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नेपाली हाथियों के डर से ग्रामीणों ने जग कर गुजारी रात

मैनाटांड़। नेपाल से आए हाथियों के झुंड के डर से रात भर लोग जागते रहे। चूंकि हाथियों

By JagranEdited By: Published: Thu, 13 Aug 2020 12:19 AM (IST)Updated: Thu, 13 Aug 2020 06:15 AM (IST)
नेपाली हाथियों के डर से ग्रामीणों ने जग कर गुजारी रात
नेपाली हाथियों के डर से ग्रामीणों ने जग कर गुजारी रात

मैनाटांड़। नेपाल से आए हाथियों के झुंड के डर से रात भर लोग जागते रहे। चूंकि हाथियों के गांव में प्रवेश करने का भी डर रहता है। ऐसे में बीती रात ग्रामीण जगे रहे। आधी रात के बाद जब बारिश होने लगी तब ग्रामीणों को हाथियों के आने का डर खत्म हुआ। बताया जाता है कि अभी हाथी नेपाल की सीमा में प्रवेश कर चुके हैं। सूचना पर वन परिसर पदाधिकारी प्रमोद चौधरी के नेतृत्व में वन कर्मियों का गश्ती दल मौके पर पहुंचकर हाथियों की खोज शुरू कर दी है। जानकारी के अनुसार नेपाल के जंगलों से दर्जनाधिक के संख्या में हाथियों का झुंड भटक कर वाल्मीकिनगर टाइगर प्रोजेक्ट के जंगलों में अपना डेरा डाले हैं। सूत्रों का मानना हैं कि विगत कई दिनों से हाथियों का झुंड भारतीय क्षेत्र के जंगलों में डेरा डाले हुए हैं। चक्रसन के वार्ड सदस्य मनोहर उरांव बताते हैं कि हाथियों को लेकर ग्रामीण इस बरसात में रतजगा करने को मजबूर है। रात में ग्रामीणों ने ढोल नगारा के साथ-साथ पटाखा छोड़ा जा रहा है। ताकि जंगली हाथी रिहायशी इलाकों में नहीं आ सके। वन विभाग की टीम हाथियों की खोज में टीम बनाकर लगी हुई है। जंगल से सटे गांवों के लोगों को वन विभाग कर्मियों ने अलर्ट कर दिया है। ताकि किसी तरह का जान-माल की क्षति नहीं हो सके। कोट

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नेपाल से भटक कर जंगली हाथी रिहायशी इलाकों में नहीं प्रवेश कर पाया है। विभाग और ग्रामीणों के अथक प्रयास से हाथियों के झुंड को जंगल में भेज दिया गया है।

प्रमोद चौधरी

फॉरेस्टर क्षेत्र मानपुर


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