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सेरहवा गांव पर प्रलय बन कहर बरपाती मसान नदी

बगहा। नदियों को जीवनदायनी माना जाता है। इसका कारण यह है कि किसी भी सभ्यता व संस्कृति के विकास व उसके पोषण में इन्हीं नदियों का हाथ है। पर यहीं नदियां जब विकराल रूप धारण करती हैं तो कई बर्बादी का मंजर भी देखने को मिलता है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 28 Sep 2019 12:29 AM (IST)Updated: Sat, 28 Sep 2019 12:29 AM (IST)
सेरहवा गांव पर प्रलय बन कहर बरपाती मसान नदी

बगहा। नदियों को जीवनदायनी माना जाता है। इसका कारण यह है कि किसी भी सभ्यता व संस्कृति के विकास व उसके पोषण में इन्हीं नदियों का हाथ है। पर यहीं नदियां जब विकराल रूप धारण करती हैं तो कई बर्बादी का मंजर भी देखने को मिलता है। प्रखंड की सबसे प्रलयकारी नदी मसान है। जिसके तट पर बसे जोगिया पंचायत के सेरहवा गांव की भी यहीं कहानी है। प्रत्येक साल इस गांव की भौगोलिक स्थिति को बदल जाता है। ग्रामीण बरसात के दिनों में ऊंचे स्थान की तलाश व घर के छतों पर रतजगा करने को मजबूर हैं। कृषि भूमि के निरंतर कटाव की पीड़ा आज भी इस गांव को है। रामनगर व बगहा एक प्रखंड के सीमाई क्षेत्र में आने वाले इस गांव में साक्षरता का प्रतिशत 65 फीसद है। मेहनतकश गांव के युवकों ने तकनीकी व व्यवसायिक शिक्षा की बदौलत अपने देश व खाड़ी देशों में भी नौकरी पाई है। नल जल के कार्यों का अभी तक नहीं मिला लाभ

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जोगिया पंचायत के वार्ड 13 व 14 को मिलाकर सेरहवा गांव बना है। इसमें फुलवारी टोला, खरईया टोला, बीचला टोला, पुराना टोला व उमाकांत का टोला शामिल है। ग्रामीण शाहिद मियां ने कहा कि गांव में सभी मेहनत कर अपनी रोजी रोटी चलाते हैं। युवक गांव की तरक्की में अच्छा योगदान दे रहे हैं। लेकिन मसान नदी ने बुरा हाल बनाकर रखा हुआ है। अगर नदी पर स्थायी बांध का निर्माण हो जाए तो हमारी किस्मत संवर जाएगी। पंचायत स्तर से विकास की बात करें तो यहां पीसीसी व विद्यालय की चहारदीवारी का निर्माण हुआ है। हालांकिा इस गांव में नल जल योजना का शुभारंभ अभी तक नहीं हुआ है। वार्ड सदस्य रउफ आलम का कहना है कि पहले अनुसूचित जाति के बाहुलता वाले वार्ड में इस कार्य को प्राथमिकता दी गई थी। श्रमदान कर प्रशासन व प्रतिनिधियों को दिखाया आइना

खैरइया टोला व महुई के बीच में बनी मुख्य सड़क इस गांव की लाइफ लाइन है। बीते कुछ दिन पहले इस सड़क पर नदी का दबाव देख गया। सड़क को बचाने के लिए मुखिया, सरपंच व ग्रामीणों के सहयोग से श्रमदान से बांस पाइलिग कर सड़क को बचाया गया है। ग्रामीण सादरा खातून, शाहिद मियां, नूरजहां खातून, शहीला बेगम, मदीना खातून, बाबूजान मियां, नईम मियां, इसरापिल अंसारी आदि ने बताया कि यह सड़क कट गई तो आवागमन ठप हो जाएगा। इसलिए अधिकारी व नेताओं की ओर देखने से अच्छा है कि हम खुद ही इसे बचा लें। इसी सोच के साथ तीन दिनों तक इस कार्य में जुटे रहे।

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गांव के कृषि योग भूमि के कटाव के साथ ही मुख्य सड़क को भी बचाना आवश्यक है। इसके लिए मसान नदी पर सुरक्षात्मक स्थायी बांध निर्माण की आवश्यकता है। जिससे गांव की सुरक्षा हो सके।

रफी आलम, ग्रामीण ग्रामीण विकास का ढांचा कमजोर है। सड़क के साथ नाला का निर्माण भी आवश्यक है। पंचायत के अन्य वार्डों में नल जल का कार्य चल रहा है। पर, इस गांव में अभी तक कार्य आरंभ नहीं हुआ।

नेयाज अहमद, युवक आवास योजना का लाभ ग्रामीणों को बहुत कम मिला है। इसमें इजाफा होना चाहिए। स्थानीयस्तर पर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराया जाए। जिससे गांव के युवकों को रोजगार मिल सके।

ताहिर हुसैन, ग्रामीण नल जल के साथ ही कई कार्य बाकी है। दोनों वार्डों में विकास की जरूरत है। जिसके लिए प्रखंड के साथ ही मुखिया से भी बात की गई है। इस गांव का विकास अन्य गांवों के वार्डों की तरह होनी चाहिए।

रउफ आलम

वार्ड सदस्य वार्ड 13

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गांव एक नजर में

मतदाताओं की संख्या - 1370

गांव की आबादी -2600

सरकारी विद्यालय की संख्या - दो

आंगनबाड़ी केंद्र - एक

उपस्वास्थ्य केंद्र - एक, सामुदायिक भवन में संचालित

साक्षरता दर - 65 फीसदी

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बयान :

पंचायत के सभी वार्डों पर ध्यान दिया जा रहा है। इसके लिए बीडीओ से लगातार संपर्क में हैं। मसान नदी पर स्थायी बांध निर्माण के लिए विधायक के साथ-साथ अधिकारियों से भी बात की गई है। सेरहवा का विकास प्राथमिकता के आधार होगा।

रियासत हुसैन

मुखिया जोगिया पंचायत, रामनगर


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