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पश्चिम चंपारण में प्रवासी कामगारों को उद्यमी का दर्जा दिलाने की मुहिम शुरू

बेतिया। कोरोना वायरस के संक्रमण के खतरों के बीच हर किसी का विश्वास डगमगा रहा है। आम लोगों से लेकर पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारी भी कोरोना से बचाव को लेकर काफी दबाव में हैं। इस बीच 22 मई को क्वारंटाइन सेंटरों की ऑनलाइन समीक्षा के दौरान जब सीएम ने सराहना की तो यहां के अधिकारियों का हौसला बुलंद हुआ।

By JagranEdited By: Published: Tue, 26 May 2020 12:41 AM (IST)Updated: Tue, 26 May 2020 06:06 AM (IST)
पश्चिम चंपारण में प्रवासी कामगारों को उद्यमी का दर्जा दिलाने की मुहिम शुरू
पश्चिम चंपारण में प्रवासी कामगारों को उद्यमी का दर्जा दिलाने की मुहिम शुरू

बेतिया। कोरोना वायरस के संक्रमण के खतरों के बीच हर किसी का विश्वास डगमगा रहा है। आम लोगों से लेकर पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारी भी कोरोना से बचाव को लेकर काफी दबाव में हैं। इस बीच 22 मई को क्वारंटाइन सेंटरों की ऑनलाइन समीक्षा के दौरान जब सीएम ने सराहना की तो यहां के अधिकारियों का हौसला बुलंद हुआ।

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जिलाधिकारी कुंदन कुमार कोरोना संक्रमण काल में प्रवासी कामगारों को उद्यमी बनाकर पूरे बिहार में एक बार फिर मॉडल प्रस्तुत करने के अभियान में जुट गए हैं। पेवर ब्लॉक के निर्माण से जिले में रोजगार सृजन की दिशा में कदम बढ़ाया गया है। पंजाब के बरनाला से आए कुशल कामगारों से पेवर ब्लॉक निर्माण कराने का काम शुरू करा दिया है।

इन्हीं में से कुशल कामगार राजबली ने 60 प्रवासी कामगारों को प्रशिक्षित कर दिया है। पेवर ब्लॉक के निर्माण के लिए जिला प्रशासन की ओर से आवश्यक किट एवं सामग्री भी उपलब्ध कराई गई है। इन कामगारों ने बेतिया पर्यवेक्षण गृह में बने क्वारंटाइन सेंटर में अबतक सात हजार पेवर ब्लॉक का निर्माण भी कर चुके है। डीएम श्री कुमार ने बताया कि इन कामगारों को उद्यमी दर्जा दिलाया जाएगा। इसके लिए जगह की तलाश की जा रही है। ताकि उनके द्वारा निíमत पेवर ब्लॉक की स्वामित्व उन्हीं की होगी और यह रोजगार देने का एक महत्वपूर्ण अंग साबित होगा।

राज्य सरकार के निर्देश पर जिले में आने वाले श्रमिकों की मैपिग कराई जा रही है। इसमें कुशल एवं अन्य की श्रेणी में रोजगार देने का प्रावधान है। जिला प्रशासन की ओर से अधिक से अधिक श्रमिकों को पेवर ब्लॉक बनाने के कार्य में लगाया जाएगा। 4 लाख 30 हजार पेवर ब्लॉक की है आवश्यकता

वर्तमान में जल जीवन हरियाली के लिए जितने तालाबों का सर्वेक्षण किया गया है। उसमें 4 लाख 30 हजार पेवर ब्लॉक की आवश्यकता है। इसके अलावा बेतिया, नरकटियागंज एवं बगहा नगर परिषद क्षेत्र में बड़ी संख्या में पेवर ब्लॉक की जरूरत है। डीएम ने बताया कि विभिन्न सरकारी योजनाओं के चलते इनकी मांग प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। अधिक मांग होने के चलते यह क्षेत्र बेहतर रोजगार देने का जरिया बनेगा। फिलवक्त पेवर ब्लाँक पंजाब के बरनाला एवं भटिडा से लाया जाता है। जब यहां निर्माण होने लगेगा तो बाहर से मंगाने पर रोक लगा दी जाएगी। अब यहां के कामगारों के द्वारा निíमत पेवर ब्लॉक का इस्तेमाल होगा।

बांका में शिक्षा तो बेतिया में देंगे रोजगार का मॉडल

डीएम कुंदन कुमार इसके पहले बांका में थे। वहां आनलाइन शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए उन्नयन एप विकसित किया था। यह मॉडल न सिर्फ बिहार का रहा। बल्कि देश और विदेश में भी ख्याति प्राप्त की। इसके लिए इन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिला। अब कोरोना संक्रमण काल में अन्य प्रांतों से लौटे प्रवासियों को काम देना सरकार के लिए एक चुनौती बना है। इस दौर में पेवर ब्लॉक का निर्माण आरंभ करा कर डीएम ने एक बार फिर पूरे देश में मॉडल प्रस्तुत करने की दिशा में कदम बढ़ा दिया है। हालांकि इनके इस कदम की सराहना स्वयं सीएम ने भी की है।


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