होंने कहा कि सभी पीओ अपने-अपने क्षेत्रान्तर्गत मनरेगा योजना के तहत बेहतरीन मॉडल तैयार करें। कराये जा रहे कार्यस्थल पर मनरेगा योजना का फ्लेक्सी अधिष्ठापित करने का निदेश भी जिलाधिकारी द्वारा दिया गया। बैठक में डीडीसी रविन्द्र नाथ प्रसाद सिंह ने कहा कि जल-जीवन-हरियाली के तहत एक एकड़ तक के तालाब/पोखर की उड़ाही की जा रही है। अबतक 82 सार्वजनिक तालाब, पोखर की उड़ाही प्रवासी श्रमिकों के माध्यम से कराई जा चुकी है। वहीं निजी जमीन पर अबतक कुल-04 खेत पोखर की सफाई का कार्य पूर्ण किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि नये प्राक्कलन पर प्रशासनिक स्वीकृत के उपरांत जिले में अबतक 345 आहर/पइनों सफाई कार्य जारी है तथा 37 पोखर/पईन की उड़ाही कार्य पूर्ण कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि जिले में अब तक 2207 तालाबों एवं 5328 कुंओं का सर्वे पूर्ण कर लिया गया है। इन तालाबों एवं कुओं के जीर्णोद्धार की कार्रवाई की जा रही है। सभी संबंधित अधिकारियों को जल्द से जल्द तालाबों एवं कुओं का जीर्णोद्धार करने के लिए निदेशित कर दिया गया है।
उन्होंने बताया कि जिले के विभिन्न क्वारंटाइन सेंटरों में रह रहे प्रवासी व्यक्तियों को जॉब कार्ड उपलब्ध कराया जा रहा है ताकि वे क्वारेंटिन से बाहर आने के बाद अपना जीविकोपार्जन कर सके। विभिन्न क्वारंटाइन केन्द्रों पर 1451 प्रवासियों को जॉब कार्ड मुहैया कराया जा चुका है।
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