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वीटीआर में लगी भीषण आग से गांवों में दहशत

वाल्मीकि टाईगर प्रोजेक्ट के मंगुराहां वन क्षेत्र में भीषण आग लगी है। रविवार को चौथे दिन भी आग पर काबू नहीं पाया जा सका।

By JagranEdited By: Published: Mon, 18 Mar 2019 12:33 AM (IST)Updated: Mon, 18 Mar 2019 12:33 AM (IST)
वीटीआर में लगी भीषण आग से गांवों में दहशत
वीटीआर में लगी भीषण आग से गांवों में दहशत

बेतिया। वाल्मीकि टाईगर प्रोजेक्ट के मंगुराहां वन क्षेत्र में भीषण आग लगी है। रविवार को चौथे दिन भी आग पर काबू नहीं पाया जा सका। बलबल सेक्टर 59 में लगी आग की वजह पेड़ों की क्षति हो ही रही है, वन्य प्राणी भी पलायन कर रहे हैं। कुछ जीव रिहायशी इलाकों में भी देखे जा रहे हैं। मंगुराहां के फॉरेस्टर मनोज कुमार सिंह ने बताया कि बलबल सेक्टर में भिखनाठोरी के पास जंगल मे चार दिनों से आग लगी हुई है। वनकर्मियों को आग बुझाने के काम में लगाया गया है। आग लगने का कारण जंगल के पगडंडी रास्तों से गुजरने वाले लोगों द्वारा बीड़ी और सिगरेट फेंक देना बताया जा रहा है। बता दें कि बिहार के इकलौता वाल्मीकि टाईगर रिजर्व में वन्य प्राणियों की अच्छी खासी संख्या हो गई है। इसमें बाघ, हिरण, सुअर, भालू, नीलगाय, साँप, साम्भर आदि वन्य अधिवास वाले जीव जंतुओं का आश्रय स्थल बन गया है । जंगल से सटे भिखनाठोरी और बलबल आदि गांवों के लोगों में इस बात की चिता है की आग फैलते हुए उन गांव को अपनी चपेट में ना ले। ग्रामीणों ने बताया कि जंगल में आग से बचने के लिए प्राणी सेक्टर और रेंज बदल रहे हैं, जबकि कुछ वन्य जीव रिहायशी इलाके में भी देखे जा रहे हैं। जंगल की कीमती लकड़ियों की भी भारी क्षति का अनुमान है। नये पौधे तो नष्ट हो ही रहे हैं। भिखनाठोरी के सदानंद साह, रीना खातून, नगीना साह, दयानन्द गुप्ता, पूर्व वार्ड सदस्य धन्नु देवी, नरेश कुमार आदि ने बताया कि डर बना हुआ है कि जंगल की आग गांव तक न पहुंच जाय। भिखनाठोरी गांव के बिल्कुल नजदीक जंगल धू-धूकर जल रहा है। आग बुझाने में लगे वनकर्मी फेकू बिन, नगीना पटवारी, गुड्डू कुमार, प्रभाकर कुमार, रामप्रवेश कुमार, सम्पत कुमार ने बताया कि आग बलबल जंगल में चार दिनों से जलते हुए भिखनाठोरी से लगभग चार किलो मीटर तक पहुंच गई है। तेज हवा के साथ उसका फैलाव हो रहा है। फोरेस्टर मनोज कुमार सिंह ने बताया कि वन कर्मियों से वहां पर लगी आग को बुझवाया जा रहा है। बलबल से भिखनाठोरी आने जाने के लिए जंगल मे एक पगडंडी रास्ता है। उसी रास्ते से नेपाल से लोग शराब पीकर या ऐसे भी आते जाते हैं। संभवत: उन्हीं लोगों द्वारा बीड़ी सिगरेट पीकर फेंक देने से आग लगी हो।

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