गरीबी उन्मूलन को लेकर सरकारी प्रयास सराहनीय
बगहा। सरकार की ओर से गरीबी उन्मूलन के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए कई योजनाएं भी चलाई जा रही हैं।
बगहा। सरकार की ओर से गरीबी उन्मूलन के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए कई योजनाएं भी चलाई जा रही हैं। जिसका प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष लाभ गरीबों को मिलता है। बगहा दो बीडीओ प्रणव कुमार गिरि ने बताया कि गरीबी उन्मूलन के लिए सरकार हर स्तर पर प्रयासरत है। आवास योजना, खाद्यान्न वितरण, कृषि अनुदान से लेकर सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना तक के माध्यम से गरीबी उन्मूलन के क्षेत्र में काम किया जा रहा है। इसके अलावा शिक्षा में किताब, साइकिल से लेकर पोशाक योजना का लाभ देकर गरीबों को आर्थिक मदद किया जाता है। प्रत्येक वर्ष इसके मद में सरकार का करोड़ों रुपया खर्च होता है। उनके अनुसार इसका लाभ भी देखने को मिला है। आम आदमी के जीवन स्तर से लेकर शिक्षा स्तर तक में सुधार हुआ है। वहीं पोषण के क्षेत्र में भी इसका लाभ दिख रहा है। पांच साल पहले के मुकाबले आज गरीबी का दर गिरा है। इसका सबसे बड़ा प्रमाण यह देखा गया है कि विगत दिनों सरकार के तरफ से एक सर्वे कराकर लाभुकों का नाम राशन कार्ड एवं अन्य पात्र और अपात्र लोगों के नामों की छंटनी भी की जा रही है। हालांकि प्रशासन को इसका विरोध भी झेलना पड़ा है।
लेकिन सरकार के प्रयासों का असर देखने को मिला है। लोगों के जीवन स्तर से लेकर सामाजिक व शैक्षणिक स्तर में सुधार होने लगा है। कई जगहों पर कुछ एनजीओ के द्वारा भी इस पर काम किया जा रहा है। लेकिन उनका कार्यकलाप बगहा के क्षेत्र मे उतना कारगर नहीं हो सका है।
मनरेगा के माध्यम से गरीबी उन्मूलन का प्रयास
सरकार द्वारा मनरेगा के माध्यम से भी गरीबी उन्मूलन का प्रयास किया गया है। जिसका परिणाम यह है कि ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को जॉब कार्ड बनाकर उनको साल में एक सौ दिन रोजगार देने की योजना चलाई गई है। जिसके तहत प्रखंड क्षेत्र में वर्ष 2018-19 में करीब दो हजार व 19-20 में एक हजार मजदूरों को जॉबकार्ड देकर उनको सौ दिन काम भी दिया गया है। बेरोजगार हाथों को काम देना भी गरीबी उन्मूलन के क्षेत्र में एक बड़ा प्रयास है। बेलहवा मदनपुर पंचायत के बेलहवा निवासी गायत्री देवी, प्रेमकली देवी, सविता देवी, योगीन्द्र काजी, मनोज कुमार आदि ने बताया कि उन लोगों को पहले काम नहीं होने के चलते बेरोजगारी व गरीबी का सामना करना पड़ता था। कृषि आधारित क्षेत्र होने के चलते सिर्फ धान की खेती के समय करीब एक माह व कटनी के समय एक माह काम के बाद पूरे साल घर बैठ कर महाजन से कर्ज लेकर खाना पड़ता था। मनरेगा से काम मिलने के कारण अब बेरोजगारी के साथ गरीबी भी दूर हो गई। पीओ अमित कुमार उपाध्याय ने कहा कि क्षेत्र में जॉबकार्ड धारी सभी मजदूरों को नियमित रूप से काम दिया जाता है। सभी का ससमय मजदूरी भुगतान भी किया जाता है। इससे क्षेत्र के लोगों को रोजगार के साथ आर्थिक श्रोत भी प्रारंभ हो गया है।