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डॉ. संजय को मिली भाजपा की कमान, रणकौशल ने फूंकी राजद में जान

बेतिया। पश्चिम चंपारण जिले के सांसद डॉ संजय जायसवाल से जिले का पूरे बिहार में बड़ा नाम हुआ। बेतिया के निवासी डॉ. जायसवाल को इस वर्ष भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष की कमान मिल गई।

By JagranEdited By: Published: Fri, 20 Dec 2019 11:50 PM (IST)Updated: Sat, 21 Dec 2019 06:10 AM (IST)
डॉ. संजय को मिली भाजपा की कमान, रणकौशल ने फूंकी राजद में जान
डॉ. संजय को मिली भाजपा की कमान, रणकौशल ने फूंकी राजद में जान

बेतिया। पश्चिम चंपारण जिले के सांसद डॉ: संजय जायसवाल से जिले का पूरे बिहार में बड़ा नाम हुआ। बेतिया के निवासी डॉ. जायसवाल को इस वर्ष भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष की कमान मिल गई। इस वजह से भी जिले का मान बढ़ा। वहीं राजद को युवा नेता रणकौशल प्रताप सिंह की वजह से नई शक्ति मिली है। युवाओं की बढ़ी तादाद अभी रणकौशल के साथ जुड़ी है। जदयू के शत्रुघ्न प्रसाद कुशवाहा जैसे जुझारू कार्यकर्ता को पार्टी ने जिलाध्यक्ष की जिम्मेदारी दी। लेकिन पूरे एक वर्ष में जन सरोकार के मुद्दे पर आम-अवाम को झकझोरने में राजनीतिक दलों को सफलता नहीं मिली। आधी आबादी ने घर की दहलीज को लांघकर राजनीति में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई और अपने हुनर का लोहा भी मनवाया। वाल्मीकिनगर के पूर्व सांसद सतीश चंद्र दूबे को भाजपा ने राज्यसभा सदस्य मनोनीत किया। यह भी जिले के लिए एक बड़ी राजनीतिक उपलब्धि है।

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पश्चिम चंपारण को मिलेगी राजनीतिक बुलंदी

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पश्चिम चंपारण जिले के सांसद व भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल का कहना है कि जिले के आम लोगों के प्रेम और आशीर्वाद का फल है कि पार्टी ने इतनी बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। उस जिम्मेदारी का बखूबी निर्वहन कर रहे हैं। मेरी कोशिश है कि जिले को राजनीतिक बुलंदी मिले। विकास के मामले में भी यह जिला सदैव अग्रणी रहा है और रहेगा। सामाजिक एकता के साथ विकास का परचम लहराएंगे।

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उद्योगपति दीपक यादव भाजपा के सारथी

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वाल्मीकिनगर लोकसभा क्षेत्र से बसपा से चुनाव लड़ने वाले उद्योगपति दीपक यादव भाजपा में शामिल हुए। ये भी किसी उपलब्धि से कम नहीं है। बगहा के इलाके में दीपक यादव के भाजपा में आने से कार्यकर्ताओं को बल मिला है। जिस तरह से दीपक यादव ने पटना में आयोजित एक समारोह में भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। उससे यहां की राजनीतिक गलियारे में महीनों तक चर्चा का बाजार गर्म रहा।

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बेतिया विधायक का बढ़ा कद

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बेतिया के कांग्रेस के विधायक मदन मोहन तिवारी की भी खासी लोकप्रियता है। वे जनता से जुड़े मुद्दे को लेकर काफी संघर्ष कर रहे हैं। बेतिया विधानसभा क्षेत्र ही नहीं पूरे जिले में कांग्रेस को इनके प्रयास से काफी बल मिला है। इसके अतिरिक्त विकास कार्यों को भी लेकर काफी संजीदा रहते हैं। चाहे व सिक्का की समस्या हो या भी शहर के व्यापारियों की पीड़ा। हर किसी का सुध लेने के लिए सदैव तत्पर रहते हैं। हालांकि कांग्रेस के जिलाध्यक्ष नरेंद्र शर्मा के पार्टी की गतिविधियों में काफी उल्लेखनीय योगदान है।

