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कचरा निस्तारण की व्यवस्था नहीं, शहर में फैल रही दुर्गंध

बेतिया। शहर से निकले कचरे के निस्तारण की कोई व्यवस्था नगर परिषद के पास नहीं है। शहर के झिलिया में कचरा प्रोसेसिग यूनिट बैठाने को लेकर लाखों रुपये खर्च किए गए है लेकिन वह बेकार साबित हो रहा है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 23 Nov 2019 12:06 AM (IST)Updated: Sat, 23 Nov 2019 12:06 AM (IST)
कचरा निस्तारण की व्यवस्था नहीं, शहर में फैल रही दुर्गंध
कचरा निस्तारण की व्यवस्था नहीं, शहर में फैल रही दुर्गंध

बेतिया। शहर से निकले कचरे के निस्तारण की कोई व्यवस्था नगर परिषद के पास नहीं है। शहर के झिलिया में कचरा प्रोसेसिग यूनिट बैठाने को लेकर लाखों रुपये खर्च किए गए है, लेकिन वह बेकार साबित हो रहा है। क्योंकि सफाई कर्मचारी जहां मर्जी कचरा डंपिग कर दे रहे है। शहर से निकली गंदगी वायु प्रदूषण फैला रही हैं। हालत यह हो गईं है कि यहां से होकर गुजरना दुश्वार हो गया है। नगर के प्रमुख व्यवसायी मनोज केशान, प्रकाश कुमार, मोहन पासवान, रविरंजन तिवारी मिथलेश साह, आदि बताते हैं कि शहर सटे इलाकों में कचरा डंपिग किया जा रहा है। यह सब वार्ड जमादार व सफाई कर्मियों के मनमानी का नतीजा है।

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इन जगहों पर कचरे की डंपिग

शहर के झिलिया इलाके में नप की एक बड़ा भूखंड है। यहां पर कचरा प्रोसेसिग यूनिट भी है। वर्तमान में शहर का सभी कचरा इसी जगह पर डंपिग करना है, लेकिन सफाई कर्मचारियों की मनमानी का आलम यह है कि ब्लॉक से हरिवाटिका जाने वाली रोड़ स्थित हजारी पशु मेला ग्राउंड में कचरा डंपिग किया जा रहा है। शहर की बीचोबीच नवरंगाबाग विश्वकर्मा मंदिर परिसर मे कचरा डंपिग किया जाता है। यही नहीं ऐतिहासिक चंद्रावत नदी मे संतघाट से आईटीआई सहित दर्जनों जगहों कचरा डंपिग की जाती है।

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जमीन की खरीद की योजना अधर में

शहर से बाहर सटे प्रोसेसिग यूनिट बैठने को लेकर जमीन की खरीदारी करना है या भाड़े पर लेना है। विगत वर्ष एक जमीन भाड़े पर ली गई थी, लेकिन तकनीकी गड़बड़ी को लेकर अनुबंध रद्द कर दिया गया। इसके बाद मामला अधर में लटका रहा। नतीजतन शहर के लोग गंदगी से परेशान है।

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सफाई में डेढ़ लाख का खर्च

नगर परिषद के सभी 39 वार्डों में 12 से 13 सफाई कर्मी काम करते है। ठेला और वाहन भी प्रत्येक वार्ड में मुहैया कराया गया है। सफाई कर्मचारी व संसाधन पर महीने का करीब डेढ़ लाख रुपया प्रति वार्ड खर्च होता है। इसके अलावा घारी से जेसीबी व अन्य संसाधन शहर में प्रतिदिन कार्य करते है। इस सब के बावजूद शहर का शायद की कोई मार्ग होगा जहां कचरा डंपिग नहीं दिखे।

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कोट---

कचरा प्रोसेसिग प्लांट को विकसित करने की पहल की जा रही है। झिलिया के अलावा कहीं भी कचरा डंपिग करना अपराध है। इसकी जांच की जाएगी और दोषी पर कार्रवाई भी होगी।

विजय कुमार उपाध्याय

नप कार्यपालक पदाधिकारी, बेतिया।


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