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क्वारंटाइन सेंटरों पर जांच को नहीं पहुंची मेडिकल टीम

बेतिया। कोविड-19 के संक्रमण से बचाव के लिए बाहर से आने वाले लोगों की जांच के बाद क्वारंटाइन सेंटरों में भेजा जा रहा है ताकि किसी व्यक्ति से मिलने या संपर्क में आने से रोका जाता सके।

By JagranEdited By: Published: Mon, 06 Apr 2020 01:11 AM (IST)Updated: Mon, 06 Apr 2020 06:13 AM (IST)
क्वारंटाइन सेंटरों पर जांच को नहीं पहुंची मेडिकल टीम

बेतिया। कोविड-19 के संक्रमण से बचाव के लिए बाहर से आने वाले लोगों की जांच के बाद क्वारंटाइन सेंटरों में भेजा जा रहा है ताकि किसी व्यक्ति से मिलने या संपर्क में आने से रोका जाता सके। इसके लिए प्रखंड में 51 क्वारंटाइन सेंटर बने हैं जिसमें 769 लोगों को ठहराने की व्यवस्था की गई है। प्रखंड के बेलवा पंचायत के क्वारंटाइन सेंटर उत्क्रमित कन्या विद्यालय में सुविधाओं के कमी के कारण वहां शामिल लोग नाराज दिखे। कहा यहां पर न बिछावन की सुविधा है न कभी समय से खाना मिलता है। 31 मार्च के बाद उनकी स्वास्थ जांच नहीं की गई। गीता देवी, रमेश राय, फुल बदन देवी, मोहन पटेल, रमेश कुमार आदि ने बताया कि यहां पर खाना समय से नहीं मिलता है। ऐसे में लोग यहां पर बीमार पड़ जाएंगे। घर पर बच्चों को कोई कमाकर खिलाने वाला नहीं है। मुखिया जी से इस बात को बोलने पर कहा जा रहा है कि तुम लोग हल्ला कर रहा है। इधर बीडीओ हरिमोहन कुमार का कहना है कि इस संकट की घड़ी में सबको मिलकर कोरोना को भगाना है। अब घर जैसी सुविधाएं हॉस्पिटल में नहीं मिल पाएगी। सरकार की तरफ से निर्देश भी है कि जो घर से खाना मंगा कर खाने में सक्षम है वे मंगा कर खा सकते हैं। खुद पहुंचकर सारी व्यवस्थाओं को देखे हैं और सुविधाएं उपलब्ध कराए हैं। बेलवा मुखिया परवेज आलम से संपर्क करने पर उनका मोबाइल स्विच ऑफ आ रहा था। क्वारंटाइन सेंटर आदर्श मध्य विद्यालय अमोलवा में 41 लोगों में से कुछ लोग बाहर आते जाते रहते हैं। इनमें कुछ लोग आपस में बैठकर ताश भी खेल रहे थे। कुछ ग्रामीणों का कहना है कि ऐसा लगता ही नहीं है कि यहां क्वारंटाइन सेंटर हैं। थानाध्यक्ष प्रभात समीर ने बताया कि सभी जगह पदाधिकारियों को लगाया गया है। अगर इस तरह का मामला संज्ञान में आया तो त्वरित कार्रवाई होगी द्य सभी लोगों से सहयोग की अपील की गई है। मंझरिया मुखिया प्रतिनिधि बलिराम सिंह यादव ने बताया कि सभी लोग सेंटर पर उपस्थित हैं द्य राजकीय उत्क्रमित विद्यालय बेलवा के रसोइया लीलावती देवी का कहना है कि खुद मेरा बेटा बाहर से कमा के आया और यहां भर्ती नहीं है। उसने बताया कि बेलवा बहुअरी के करीब आधा दर्जन लोग बाहर से कामकर के आने के बाद वे घूम रहे हैं। इससे ग्रामीणों में भय है पांव में सूजन से परेशान हूं इलाज नहीं हो रहा

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बेलवा क्वारंटाइन सेंटर में बहुअरी निवासी मदन पटेल ने बताया कि एक तारीख से हम यहां है। पनियहवा में मजदूरी का काम करते थे। लॉक डाउन होने के चलते दो दिनों में हम पैदल चलकर यहां पहुंचे। पैर में भी सूजन हो गया है। हल्दी चुना छाप रहे हैं। लेकिन मेडिकल टीम यहां एक बार भी सेंटर पर जांच करने नहीं आई है। पैर में हमेशा दर्द हो रहा है। लेकिन बोलने पर इसका इलाज नहीं कराया जा रहा है।


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