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सूर्यास्त के बाद वीटीआर के संरक्षित क्षेत्र में नो इंट्री

इंडो नेपाल बॉर्डर पर अवस्थित वीटीआर के वन प्रमंडल एक के रघिया वनक्षेत्र के जंगल में शिकारी व तस्करों की घुसपैठ की आशंका पर विशेष सर्च आपरेशन लगातार दूसरे दिन शुक्रवार को भी जारी रहा।

By JagranEdited By: Published: Sat, 22 Sep 2018 01:28 AM (IST)Updated: Sat, 22 Sep 2018 01:28 AM (IST)
सूर्यास्त के बाद वीटीआर के संरक्षित क्षेत्र में नो इंट्री

बगहा। इंडो नेपाल बॉर्डर पर अवस्थित वीटीआर के वन प्रमंडल एक के रघिया वनक्षेत्र के जंगल में शिकारी व तस्करों की घुसपैठ की आशंका पर विशेष सर्च आपरेशन लगातार दूसरे दिन शुक्रवार को भी जारी रहा। इस अभियान में वनकर्मियों की चार टीम को लगाया गया है। अलग अलग टीम रघिया वनक्षेत्र के जंगल में जंगल व जानवरों की सुरक्षा को लेकर विशेष सर्च आपरेशन शुरू कर दिया हैं। इस विशेष अभियान की मॉनीट¨रग की जिम्मेवारी रघिया वनक्षेत्र के रेंज अफसर रहीमुद्दीन अहमद ,वनपाल प्रमोद कुमार चौधरी,अम्बिका ¨सह व रंजीत राय को सौंपी गई है। वनक्षेत्र में गठित अलग अलग टीम में सशस्त्र होमगार्ड जवान टाईगर टेकर, पेट्रो¨लग पार्टी और मानसून गश्ती दल जवानों को शामिल किया गया है। शिकारी व तस्करों को पकड़ने के लिए जंगल क्षेत्र में छापेमारी कर रहे हैं। विशेष सर्च आपरेशन के तहत कई शिकारी , तस्करों और वन अपराधियों को चिन्हित किया गया है। जल्द ही उन तत्वों पर कार्रवाई होगी। वनकर्मियो की अलग-अलग चार टीमें इंडो नेपाल बॉर्डर पर अवस्थित रघिया वनक्षेत्र के अतिसंवेदनशील जंगल में कैंप कर शिकार निरोधी शिविर और बेसिक कैंप के सहारे शिकारी व तस्करों की निगरानी कि जा रही है तथा वनकर्मियों की टीम जीपीएस सिस्टम के सहयोग से शिकारी व तस्करों की पहचान कर रहे हैं। वीटीआर वन प्रमंडल एक के डीएफओ अम्बरीश कुमार मल्ल ने बताया कि बार्डर का खुला क्षेत्र है। इस जंगल क्षेत्र में शिकारी व तस्करों व वन अपराधियों की घुसपैठ की आशंका को लेकर वनकर्मियों की टीम गठित कर सर्च आपरेशन शुरू की गई है। इस दौरान जंगल के अन्दर पकड़े जाने पर वाइल्ड लाइफ एक्ट के तहत कार्रवाई होगी।

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- सूर्यास्त के बाद जंगल में पकड़े जाने पर होगी कार्रवाई वीटीआर के गर्भ में बसे वनवर्ती गांवों के लोगों को अब नियमानुसार जंगल में जाना होगा। सूर्यास्त के बाद जंगल में पकड़े जाने पर वाइल्ड लाइफ एक्ट के तहत कार्रवाई होगी। वीटीआर वन प्रमंडल एक के डीएफओ अम्बरीश कुमार मल्ल ने बताया कि ऐसी सूचना मिल रही है कि जंगल के किनारे बसे गांवों के कतिपय लोगों के संरक्षण में वन अपराध व शिकार की घटनाएं हो रही हैं। रात के समय जंगली नदी नालों में मछली और वन जीवों का शिकार किया जा रहा है।यह तत्व प्रतिबंधित जंगल क्षेत्र में रात के समय जंगल में आवागमन करते रहते हैं। ऐसे तत्वों के विरुद्ध कार्रवाई होगी।


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