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छठ पूजा सामग्रियों की खरीदारी में जुटे श्रद्धालु, बाजार गुलजार

बेतिया। छठ की तैयारी तेज हो गई है। बुधवार को नहाय खाय के साथ पर्व आरंभ हो जाएगा।

By JagranEdited By: Published: Wed, 18 Nov 2020 12:15 AM (IST)Updated: Wed, 18 Nov 2020 12:15 AM (IST)
छठ पूजा सामग्रियों की खरीदारी में जुटे श्रद्धालु, बाजार गुलजार
छठ पूजा सामग्रियों की खरीदारी में जुटे श्रद्धालु, बाजार गुलजार

बेतिया। छठ की तैयारी तेज हो गई है। बुधवार को नहाय खाय के साथ पर्व आरंभ हो जाएगा। इसको देखते हुए पूजा सामग्रियों की खरीदारी के लिए बाजार में रौनक आ गई है। बाजार श्रद्धालुओं से भरा पटा रहा। छठ पर्व पर पूजा के लिए लोग हर छोटी से छोटी सामग्रियों को जुटाने में लगे रहे। लोग छठ की पूजा शुरू होने से पहले सारी तैयारी पूरी कर लेना चाहते हैं। इस बार अठारह नवंबर से चार दिवसीय छठ पर्व शुरू हो रहा है, जो एक्कीस नवंबर तक चलेगा। छठ में सफाई और शुद्धता का बहुत ध्यान रखा जाता और कोई सामग्री छूट न जाए। इसका भी पूरा ध्यान रखते हैं क्योंकि छठ में हर छोटी से छोटी चीजों की अपनी अहमीयत होती है। इसलिए व्रती समय से सारी तैयारियां पूरी कर रहे हैं। इसको लेकर बाजार की रौनक बदल गई है। विभिन्न स्थानों पर पूजन सामग्रियां बिक रही है। श्रद्धालु अपनी अपनी जरूरतों के अनुसार खरीदारी कर रहे हैं। इसको लेकर आर्य समाज रोड, सब्जी मंडी, महात्मा गांधी रोड, सोनार पट्टी समेत विभिन्न मार्केट गुलजार रहे।

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छठ में छ प्रकार के फलों का खास महत्व

आस्था का महापर्व छठ के लिए विभिन्न प्रकार के फलों का काफी महत्व है। आचार्य उपेंद्र नाथ तिवारी ने बताया कि फलों व सामग्रियों में नारियल, केला, नींबू, सिगारा, ईख और गुड़ मुख्य रूप से शामिल हैं। इन पूजन सामग्रियों के बाहरी आवरण सख्त होते हैं जिनसे इस इनमें शुद्धता बनी रहती है। आचार्य ने बताया कि छठ मईया को प्रिय फलों में इनकी व्यवस्था श्रद्धालु करते हैं। श्रद्धालु अपनी मनोकामना पूर्ण करने के लिए नारियल चढ़ाने की मनौती भी मांगते हैं। इसलिए कुछ व्रतियों के डाले में कई कई नारियल होते हैं। नारियल को देवी लक्ष्मी का स्वरूप और परम पवित्र फल माना जाता है। केला को भगवान विष्णु का प्रिय फल माना जाता है। यह पवित्र फल है। लोग मनोकामना पूर्ति के लिए केले का घौद भेंट करने का प्रण लेते हैं। गन्ना का आवरण भी सख्त होता है। छठ में गन्ना का भी काफी महत्व है। ईख के गुड़ का प्रसाद ही बनाया जाता है। नींबू और परंपरागत रूप से शुभ के लिए सुपारी का भी इस पर्व में काफी महत्व है। आचार्य ने बताया कि जल सिगारा माता लक्ष्मी को भी प्रिय है। रोग नाशक व शक्ति वर्धक माना जाता है।

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वस्त्र की दुकानों पर आयी रौनक

छठ पूजा के लिए कोशी, बांस का सुपली, दउरा, साड़ी समेत अन्य वस्त्रों की खरीदारी कर रहे हैं। व्रतियों के लिए नए वस्त्र में पर्व करने की परंपरा रही है। इस वजह कपड़ा और रेडीमेड की दुकानों पर भी काफी भीड़ लग रही है। पूजा करने वाली व्रती महिला नयी साड़ी में ही पूजा करती है। इसलिए इस समय साड़ी की दुकानों पर भीड़ लगी हुई है। साथ ही इस समय चूड़ी, बिदी सहित महिलाओं की श्रृंगार सामग्रियों की दुकानों पर भी लोगों की भीड़ देखी जा सकती है। महंगे बिके कद्दू और नारियल

नहाय खाय के साथ छठ का पर्व आज आरंभ हो जाएगा। इसके लिए कद्दू की काफी महता है। बाजार में एकाएक कद्दू की मांग बढ़ने से महंगे दाम पर बिक रहा है। चुकी व्रतियों के लिए नहाय खाय के पर्व में कद्दू का सेवन करना आवश्यक माना जाता है। जिसको लेकर प्रत्येक व्रतियों के लिए इसकी पूर्ति को बाजार में श्रद्धालु पहुंचते हैं। छोटे से छोटे प्रति कद्दू की कीमत 40 से 60 रुपये की रही। इसी तरह प्रति नारियल 30 से 40 रुपये में बिक रहा है।


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