दिव्यांगों को मुख्य धारा में लाने का प्रयास कर रही है सरकार : आयुक्त
राज्य नि:शक्तता आयुक्त डा. शिवाजी कुमार ने कहा कि दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016 में दिव्यांगों की समस्याओं को प्राथमिकता के तौर पर निष्पादित करने का प्रावधान है।
बेतिया। राज्य नि:शक्तता आयुक्त डा. शिवाजी कुमार ने कहा कि दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016 में दिव्यांगों की समस्याओं को प्राथमिकता के तौर पर निष्पादित करने का प्रावधान है। इसी उद्येश्य से आज बेतिया में चलंत न्यायालय का आयोजन किया गया है। इसमें दिव्यांगों की कठिनाईयों को निकट से महसूस करने का अवसर प्राप्त हुआ है, इसलिए वे दिव्यांगों की समस्याओं, कठिनाईयों को दूर कर उन्हें मुख्यधारा में लाने का भरसक प्रयास करते रहेंगे। राज्य नि:शक्तता आयुक्त डा. कुमार मंगलवार काो नगर भवन में आयोजित चलंत न्यायालय के उदघाटन के क्रम में कही। उन्होंने कहा कि दिव्यांगजन हमारे समाज एवं राज्य के मुख्य अंग हैं। उनकी शारीरिक, मानसिक कमियों को देखते हुए उन्हें विशेष सहायता व सुविधा प्रदान करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि दिव्यांगों की समस्याओं को छोटे-छोटे उपायों से भी दूर किया जा सकता है। बस इसके लिए थोड़े संवेदनशील होने की जरूरत है।
इसके पूर्व राज्य नि:शक्तता आयुक्त्त, डॉ0 शिवाजी कुमार, उप विकास आयुक्त्त, श्री कपिलेश्वर मंडल, जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी, बेतिया, डीपीआरओ, सीएस, एडीएसएस, अपर नि:शक्तता आयुक्त्त आदि ने चलंत न्यायालय का संयुक्त रूप से उदघाटन किया। जिले के दिव्यांगजनों की शिकायतों का ऑन द स्पॉट निपटारा करने के लिए मंगलवार को नगर भवन, बेतिया इंडोर स्टेडियम में एक चलंत न्यायालय का आयोजन किया गया। सामाजिक सुरक्षा कोषांग की सहायक निदेशक ममता झा एवं कार्यालय कर्मियों द्वारा इस कार्य में महती भूमिका निभायी गई। चलंत न्यायालय में कुल 128 दिव्यांगों ने निबंधन कराया। इसमें से मौके पर ही सिविल सर्जन, डॉ0 लक्ष्मी नारायण ¨सह एवं उनके टीम द्वारा 21 व्यक्तियों को दिव्यांगता मेडिकल सर्टिफिकेट प्रदान किया गया। आयुक्त्त के आदेश पर बगहा-1 के पीएचईडी समन्वयक के खिलाफ दिव्यांगजनों के योजनाओं की राशि हड़प कर लेने के आरोप में पुलिस द्वारा प्राथमिकी दर्ज की गई। कैंप में ही एक दिव्यांग को रेलवे पास निर्गत किया गया। एक दिव्यांग डाटा ऑपरेटर को उनके अनुरोध पर निकट के रेफरल अस्पताल, लौरिया में स्थानांतरित किया गया। दिव्यांगजनों के समस्याओं का निराकरण होने पर उनके चेहरे पर खुशी एवं संतोष के भाव देखे गए।