भिखनाठोरी बॉर्डर पर विवाद का समाधान, नदी के रास्ते आवाजाही पर रहेगी पाबंदी
बेतिया। भारत- नेपाल सीमा के भिखनाठोरी बॉर्डर पर तीन दिनों से चल रहे विवाद का समाधान शनिव
बेतिया। भारत- नेपाल सीमा के भिखनाठोरी बॉर्डर पर तीन दिनों से चल रहे विवाद का समाधान शनिवार की शाम में कर लिया गया। एसएसबी के सहायक सेनानायक विकास गुप्ता और नेपाली आर्म्ड पुलिस फोर्स के इंस्पेक्टर शंकर कोइराला के नेतृत्व में नेपाली नागरिकों के साथ वार्ता हुई। पुराने गिले शिकवे को दूर करने का प्रयास किया गया। वार्ता के बाद नेपाली नागरिकों ने तोड़े गए नाले को बांध दिया, जिससे भारतीय क्षेत्र में फिर से पानी आने लगा। हालांकि भिखनाठोरी से नेपाल के ठोरी आने जाने के लिए नदी के रास्ते आवाजाही पर फिलहाल पाबंदी रहेंगी। मुख्य रास्ते से एसएसबी कैंप होकर आवश्यक कार्य से एक-दो लोग आ जा सकेंगे। समूह में आने जाने पर रोक रहेगी। कोविड-19 को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। इस निर्णय के बाद दोनों देश के लोगों ने राहत की सांस ली। बता दें कि बीते 21 जनवरी की दोपहर नदी के रास्ते आवाजाही कर रहे नेपाली नागरिकों को एसएसबी जवानों ने रोका था। कथित तौर पर बदसलूकी एवं मारपीट करने का आरोप लगा नेपाली नागरिकों ने हंगामा किया। इसके विरोध में अगले दिन नेपाली पुलिस ने भारतीय मजदूरों को नेपाल में प्रवेश से रोक दिया। आधा दर्जन मजदूरों को वापस लौटा दिया। फिर शनिवार की सुबह में नेपाली नागरिकों ने उजला पहाड़ से होकर भारतीय क्षेत्र में आने वाले नाले को बंद कर दिया। उसके बाद सीमा पर बसे एकवा समेत अन्य गांव के लोगों की सक्रियता बढ़ी। ग्रामीणों ने पानी बंद किए जाने की सूचना एसएसबी को दी। फिर ग्रामीणों एवं एसएसबी के प्रयास से तनाव को खत्म कर पानी चालू कराया गया। एसएसबी के सहायक सेनानायक विकास गुप्ता ने बताया कि बॉर्डर पर गतिरोध की सूचना मिली थी। जिसे सुलझा दिया गया है।