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फिर सड़क पर पहुंचा मगरमच्छ, किसी बड़ी घटना केइंतजार में वन महकमा

बगहा। पिपरा-पिपरासी तटबंध पर मंगलवार की देर शाम एक मगरमच्छ सड़क मुख्य मार्ग पर पहुंच कर

By JagranEdited By: Published: Wed, 04 Aug 2021 11:55 PM (IST)Updated: Wed, 04 Aug 2021 11:55 PM (IST)
फिर सड़क पर पहुंचा मगरमच्छ, किसी बड़ी घटना केइंतजार में वन महकमा
फिर सड़क पर पहुंचा मगरमच्छ, किसी बड़ी घटना केइंतजार में वन महकमा

बगहा। पिपरा-पिपरासी तटबंध पर मंगलवार की देर शाम एक मगरमच्छ सड़क मुख्य मार्ग पर पहुंच कर राहगीर का रास्ता रोक लिया। काफी मशक्कत के बाद उसे हटाया गया तो लोगों ने राहत की सांस ली।

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पिपरासी पंचायत में इन दिनों मगरमच्छ का आतंक चरम पर है । प्रतिदिन मगरमच्छ गंडक नदी या नाले में से निकल कर सड़क पर बैठ जाना उसके लिए आम बात है ।

मंगलवार की देर शाम में एक मगरमच्छ नाले से निकलकर पीपी तटबंध से गुजरने वाली पंचायत द्वारा निर्मित पीसीसी सड़क पर बैठा हुआ मिला । ग्रामीणों के सहयोग से उसे सड़क से भगाया गया । शुक्र था कि वह हमला नहीं किया। आए दिन मगरमच्छों के बाहर निकलने के बाद भी वन विभाग संज्ञान नहीं ले रहा है। जिससे ग्रामीणों में आक्रोश है। ग्रामीणों का कहना है कि वन विभाग किसी बड़ी घटना का इंतजार कर रहा है। पिछले दिनों जल संसाधन विभाग के सहायक अभियंता गौतम कुमार अपनी टीम के साथ तटबंध पर गश्त कर रहे थे तो मगरमच्छ नाले से निकलकर सड़क पर पहुंच गया। काफी कोशिश के बाद उसे हटाया गया।

बता दें कि मगरमच्छों का एक विशाल झुंड पीपी तटबंध के बगल के एक नाले में एक दशक से निवास कर रहा है। अब तक तीन किसानों को जख्मी कर चुका है। नाले के आसपास रहने वाला आधा दर्जन लोग वहां छोड़कर यूपी में शरण लिए हैं। मगरमच्छ को यहां से वन विभाग नहीं ले जा रहा है। बल्कि पांच और मगरमच्छ के बच्चों को इसी नाले में छोड़ दिया गया। प्रखंड प्रमुख यशवंत नारायण यादव, मुखिया उर्मिला देवी, सरपंच दिनेश्वर तिवारी, वार्ड सदस्य उपेंद्र मिश्रा, पूर्व वार्ड सदस्य डिगरी मिश्रा, राजेंद्र यादव, अवधेश देहाती, शिक्षक गजानन प्रसाद, विकर्षक अनिल साव, उपसरपंच सुभाष बैठा, वार्ड सदस्य कपिल बैठा आदि ने इसकी स्थाई निदान की मांग प्रशासन और वन विभाग से किया है। पोखरे में पहुंच मछलियों को खा जाता मगरमच्छ तटबंध से करीब तीन सौ मीटर पर एक पोखरा है। वहां मगरमच्छ पहुंचकर मछलियों को खा जाता है। किसान परसौनी निवासी गणेश शर्मा बताते हैं कि मेरे पोखरे में कई बार मगरमच्छ प्रवेश कर मछलियों को खा जाता है। जिससे आर्थिक नुकसान होता है।

परसौनी गांव निवासी जयनारायण गुप्ता ने बताया कि मेरे घर में चार साल उनके घर में मगरमच्छ घुस गया। अचानक नींद खुली तो किसी तरह जान बचाकर वहां से भागे। ग्रामीणों के सहयोग से मगरमच्छ को रस्सी में बांधा गया और वन विभाग को सूचना दी गई।


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