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महंगाई पर भारी पड़ रहा होली का उत्साह

बेतिया। होली को लेकर जहां लोगों का उत्साह चरम पर है वही ज्यादातर जागरुक लोग सूखी होली खेलने के पक्ष में है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 18 Mar 2019 11:56 PM (IST)Updated: Mon, 18 Mar 2019 11:56 PM (IST)
महंगाई पर भारी पड़ रहा होली का उत्साह

बेतिया। होली को लेकर जहां लोगों का उत्साह चरम पर है, वही ज्यादातर जागरुक लोग सूखी होली खेलने के पक्ष में है। इससे न सिर्फ पानी की बचत होगी बल्कि शरीर पर भी रंगों के घोल से पड़ने वाले कुप्रभाव से भी बचा जा सकता है। पेड़ों की कटाई से न सिर्फ पर्यावरणविद, शहर के लोग भी चितित नजर आ रहे है। यही कारण है कि नगर के अगुआ भी मान रहे है कि सूखी होली ही उचित है। नगर में होली की आगाज की दस्तक चारों तरफ दिखने लगी है। कही होली मिलन समारोह की तैयार तो कही होली को यादगार बनाने की तैयारी चल रही है। लोग होली का सामान व वस्त्र की खरीद भी आरंभ कर दिये है। बस एक दिन ही शेष बचे है। लोग होली के रंग में डूबने लगे है। हालांकि पिछले वर्ष की अपेक्षा इस बार महंगाई नहीं है। कुछ समान की कीमत में थोड़ी बढ़ोतरी हुई है। लेकिन इसका जेब पर कोई असर नहीं देखा जा रहा है। होली काफी पवित्र त्योहार है। यह आपसी भाईचारा व प्रेम को बढ़ावा देता है। अगर हम पानी की बचत करते है तो यह भी पर्यावरण प्रेम का ही प्रतीक है। साथ ही सूखी होली से हमें और भी फायदा है। गीली होली से हमारे पूरे शरीर भीग जाते है। इसका कुप्रभाव हमारे शरीर पर भी पड़ता है। ऐसे में सूखी होली ही हमारे लिए लाभकारी है।

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सन्नी अग्रवाल

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होली हमारी सभ्यता की पहचान है। हमें होली मनाते समय ध्यान देना चाहिए कि एक दूसरे का प्रेम बना रहे। सुखी होली हमारे लिए काफी फायदेमंद है। इससे पानी की बचत होती है। जल का बूंद बूंद हमारे लिए महत्वपूर्ण है।

पवन कुमार

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सदियों से होली हम मनाते आ रहे है। अब हमें इसे मनाते समय कई बिदुओं पर ध्यान देने की आवश्यकता है। इस बार हमने सोच रखा है कि सूखी होली ही मनाएंगे व दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करेंगे। इससे पानी की बजत होगी। पानी हमारे जीवन के लिए ही नहीं सभी प्राणियों के लिए अनिवार्य है।

नवीन कुमार

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यह सब जानते है कि जल ही जीवन है। ऐसे में जल का बचाव काफी आवश्यक है। भू गर्भ वैक्षानिक काफी पहले से कहते आ रहे है कि जमीन के अंदर पानी का सतह नीचे जा रहा है। ऐसे में हमने ठान ली है कि सूखी होली ही खेंलेंगे। साथ ही इसके लिए आसपास के लोगों को भी जागरुक करेंगे।

राजू कुमार

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होली काफी महत्वपूर्ण त्योहार है। यह हमारे बीच में अगर किसी तरह का द्वेष आदि है तो इसे दूर करता है। आपस में मित्रता और भी बढ़ाती है। मित्र को भी वे कहेंगे कि सूखी होली खेलें। सुखी रंग के साथ साथ अबीर का उपयोग किया जाएगा।

रविश गिरी

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हमें वर्ष भर के इंतजार के बाद होली का मौका मिलता है। यह हिन्दी माह के चैत्र के एकम तिथि को मनाया जाता है। जो हिन्दी मास में नव वर्ष का पहला दिन हुआ करता है। ऐसे में हम पहले दिन अगर सुखा होली खेल कर दिन का शुभारंभ करते है तो इसमें और भी आनंद आएगा।

शुभम कुमार इनसेट

सर चढ़ कर बोल रहा है होली का उत्साह

होली को उत्साह लोगों के सर पर चढ़कर बोल रहा है। अभी से ही खरीददारी का सिलसिला शुरू हो गई है। कविवर नेपाल पथ स्थित न्यू दुर्गा जेनरल स्टोर के मालिक श्याम सुंदर उदयपुरिया बताते है कि होली के उपयोगी समान की कीमत में उछाल नहीं है। रंग-अबीर की बिक्री बढ़ गई है। होली के अवसर पर घर में बनाए जाने वाले पकवान के सामग्री की खरीदारी शुरू हो गई है।

इनसेट

एक नजर में होली में उपयोगी सामग्री की कीमत

चीनी - 38 रूपया किलो

मैदा - 28 रूपया किलो

सुजी - 32 रूपया किलो

काजू - 1000 रूपया किलो

किशमिश - 350 रूपया किलो

छोहड़ा - 200 रूपया किलो

आटा - 28 रूपया किलो

रंग का पैकेट छोटा - 10 रूपया

अबीर पैकेट - 200 रूपया किलो

बदाम दाना - 120 रूपया किलो


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