भारतीय सीमा में पुल निर्माण रोका तो SSB पर हमलावर हुए नेपाली, तनाव
बिहार के वाल्मीकिनगर में भारतीय सीमा पर नेपाली नागरिक पुल बना रहे थे, जिसे एसएसबी व वन विभाग ने रोक दिया। इसपर नेपाली नागरिकों ने आक्रामक रवैया अपना लिया।
पश्चिम चंपारण [जेएनएन]। भारत-नेपाल सीमा पर अवैध निर्माण नई बात नहीं। लेकिन, इसे लेकर सीमा के आर-पार तनाव पैदा हो गया है। दोनों देशों के बीच के विवादित भू-भाग 'सुस्ता' में एक नाले पर नेपाली नागरिकों द्वारा पुल बनाने की कोशिश से फिर मामला गरमा गया है। अधिकारियों के हस्तक्षेप से निर्माण कार्य रुक गया है, हालांकि तनाव बरकरार है। वहां की गतिविधियों पर एसएसबी व वन विभाग की कड़ी नजर है।
यह है मामला
सुस्ता को भारत-नेपाल के बीच विवादित क्षेत्र माना जाता है। यहां 'दुल्हनिया नाला' पर चार वर्ष पहले नेपाली नागरिकों ने पुलिया बनाने की कोशिश की थी। तब भारतीय ग्रामीणों ने एकजुट होकर उन्हें रोक दिया था। उस वक्त वन विभाग ने मुस्तैदी नहीं दिखाई और पाइप नाले में ही रह गया।
इसी पाइप पर बीते बुधवार को नेपाली नागरिक मिट्टी डाल रहे थे। इसे रोकने के लिए जब सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के जवान पहुंचे तो नेपाली महिलाएं आगे आ गईं। कुछ लोगों ने पथराव भी कर दिया। अधिकारियों की पहल पर किसी तरह निर्माण कार्य रोका गया।
घटना के दूसरे दिन गुरुवार को वनकर्मियों की टीम पहुंची। एसएसबी के जवान भी सक्रिय रहे। यह देख दुल्हनिया नाले के दूसरे हिस्से में नेपाली नागरिक गोलबंद हो गए। हालांकि, निर्माण के लिए कोई आगे नहीं आया। घटना के एक सपतह बाद भी दोनों तरफ तनाव बरकरार है।
पुलिया से वीटीआर को खतरा
पुलिया के निर्माण से नेपाल सीमा के कई गांव वाल्मीकिनगर-बेतिया मुख्य पथ से सीधे जुड़ जाएंगे। इसके साथ ही वीटीआर के जंगल का बड़ा हिस्सा भी नेपाली अतिक्रमणकारियों के निशाने पर आ जाएगा। यदि ऐसा हुआ तो फिर सीमा को लेकर चल रहा विवाद कम होने के बजाय और बढ़ जाएगा। निर्माण से नेपाली वन तस्करों की सक्रियता बढऩे की पूरी आशंका है।
इलाके में हो रही निगरानी
वन विभाग के रेंजर अजय शंकर सिन्हा ने बताया कि नेपाली नागरिक ह्यूम पाइप लगाकर पुलिया का निर्माण कर रहे थे। इस पर रोक लगा दी गई है। पाइप को हटाया जाएगा। पुलिया निर्माण से वाल्मीकि टाइगर रिजर्व (वीटीआर) की सुरक्षा को खतरा है। स्थल की निगरानी की जा रही है, ताकि निर्माण न हो सके।
इस बाबत एसएसबी के द्वितीय सेनानायक लाल राम मेहला ने बताया कि यह अंतरराष्ट्रीय मामला है। दोनों देश के संबंधित अधिकारियों को सूचना दे दी गई है। प्रशासनिक पहल के बाद ही कोई काम होगा।