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पिपरासी जाइए, शव खोजने में वहीं के सीओ मदद करेंगे

चार दिन पूर्व गंडक दियारे से मवेशियों के लिए चारा लेकर आने के क्रम में नदी में डूबे मधुबनी गांव निवासी रामनारायण जायसवाल (50)अभी भी लापता है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 02 Sep 2018 10:45 PM (IST)Updated: Sun, 02 Sep 2018 10:45 PM (IST)
पिपरासी जाइए, शव खोजने में वहीं के सीओ मदद करेंगे
पिपरासी जाइए, शव खोजने में वहीं के सीओ मदद करेंगे

बगहा। चार दिन पूर्व गंडक दियारे से मवेशियों के लिए चारा लेकर आने के क्रम में नदी में डूबे मधुबनी गांव निवासी रामनारायण जायसवाल (50)अभी भी लापता है। स्थानीय गोताखोरों ने तीन दिन तक लगातार कोशिश की। लेकिन, गंडक नदी में नहीं मिला। रामनारायण के परिजनों का रो रोकर बुरा हाल है। उनकी पत्नी इंद्रावती देवी ने बताया कि मेरे पति को खोजने के लिए कोई भी सरकारी व्यवस्था नहीं की गई । अगर सरकारी स्तर से कोशिश की गई होती तो वे मिल जाते । परिजन भी अब यह मान चुके हैं कि उनकी मौत हो गई है। उन्हें शव चाहिए। ताकि उसका अंतिम संस्कार कर सकें। इनके परिजनों ने शनिवार की शाम में सीओ से भी गुहार किया कि शव को खोजने के लिए सरकारी स्तर से कोई व्यवस्था की जाए। सीओ रंजीत कुमार ने कहा कि यह घटना पिपरासी अंचल की है। शव की खोज भी पिपरासी अंचल से ही होगी।

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रामनारायण की पत्नी ने नदी थाना के थानाध्यक्ष को बताया कि मेरे पति मवेशी के लिए चारा के लिए पिपरासी के रामनगर दियारा में गए थे। वहां से लौटने के क्रम में गंडक नदी में डूब गए। तीन दिन तक अपने स्तर से खोजबीन की गई। लेकिन सरकारी स्तर पर अभी तक कोई भी व्यवस्था नहीं की गई । उसने कहा कि शव को जल्द से जल्द खोजा जाए । ग्रामीणों एवं नदी थाना अध्यक्ष के नेतृत्व में घटना के दूसरे दिन डूबे हुए व्यक्ति की खोजबीन होती रही । शव बरामद नहीं हुआ । मधुबनी गांव निवासी रामायण जायसवाल अपने मवेशियों के चारे के लिए रामनगर के दियारे में गुरुवार की सुबह चले गए थे ।और शाम को आने के क्रम में नदी में गिर गए। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि रामायण जयसवाल नाव में चारा रख कर नाव को खेने लगे और उसी दौरान नदी में गिर कर डूब गए । शुक्रवार की सुबह से ही ग्रामीण डूबे हुए व्यक्ति की तलाश करते रहे।लेकिन डूबे हुए व्यक्ति का कोई अतापता नही चला।


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