संस्थागत खपत नहीं होने से अंडे की मांग में नहीं आ रही तेजी
जिले में संस्थागत खपत में कमी आने के चलते अंडे की मांग में कमी आई है।
बेतिया। जिले में संस्थागत खपत में कमी आने के चलते अंडे की मांग में कमी आई है। कोरोना से पहले जिले में प्रतिदिन 2 लाख अंडे की बिक्री हो रही थी जो अब घटकर एक लाख के नीचे आ गई है। अंडे की मांग में कमी आने के पीछे संस्थागत मांगों में गिरावट आने की बात बताई जा रही है। संस्थागत खपत जैसे होटल्स, रेस्टोरेंट्स, सड़क के किनारे रेड़ियों में बेचे जाने वाले अंडे की बिक्री काफी गिर गई है। वहीं जिले में मध्याह्न भोजन योजना के तहत स्कूलों में अंडे की आपूíत बंद हो गई है। लॉकडाउन के चलते स्कूल भी बंद हैं। इन सभी का अवसर अंडे की बिक्री पर पड़ा है। जबकि जानकारों का मानना है कि अंडे की घरेलू खपत में थोड़ा इजाफा जरूर हुआ है। कई लोग सब्जी की जगह अंडा खाना ही पसंद कर रहे हैं। जबकि हम अंडों के उत्पादन पर गौर करें, तो इसके उत्पादन में कमी नहीं आई है। उत्पादन की तुलना में मांग में कमी आई है। पांच रुपये की जगह साढ़े तीन रुपये में बिक रहा अंडा
मांग में गिरावट आने का सबसे व्यापक असर इसके मूल्य में कमी आना है। कोरोना काल से पहले एक अंडा की कीमत पांच रुपये था, जो अब घटकर तीन रुपये पचास पैसे हो गया है। जबकि पॉल्ट्री फार्म से एक अंडा रिटेलरों को दो रुपये अड़सठ पैसे में प्राप्त होता है। जबकि अंडे के उत्पादन में गिरावट नहीं आई है। वहीं चिकित्सकों का मानना है कि अंडा हमारे शरीर का रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ता है। इसमें प्रोटीन के साथ-साथ कई तरह खनिज तत्व एवं वसा होते हैं, जो शरीर के विकास के लिए अति आवश्यक है। शहर के प्रख्यात शल्य चिकित्सक डा. मोहनीश कुमार सिन्हा का कहना है कि अंडा में प्रोटीन, खनिज तत्व एवं वसा विद्यमान रहते हैं। ये सभी तरह से शरीर को आवश्यक पोषण प्रदान करता है, जो बीमारियों से लड़ने में हमारी मदद करता है। जिले में अंडे की मांग एवं कीमत एक नजर में
* कोरोना काल से पहले अंडे की मांग -2 लाख प्रतिदिन
* कोरोना काल में जिले में अंडे की मांग -1 लाख प्रतिदिन
* पॉल्ट्री फार्म में एक अंडे की कीमत 2.68 रुपये
* एक अंडे की रिटेल कीमत -3.50 रुपये