शौचालय निर्माण में गोलमाल, पुराने को दिखा ले लिया अनुदान
बैरिया प्रखंड में बगही बघंबरपुर पंचायत को सबसे पहले ओडीएफ किया गया था। शौचालय बना जिसमें बहुत सारे शौचालय उपयोग के लायक नहीं हुए है।
बेतिया । बैरिया प्रखंड में बगही बघंबरपुर पंचायत को सबसे पहले ओडीएफ किया गया था। शौचालय बना जिसमें बहुत सारे शौचालय उपयोग के लायक नहीं हुए है। कई जगहों पर शौचालय जीर्ण-शीर्ण अवस्था में होने के कारण लोग शौचालय का उपयोग नहीं करते हैं। शौच के लिए सरेह का रास्ता अपनाते हैं। इससे साबित होता है कि शौचालय में सरकारी राशि का दुरुपयोग किया गया है। इसके बावजूद ओडीएफ घोषित करना योजना में भारी अनियमितता को उजागर करता है। जिससे लोहिया स्वच्छ अभियान की धज्जियां उड़ रही हैं।
इनसेट
शौचालय की हालत जर्जर
स्थानीय लोगों की माने तो निर्माण के कुछ दिनों तक तो यह उपयोग करने लायक था, लेकिन फिर देख-रेख के अभाव में इनकी हालत इतनी बुरी हो गई कि इनका उपयोग करना असंभव हो गया। पंचायत को सबसे पहले ओडीएफ घोषित करने के चक्कर में आनन-फानन में शौचालय का निर्माण किया गया। कई लाभुकों के पुराने शौचालय की रंगाई-पोताई कर अनुदानित राशि का भुगतान कर दिया गया। फलस्वरुप शौचालय निर्माण होते ही हालत बिगड़ गई। कुछ के छत टूट गए तो, कुछ के सीटें खराब हो गई। कहीं का दरवाजा तक गायब हो गया। ऐसे में शौचालय में शौच करने के बजाय लोग सरेह की ओर रूख करने लगे। ग्रामीण मनोज कुमार, सलामन राय, मुंशी महतो बताते हैं कि गांव के कई लोग ऐसे हैं कि शौचालय रहने के बावजूद भी उसका इस्तेमाल नहीं करते है। वार्ड संख्या 05 मुशहरी खलवा टोला, वार्ड 07 एवं वार्ड नंबर 08 मलाह टोली में बहुत से घरों में शौचालय नहीं है। बावजूद ओडीएफ घोषित कर दिया गया है। वहीं मुन्ना कुमार ने बताया कि अपने पैसे से शौचालय का तो निर्माण कराया गया, बावजूद उन्हें शौचालय की राशि का भुगतान नहीं किया गया है। ऐसे दो दर्जन लोग हैं, जो शौचालय का निर्माण करा कर भुगतान के लिए प्रखंड कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं।
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कई गांवों के पास सड़कों पर दिखती गंदगी
कई गांव से जुड़े रास्तों को देखकर ओडीएफ का सच्चाई सामने आती है। एक तो जागरूकता की कमी और दूसरी व्यवस्था की शिथिलता। शौचालय निर्माण होने के बाद भी संबंधित परिवार के कुछ लोग आदतन सरेह और सड़कों को ही उपयोग में लाते हैं और गंदगी फैलाते हैं। जबकि उसमें कई ऐसे लोग शामिल होते जिनका अब तक शौचालय नहीं बना। ग्रामीणों का कहना है कि कभी एक गड्ढा का शौचालय तो कभी दो गड्ढे का। इस फेरे में कई लोगों का भुगतान नहीं हुआ।
इनसेट बयान
स्वच्छता लोहिया मिशन के तहत प्रत्येक पंचायत में शौचालय निर्माण कराना था। उनके आने से पूर्व बगही बघंबरपुर पंचायत को ओडीएफ घोषित कर दिया गया। अगर पंचायत में शौचालय निर्माण में अनियमितता पाई जाती हैं तो जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी।
वरूण केतन
बीडीओ, बैरिया।
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ओडीएफ होने के बाद भी कुछ घरों में जमीन के अभाव में शौचालय नहीं बना हैं। वहीं पुराने शौचालय पर भुगतान का मामला गलत है। शौचालय का उपयोग करने के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है।
मो. इस्लाम
मुखिया, बगही बघंबरपुर पंचायत।