मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल में बवाल, घंटों आपात सेवा बाधित
गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल में शुक्रवार की देर रात जमकर बवाल हुआ।
बेतिया । गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल में शुक्रवार की देर रात जमकर बवाल हुआ। घंटों अफरातफरी मची रही। चिकित्सक व परिजन आमने-सामने आ गए। मौके पर पहुंची पुलिस के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हो सका। हालांकि, चिकित्सक ड्यूटी छोड़ भाग खड़े हुए। नतीजतन करीब सात घंटे आपात सेवा बाधित रही। शनिवार की सुबह करीब आठ बजे चिकित्सकों ने कमान संभाली उसके बाद मरीजों का इलाज शुरू हो सका। जानकारी के अनुसार नगर के बंसवरिया निवासी नाजिया कौशर (15) की तबियत शुक्रवार की रात अचानक बिगड़ गई। परिजन इलाज के लिए गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल ले गए। यहां चिकित्सकों ने इलाज शुरू किया। आपात कक्ष से परिजन को बाहर जाने को कहा। बच्ची के बीमार होने के कारण परिजन बाहर जाने को राजी नहीं थे। इसी को लेकर परिजन व चिकित्सकों के बीच नोंकझोंक शुरू हो गई। देखते ही देखते नोंकझोंक बवाल का रूप ले लिया। दोनों ओर से लोग आमने सामने आ गए। कुछ लोगों ने इसकी सूचना पुलिस को दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने मामले को को शांत कराया। हालांकि, ड्यूटी छोड़ चिकित्सक व कर्मी भी भाग खड़े हो गए। नतीजतन करीब सात घंटे तक आपात सेवा बाधित रही। इलाज को तड़पते रहे मरीज, गायब रहे चिकित्सक
गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल में बवाल के बाद चिकित्सक गायब हो गए। करीब 11 बजे रात्रि से लेकर सुबह तक एक भी चिकित्सक ड्यूटी पर तैनात नहीं थे। नतीजतन बिना चिकित्सक दर्जनों मरीज तड़पते रहे। सर्जिकल वार्ड, फीमेल वार्ड, मेल मेडिकल वार्ड, आइसीयू में बिना चिकित्सक व कर्मी मरीजों का इलाज होता रहा। हालांकि कुछ कर्मियों ने सहानुभूतिपूर्वक ऐसे मरीजों का हर संभव मदद किया। जितना बन पड़ा उनकी इलाज की, लेकिन चिकित्सकों के नहीं रहने से मरीजों को काफी परेशानी उठानी पड़ी। चनपटिया थाना के उतरवाहिनी निवासी मोटू दुर्घटना में जख्मी होने के बाद अस्पताल आया। परिजनों ने कहा कि अस्पताल आने के बाद भर्ती तो कर लिया गया, लेकिन चिकित्सकों के नहीं रहे से उसे पर्याप्त इलाज नहीं मिल सका। सर्जिकल वार्ड में भर्ती नौतन थाना के बहनौरा निवासी रामभरोस साह, बैरिया तधवानंदपुर के शंभू बैठा, गुलाइची देवी आदि ने बताया कि राम में चिकित्सक के नहीं रहने से उन्हे काफी परेशानी हुई हैं। बिना इलाज वापस लौटे दर्जन भर मरीज
बवाल के कारण शुक्रवार की रात बिना इलाज दर्जन भर मरीज वापस लौट गए। कारण आपात कक्ष में कोई भी डाक्टर कार्यरत नहीं थे। परिजनों ने अपने मरीज की इलाज के लिए काफी देर इंतजार किया, लेकिन देर रात तक चिकित्सकों के नहीं पहुंचने पर वे प्राइवेट अस्पताल की ओर से रूख कर गए।