आक्रोशित अधिवक्ताओं ने न्यायालय के गेट पर जड़ा ताला, वर्चुअल सुनवाई का विरोध
बगहा। शुक्रवार की सुबह व्यवहार न्यायालय को वर्चुअल मोड में संचालित करने का आदेश पारित ह
बगहा। शुक्रवार की सुबह व्यवहार न्यायालय को वर्चुअल मोड में संचालित करने का आदेश पारित हो गया। इसकी सूचना मिलते ही अधिवक्ता गोलबंद होने लगे। विधिज्ञ संघ की बैठक में सर्व सम्मति से वर्चुअल कोर्ट का बहिष्कार करने का निर्णय लिया गया। जिसके बाद इनके द्वारा काम नहीं तो पैसा नहीं के नारे भी लगाए गए। अधिवक्ताओं ने मांग की कि वर्चुअल कोर्ट में भी न्यायाधीशों व न्यायकर्मियों को भी पैसा नहीं मिलना चाहिए। यह भी फैसला लिया गया कि अगर कोई अधिवक्ता इसमें काम करता है तो उसकी सदस्यता रद कर दी जाएगी। उपरोक्त फैसलों के बाद न्यायालय में ताला बंद करने का फैसला लिया गया और समस्त लोगों को बाहर करते हुए विधिज्ञ संघ ने न्यायालय के दोनों दरवाजों पर ताला जड़ दिया। सीजेएम की पहल पर खुला ताला : सीजेएम अविनाश कुमार ने सूझबूझ दिखाते हुए पहले संघ के लोगों को बुलाकर बातचीत करते हुए ताला खोलने का प्रस्ताव रखा। बातचीत के बाद आपसी सहमति से करीब एक घंटे के बाद ताला खोल दिया गया। विधिज्ञ संघ के द्वारा रिक्यूजिशन देकर वर्चुअल मोड में काम नहीं करने का प्रस्ताव मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी को दिया गया। जिसमें यह भी फैसला लिया गया कि अगला रिक्यूजिशन नहीं मिलने तक के लिए हर प्रकार का न्यायिक कार्य बंद रहेगा। इंसेट में :
फोन उठा लीजिए एसपी साहेब, आप बगहा के एसपी हैं.. व्यवहार न्यायालय के दोनों गेट पर ताला जड़ने की सूचना पर सीजेएम ने एसपी को फोन मिलाया। लेकिन, उधर से कोई जवाब नहीं मिला। न्यायकर्मी व पदाधिकारी बाहर खड़े थे। अधिवक्ताओं के आक्रोश को देखते हुए सीजेएम ने दोबारा फोन मिलाया। इस बार एसपी से बात हुई तो सीजेएम ने कहा कि फोन उठा लीजिए एसपी साहेब आप बगहा के एसपी हैं। इसके बाद वस्तुस्थिति से अवगत कराते हुए पुलिस बल की मांग की।