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घरों में शौचालय नहीं, फाइल पर ओडीएफ घोषित

बगहा एक प्रखंड की भैरोगंज पंचायत। पंचायत के वार्ड संख्या 09 स्थित कपरधिक्का गांव। इस गांव में 208 परिवार रहते हैं। छह माह पूर्व पंचायत को ओडीएफ घोषित कर दिया गया।

By JagranEdited By: Published: Sun, 21 Apr 2019 11:16 PM (IST)Updated: Sun, 21 Apr 2019 11:16 PM (IST)
घरों में शौचालय नहीं, फाइल पर ओडीएफ घोषित

बगहा । बगहा एक प्रखंड की भैरोगंज पंचायत। पंचायत के वार्ड संख्या 09 स्थित कपरधिक्का गांव। इस गांव में 208 परिवार रहते हैं। छह माह पूर्व पंचायत को ओडीएफ घोषित कर दिया गया। एक गांव की पड़ताल में जो मामला सामने आया है , उससे संपूर्ण भारत स्वच्छता अभियान की कलई खुल रही है। इस गांव में मात्र 28 लोगों के घरों में शौचालय का निर्माण कराया गया है। शेष लोगों के घरों में शौचालय का निर्माण कार्य अधूरा है। जबकि सरकारी फाइल में हर घर में शौचालय का निर्माण हो चुका है। अभी भी इस गांव के 180 परिवार खुले में शौच करने के लिए जाते हैं। हालांकि लोक सभा चुनाव की शोर में इस अभियान की प्रगति की समीक्षा भी दफन हो गई। शायद यहीं वजह है कि अधिकारियों को भी यह जानकारी नहीं है कि कई गांवों में शौचालय का निर्माण पूरा नहीं हुआ है। अभियान में बाधक बनी प्रोत्साहन राशि

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वार्ड सदस्य बंधु राम ने बताया कि कपरधिक्का गांव वार्ड संख्या 09 में है। इस वार्ड में कुल 208 घर हैं। जिसमें मात्र 28 घर में ही शौचालय बन पाया है। विभाग की उदासीनता के कारण इस वार्ड में पूर्ण रूप से शौचालय नहीं बन पाया। शौचालय बनवाने के लिए लोगों को जागरूक किया गया। लेकिन, प्रोत्साहन राशि देने में विभाग की उदासीनता के कारण अन्य ग्रामीण शौचालय नहीं बनवा पाए। अगर प्रोत्साहन राशि समय से मिल गई होती तो सभी लोग अपने - अपने घरों में शौचालय का निर्माण करा लिए होते। ग्रामीण मंगरू राम, इंदु देवी, सुंदरपति देवी, केदार राम ,बच्चा राम, संजय राम, माया देवी, नागेश्वर राम, जीउत राम इत्यादि ग्रामीणों का कहना है कि वार्ड संख्या 9 में शौचालय बनवाने के लिए ग्रामीणों में उत्सुकता है। कई लोगों ने शौचालय निर्माण के लिए गड्ढा खोदा । लेकिन पड़ोस में बने शौचालय के लिए प्रोत्साहन राशि लेने के लिए जद्दोजहद को देख गड्ढा खोदने के बाद निर्माण कराने की बात सोचना बंद कर दिया। इस वजह से दो दर्जन घरों के दरवाजे पर अभी भी शौचालय निर्माण के लिए खोदे गड्ढे अभियान की सफलता की कहानी बयान कर रहे हैं। स्वच्छता प्रमाण पत्र लेने की मजबूरी

वार्ड सदस्य बंधु राम ने बताया कि वार्ड को ओडीएफ घोषित कराने की मजबूरी थी। क्योंकि मुख्यमंत्री सात निश्चय के तहत नल - जल और गली -नाली की योजना शुरू कराने के लिए स्वच्छता प्रमाण पत्र का होना आवश्यक था। इस लिए मजबूरी में बगैर हर घर में शौचालय बने। स्वच्छता प्रमाण पत्र लेना पड़ा। क्योंकि अधिकारियों ने कहा कि जब तक यह प्रमाण पत्र नहीं होगा, तब तक सात निश्चय की राशि नहीं मिलेगी। ओडीएफ के अभियान में लगे कर्मियों की लापरवाही व प्रोत्साहन राशि मिलने में विलंब की वजह से वार्ड संख्या नौ में अधिकांश घरों में शौचालय का निर्माण नहीं हो सका है।

-- संगीता देवी, मुखिया, भैरोगंज यह मामला काफी गंभीर है। अभी तक यह मामला मेरे संज्ञान में नहीं है। इसकी जांच कराई जाएगी और दोषी कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा भी होगी ।

शशिभूषण सुमन, बीडीओ, बगहा एक


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