ट्रेन से कटने पहुंचे वृद्ध की चालक ने बचाई जान
नरकटियागंज-गोरखपुर रेलखंड में परिचालित सवारी गाड़ी 55073 से कटने को ट्रैक पर सोए एक वृद्ध को चालक ने बचा लिया। बेटा पतोहू की प्रताड़ना से आजिज वृद्ध को ट्रैक से हटाने के बाद भी वह दोबारा इंजन के नीचे कटने के लिए पहुंच गया।
बेतिया। नरकटियागंज-गोरखपुर रेलखंड में परिचालित सवारी गाड़ी 55073 से कटने को ट्रैक पर सोए एक वृद्ध को चालक ने बचा लिया। बेटा पतोहू की प्रताड़ना से आजिज वृद्ध को ट्रैक से हटाने के बाद भी वह दोबारा इंजन के नीचे कटने के लिए पहुंच गया। फिर भी चालक ने उसे बचा लिया। इसके बाद उसे ग्रामीणों को सुपुर्द कर ट्रेन को आगे बढ़ाया। ग्रामीणों ने ट्रेन चालक संजय कुमार और उप चालक दीपक कुमार की इस पहल को मानवता से जुड़ा और संवेदनशील व्यक्तित्व की संज्ञा दी है। बता दें कि सवारी गाड़ी शनिवार को करीब 11:30 बजे नरकटियागंज स्टेशन से खुली। ट्रेन पूरी तरह प्लेटफॉर्म छोड़ चुकी थी। तभी हरबोड़ा नदी के पास ट्रैक पर उजला कपड़ा में सोया हुआ एक व्यक्ति दिखाई पड़ा। फिर चालक को शंका हुई और तत्क्षण ब्रेक लगा दिया। इंजन से उतर कर उस वृद्ध को ट्रैक से हटाते हुए बचा लिया। जैसे ही चालक और उप चालक इंजन पर सवार हुए और ट्रेन बढ़ाने की कोशिश करने लगे तो फिर वह वृद्ध इंजन के नीचे कटने की खातिर घुसने लगा। नजर पड़ी तो चालक फिर इंजन से उतरा और वृद्ध को खींचकर बाहर निकाला। तब तक कुछ ग्रामीण भी वहां पहुंच गए। जब वृद्ध से पूछा गया तो बताया कि बेटे व पतोहू उसे मारते हैं। प्रताड़ित करते हैं। ऐसी जिदगी जीने से मर जाना ही अच्छा है। फिर भी लोगों ने उसे समझाया। चालक ने वहां पहुंचे ग्रामीणों को उसे सिपुर्द कर दिया। वहां उपस्थित लोगों का यह कहना था कि जिसने जन्म दिया और सारी जिदगी अपने बाल बच्चों के लिए खपा दी आज वैसे वृद्ध को अपने ही घर में प्रताड़ित होना पड़ता है। वह वृद्ध समीप के धूमनगर गांव का रहने वाला है। हालांकि उसने अपना नाम नहीं बताया।