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दलित महिला को मिला पद्मश्री

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रामनगर की विधायक भागीरथी देवी को पद्मश्री मिलना भी जिले के लिए गौरव की बात है। लगातार पांचवीं बार विधायक रहीं भागीरथी देवी मूलत: नरकटियागंज की निवासी हैं। जब उन्हें पद्मश्री से नवाजा जा रहा था तो समाज का हर तबके ने सरकार के इस प्रयास की सराहना की। राजनीतिक विरोधी भी भागीरथी देवी को मिले सम्मान से गौरवान्वित हुए थे।

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वैद्यनाथ महतो को मिली कामयाबी

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पिछले पांच वर्ष तक सत्ता से दूर रहने वाले जदयू के वरीय नेता वैद्यनाथ प्रसाद महतो ने बीते लोकसभा चुनाव में दमदार उपस्थिति दर्ज कराई। वाल्मीकिनगर लोकसभा क्षेत्र से एनडीए के टिकट पर चुनाव जीते। चूंकि तत्कालीन सांसद सतीश चंद्र दूबे को भाजपा ने गठबंधन धर्म का निर्वाह करने के लिए टिकट नहीं दिया था। ऐसा लगा रहा था कि इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। लेकिन भाजपा नेतृत्व की वजह से सबकुछ सामान्य हुआ और भारी मतों के अंतर से वैद्यनाथ प्रसाद महतो सांसद बने थे।

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रणकौशल ने दिखाई सक्रियता

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लौरिया विधानसभा क्षेत्र के पूर्व पार्टी प्रत्याशी रणकौशल प्रताप सिंह उर्फ गुड्डू सिंह ने पार्टी में जमकर सक्रियता दिखाई। पार्टी के कार्यक्रमों में अग्रणी भूमिका का निर्वाह किया। रणकौशल की इसी मेहनत का प्रतिफल रहा कि पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने उनपर विश्वास जताते हुए प्रदेश महासचिव बनाया। साथ ही यह भी संकेत दिया कि रणकौशल जिले में पार्टी की लंबी पारी खेल सकेंगे।

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वामदलों ने भी दिखाया दम

जनसरोकार के कई मुद्दों पर वामदल जरूर मुखर दिखे। इस दौरान किसान हित, गरीबों को उजाड़ने व भ्रष्टाचार के मुद्दे पर भाकपा माले, भाकपा व माकपा ने धरना-प्रदर्शन कर जरूर गरीबों के दर्द को हल्का करने का प्रयास किया, मगर वे भी अपने लक्ष्य में पूरी तरह कामयाब नहीं रहे। सड़कों पर उनका प्रदर्शन जनता की मुश्किलें कम करने में कामयाब नहीं हो सकी। मगर, इतनी बात जरूर सामने आई कि हर जोर जुल्म के चक्कर में ये सड़कों पर जरूर खड़े नजर आ जाते हैं।

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उम्मीदें 2020

जनता की समस्याओं के निदान को मुखर होंगे राजनीतिक दल वर्ष-2019 भले ही राजनीतिक गतिविधियों में बहुत ज्यादा गर्माहट नहीं आई, लेकिन 2020 जरूर यहां की राजनीति में गर्माहट लाएगा। राज्य में आम चुनाव को लेकर माहौल बनाना है। इसी में जनता की समस्याएं मुंह बाए खड़ी हैं। चनपटिया में बंद चीनी मिल को चालू कराना। गन्ना किसानों के भुगतान की पीड़ा। रोजगार की बड़ी समस्या। पलायन रोकने की जिम्मेदारी। ट्रेनों की लचर व्यवस्था। मुजफ्फरपुर- गोरखपुर रेलखंड को दो टुकड़ा में बांटकर यात्रियों की पीड़ा बढ़ाने के बाद मरहम की नहीं हो सकी व्यवस्था। कुमारबाग में स्टील प्रोसेसिग यूनिट की बदहाल स्थिति आदि के निदान के लिए राजनीतिक दल संघर्ष का रास्ता अपनाएंगे।


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