गरीबों को बेतिया राज से बेदखल करने की मंशा नहीं होगी पूरी
बेतिया राज की भूमि से अतिक्रमण हटाने के खिलाफ शुक्रवार को लोग बेतिया राज कार्यालय के समक्ष आ धमके और प्रशासन की इस कार्रवाई के खिलाफ धरना- प्रदर्शन किया।
बेतिया। बेतिया राज की भूमि से अतिक्रमण हटाने के खिलाफ शुक्रवार को लोग बेतिया राज कार्यालय के समक्ष आ धमके और प्रशासन की इस कार्रवाई के खिलाफ धरना- प्रदर्शन किया। इस दौरान लोगों ने प्रशासन के खिलाफ जमकर आवाज बुलंद की। धरना-प्रदर्शन के समर्थन में भारतीय कम्युनिष्ट पार्टी भी उतर आई और धरना को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि सरकार व प्रशासन गरीबों को बेतिया राज की भूमि से हटाकर अमीरों को बसाना चाहती हैं। झोपड़यिों को उजाड़ कर मॉल बनान चाहती हैं। गरीबों को बेतिया राज से बेदखल करने की मंशा कभी पूरी नहीं होगी। प्रशासन को सबसे पहले सरकारी नियमानुसार गरीबों के रहने की व्यवस्था करनी होगी तब कब्जा हटाना उचित होगा। विगत 30 नवम्बर को प्रशासन द्वारा की गई कार्रवाई को गंभीरता से लेते हुए वक्ताओं ने कहा कि जिन लोगों को उजाड़ा गया वे विगत 50 वर्षो से बसे हुए हैं। संघर्ष करने वालों के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया गया हैं। प्रशासन की ओर से की गई कार्रवाई से स्पष्ट हैं कि उक्त भूमि को प्रशासन रियल इस्टेट, मॉल बनाने वालों को जमीन देना चाहती हैं। जिसे पार्टी बेनकाब करने के लिए तैयार हैं। धरना को संबोधित करते हुए जिला मंत्री ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के गाइड लाइन के अनुसार बिना पुनर्वास की व्यवस्था किए गरीबों को नहीं हटाया जा सकता। उन्होंने इस आलोक में गरीबों को हटाने पर रोक लगाने की मांग की। सहायक मंत्री राम मोहन यादव ने संगठित होकर इसका विरोध करने का आह्वान किया। अध्यक्षता वृजेश कुमार गुप्ता ने की। धरना को अंजल मंत्री जवाहर प्रसाद, खलीकुज्जमा, अंसारूल, गल्लू चौधरी, डीके कुशवाहा, विनोद श्रीवास्तव, बबन ¨सह, मुन्ना साह, समा दत्ता, कृष्णनंदन ¨सह, तारकेश्वर सहनी, अहमद अली, गंगा प्रसाद आदि ने संबोधित किया।