वीटीआर के ईको टूरिज्म में जंगल सफारी का रूट होगा बेहतर
बगहा। वीटीआर समेत राज्य के अन्य टूरिस्ट सेंटर में नवंबर से टूरिस्ट मौसम शुरू होंगे तथा जंगल सफारी का रूट को अधिक से अधिक विकसित किया जाएगा।
फोटो : 20 बीजीएच 35
बगहा। वीटीआर समेत राज्य के अन्य टूरिस्ट सेंटर में नवंबर से टूरिस्ट मौसम शुरू होंगे तथा जंगल सफारी का रूट को अधिक से अधिक विकसित किया जाएगा। वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के ईको टूरिज्म सेंटर में आने वाले पर्यटक नवंबर से फरवरी तक प्रतिदिन थारू संस्कृति कला का आनंद लेंगे तथा वाइल्ड लाइफ से संबंधित फिल्म भी देखेंगे। इसको लेकर राज्य सरकार के वन मंत्रालय ने वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के इको टूरिज्म को विकसित करने कि कवायद शुरू कर दिया है।
उक्त बातें बिहार के वन सचिव दीपक कुमार सिंह पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन विभाग ने वीटीआर के वन क्षेत्रों मे दौरा के क्रम में रविवार को वाल्मीकि नगर में कही। प्रधान वन सचिव ने कहा कि सरकार वीटीआर समेत राज्य के अन्य ईको टूरिज्म को विकसित करने के लिए कृत संकल्पित है। यहां आने देशी विदेशी पर्यटकों को किसी तरह कि परेशानी न हो इसको लेकर अनेक सुविधाएं बहाल करने के लिए काम शुरू किए गए हैं। साथ ही इस काम को बेहतर और विकसित करने के लिए वाल्मिकि टाईगर रिजर्व के अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए हैं।
वन सचिव ने कहा कि चुकि यह क्षेत्र इंडो नेपाल वार्डर पर अवस्थित है इस लिए पर्यटको के लिए हर सुविधा मुहैया कराने का काम होगा। वन सचिव ने मौके पर मौजूद बिहार के मुख्य वन प्राणी प्रतिपालक ( चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डेन) वीटीआर के फिल्ड डायरेक्टर हेमकांत राय डीएफओ गौरव ओझा, अम्ब्रीश कुमार मल ,चंचल प्रकाशम, डब्लू डब्लूएफ इंडिया के वरीय प्रबंधक कमलेश मौर्या आदी अधिकारियों के साथ मंथन कर जंगल और जानवरों कि सुरक्षा का हालात जाना। उन्होंने काहा कि बाघों कि सुरक्षा पर पहली प्राथमिकता रखे। स्वीकार किया कि सीमित संसाधन होने के बावजूद भी वीटीआर में बाघों की संख्या बढ़ रही है ।
इस मौके पर वाल्मीकिनगर वन क्षेत्र अधिकारी महेश प्रसाद आदी वनकर्मि मौजूद थे। वन सचिव का काफिला वन प्रमंडल एक कि मंगुराहा वन क्षेत्र की तरफ प्रस्थान कर गया।