होली की पूर्व संध्या पर सजी ठहाकों की महफिल
बगहा। रामनगर कलम में जंग देखी तो बड़ी चिता हुई मुझको उभरती काव्य प्रतिभा का भगवान क्या होगा--- जहां कविता नहीं होगी कला का रस नहीं होगा उसे कुछ और लो तुम मान वो हिदुस्तान क्या होगा?
बगहा। रामनगर, कलम में जंग देखी तो बड़ी चिता हुई मुझको, उभरती काव्य प्रतिभा का भगवान क्या होगा--- जहां कविता नहीं होगी, कला का रस नहीं होगा उसे कुछ और लो तुम मान, वो हिदुस्तान क्या होगा? यह पंक्तियां नगर के शिव मंदिर के प्रांगण में आयोजित होली काव्य रस रंग उत्सव में कवि व साहित्यकार अरूण दीपक ने कही। मार्मिक ढंग से लेखनी का दर्द प्रस्तुत करते हुए दीपक ने सबका दिल जीत लिया। मंगलवार की संध्या में स्थानीय कवि और साहित्यकारों में चंद्रमोहन दर्पण, शिवनाथ चौबे अनपढ़ आदि ने अपनी रचनाओं को प्रस्तुत कर श्रोताओं की खूब वाहवाही बटोरी। इसके साथ ही बाहर से आए कवि व हास्य व्यंग्यकारों में रूपेश श्रीवास्तव, देवरिया से आए बादशाह प्रेमी, गोपालगंज के दुर्गेश दुर्लभ, बरहज के मुन्ना मवाली, कुशी नगर से अवधेश किशोर आदि ने भी अपनी प्रस्तुति दी। साथ ही आजम गढ़ से आई महिला कवियत्री डॉ. प्रेमलता द्विवेदी ने होली के रस से सरोबार काव्यों की प्रस्तुति दी। अगुआ फगुआ आ केतना बबुआ के साथ ही अन्य हास्य कविताएं पसंद की गई। इस कार्यक्रम का उद्घाटन राजा मधुकर विक्रम शाह, प्रमुख प्रतिनिधि सुरेन्द्र यादव, समाजसेवी रंजन उपाध्याय, समाजसेवी मधुकर राय आदि ने किया। होली मिलन समारोह के रूप में आयोजित इस कार्यक्रम में महामूर्ख की उपाधि मुखिया संघ के प्रखंड अध्यक्ष जितेन्द्र बहादुर सिंह को दी गई। मंच संचालन का कार्य शिक्षक संदीप मिश्रा ने किया। युवा मंच के सौजन्य से कार्यक्रम में राजेन्द्र यादव, अनिल पटेल, नवीन श्रीवास्तव, अशोक राव, अवधेश सिंह, सदाकांत शुक्ला, ओबैदूर्रहमान, सुजल सिंह, रजनीश सिंह, जुगनू सिंह, पिटू गुप्ता, स्टेशन मास्टर शिशिर रॉय, राजेश तुलस्यान, सुशील छापोलिया, अरमान खान, डॉ. पीके उपाध्याय, अभिषेक राय, वार्ड पार्षद आसिफ अली, मो. मेराज, भुवनेश्वर अग्रवाल आदि उपस्थित रहें।