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एम स्ट्रीप्स एप से होगी वीटीआर में बाघों की मॉनीटरिग

वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में अब बाघों सहित अन्य वन्य प्राणियों की मॉनीटरिग करना आसान हो गया है। इसके लिए वन कर्मियों सहित यहां के वन अधिकारियों को एम स्ट्रीप्स एप से जोड़ा जा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 07 May 2019 12:52 AM (IST)Updated: Tue, 07 May 2019 12:52 AM (IST)
एम स्ट्रीप्स एप से होगी वीटीआर में बाघों की मॉनीटरिग
एम स्ट्रीप्स एप से होगी वीटीआर में बाघों की मॉनीटरिग

बेतिया । वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में अब बाघों सहित अन्य वन्य प्राणियों की मॉनीटरिग करना आसान हो गया है। इसके लिए वन कर्मियों सहित यहां के वन अधिकारियों को एम स्ट्रीप्स एप से जोड़ा जा रहा है। इस सुविधा से लैस होने के साथ ही वीटीआर में वन्य प्राणियों की मॉनीटरिग, बाघों की सुरक्षा व वार्षिक योजना बनाने में मदद मिलेगी। एक ओर वन क्षेत्रों में बाघों एवं अन्य प्राणियों की गतिविधियों पर भी नजर रखी जाएगी, तो दूसरी ओर इनकी सुरक्षा के लिए भी मुकम्मल व्यवस्था हो सकेगी। इस सुविधा से लैस होने के बाद वीटीआर देश के अन्य विकसित नेशनल पार्क में शामिल हो जाएगा। इसमें वीटीआर में कार्य करने वाले वन अधिकारियों एवं वन कर्मियों के मोबाइल एप को जीपीएस से जोड़ दिया जाएगा। सोमवार को वीटीआर के क्षेत्र निदेशक के कार्यालय में वन अधिकारियों के प्रशिक्षण के साथ ही इसकी शुरुआत कर दी गई है। यह प्रशिक्षण मंगलवार तक चलेगा। वन्य प्राणी अध्ययन संस्थान, देहरादून से आए विशेषज्ञों का दल प्रशिक्षण दे रहा है। संस्थान के विशेषज्ञ डा. आईबी बोपन्ना ने बताया कि एम स्ट्रीप्स एप के सहारे वीटीआर से दो तरह के आंकड़े संग्रहित किए जा सकेंगे। इसमें पहला इकोलॉजी से तथा दूसरा कर्मियों की गश्ती पर आधारित होगा। यह 12 भाषाओं से संबंधित होगा, जिसे आवश्यकता के अनुसार इसकी भाषा का उपयोग किया जा सकेगा। मॉनीटरिग सिस्टम फॉर टाईगर्स इंटेसिव प्रोटेक्शन एंड इकोलॉजिकल सिस्टम के नाम से जाने जाने वाले इस एप का इस्तेमाल बाघों की गणना में भी किया जा सकेगा। इसकी मदद से डाटा कलेक्शन का भी काम किया जा सकेगा, जिससे वीटीआर की वार्षिक कार्ययोजना बनाने में भी मदद मिलेगी। इसकी मदद से जो प्रतिदिन आंकड़े एकत्रित किए जाएंगे, उसे डेस्क टाप पर डालकर पूरे वर्ष के आंकड़े निकाले जा सकेंगे। और तो और इसे मांस भक्षी एवं शाकभक्षी वन्य प्राणियों की अलग-अलग गतिविधियों का जायजा लिया जा सकेगा। प्रशिक्षण के मौके पर वीटीआर के सहायक क्षेत्र निदेशक गौरव ओझा, सहायक निदेशक अम्बरीश मल्ल सहित अन्य वन अधिकारी मौजूद रहे। बयान

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वीटीआर को एम स्ट्रीप्स एप से जोड़ने के बाद मॉनीटरिग, प्लानिग एवं बाघों की सुरक्षा में मदद मिलेगी। इस सुविधा के मिलने के बाद वीटीआर देश के अन्य विकसित टाईगर रिजर्व में शामिल हो जाएगा।

एचके राय

क्षेत्र निदेशक

वाल्मीकि टाईगर रिजर्व

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