अब बहुरेंगे दिन, बाढ़ और कटाव की नहीं रहेगी चिता
मसान नदी के कटाव से गांवों को बचाने के लिए पायलट चैनल का निर्माण कार्य गुरुवार से शुरू किया गया। 40 ट्रैक्टर कार्य स्थल पर पहुंच कर कार्य को गति देने में जुट गए हैं।
बगहा । मसान नदी के कटाव से गांवों को बचाने के लिए पायलट चैनल का निर्माण कार्य गुरुवार से शुरू किया गया। 40 ट्रैक्टर कार्य स्थल पर पहुंच कर कार्य को गति देने में जुट गए हैं। इधर कार्य के शुभारंभ की सूचना पर गुरुवार को सैंकड़ों ग्रामीण स्थल पर पहुंचे। पहले तो इन्हें विश्वास ही नहीं हुआ। चूंकि पिछले एक दशक से कटाव की पीड़ा झेल रहे थे। हर बार जनप्रतिनिधि इन्हें आश्वासन देते थे। लेकिन, बरसात खत्म होने के बाद कोई काम नहीं होता था। इस बार जब कार्य आरंभ हुआ है तो ग्रामीणों में प्रसन्नता है। आरटीआइ कार्यकर्ता समाजसेवी रमेश फौजी के नेतृत्व में आई जागरूकता का परिणाम हैं कि यह कार्य अब होने लगा है। ग्रामीणों की मेहनत रंग लाई है। उल्लेखनीय है कि बीते कई साल से मसान नदी का कहर झेलते हरिहरपुर, संतपुर, बलुअहवा, बड़गांव, वृंदावन आदि गांव के लोगों का जीवन पूरे बरसात भर ऊंचे स्थलों पर गुजरती थी। जबकि नदी की मुड़ती धारा से सैकड़ों एकड़ कृषि भूमि का कटाव भी हो चुका है। एकाएक रात के समय इस नदी में आई बाढ़ के पानी से कई लोग व माल मवेशी भी बह गए हैं। बीते साल से इस नदी से प्रभावित कुछ लोगों ने आंदोलन की शुरूआत की। बैठक कर, श्रमदान किया, भिक्षाटन कर बांस पाइलिग की। किंतु, बाढ़ ने इस बांध को ध्वस्त कर दिया। बावजूद मेहनत रंग लाई और ग्रामीणों की आवाज विभाग तक पहुंची। 200 मीटर धारा को किया जाएगा डायवर्ट नदी की धारा पश्चिम की तरफ ज्यादा मुड़ गई है। जिसको पारको पाइन व जिओ बैग के माध्यम से 200 मीटर तक निर्माण कर नदी की धारा को सीधा किया जाएगा। जो पायलट चैनल के निर्माण के साथ ही होगा। उल्लेखनीय है कि मसान नदी के उपर डमरापुर के पास बने नवनिर्मित पुल से पायलट चैनल दो किलोमीटर दक्षिण की तरफ बनाया जा रहा है। जिसका कुल बजट करीब 3 करोड़ 50 लाख रुपये के आसपास है। इस चैनल की चौड़ाई 50 मीटर एवं गहराई चार से पांच मीटर बताई जा रही है।