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पुल के शिलान्यास के बाद जगी उम्मीद, दूर होगी परेशानी

बगहा। रामनगर- भैरोगंज मुख्य सड़क पर स्थित मसान नदी का जर्जर पुल व्यवसाय के दृष्टिकोण से बाधा बना हुआ है। वर्षों से भारी वाहनों के आवाजाही बंद होने के कारण इसका सीधा असर रामनगर एवं नरकटियागंज के व्यवसायियों पर पड़ता है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 05 Aug 2019 10:09 PM (IST)Updated: Tue, 06 Aug 2019 06:38 AM (IST)
पुल के शिलान्यास के बाद जगी उम्मीद, दूर होगी परेशानी
पुल के शिलान्यास के बाद जगी उम्मीद, दूर होगी परेशानी

बगहा। रामनगर- भैरोगंज मुख्य सड़क पर स्थित मसान नदी का जर्जर पुल व्यवसाय के दृष्टिकोण से बाधा बना हुआ है। वर्षों से भारी वाहनों के आवाजाही बंद होने के कारण इसका सीधा असर रामनगर एवं नरकटियागंज के व्यवसायियों पर पड़ता है। पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश को यह सड़क रामनगर एवं नरकटियागंज को जोड़ती है। जर्जर सड़क एवं पुल के कारण व्यवसायियों को अपने माल की ढुलाई बगहा से लौरिया के रास्ते करनी पड़ती है। जिसमें अतिरिक्त समय के साथ आर्थिक नुकसान भी होता है। यह समस्या वर्षों से चली आ रही है। इससे माल की कीमत भी बढ़ानी पड़ती है। जिसका असर ग्राहक एवं व्यवसाय पर भी पड़ता है। इस पुल के निर्माण की स्वीकृति मिलने से व्यवसायियों में हर्ष है। किराना व्यवसायी गुड्डू कुमार का कहना है कि यूपी के सिसवा बाजार, गोरखपुर से हर दूसरे तीसरे दिन माल आता है। पर पुल की जर्जरता के कारण माल की ढुलाई लौरिया के रास्ते होती है। इधर गल्ला के व्यवसायी मदन साह कहते हैं कि लौरिया होते हुए माल की ढुलाई करनी पड़ती है। फिलहाल हल्के वाहनों के गुजरने र भी पुल डोलता है।

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करीब डेढ़ दशक पहले हुआ था पुल का निर्माण :-

अनुमंडल मुख्यालय से रामनगर को जोड़ने वाले रामनगर-भैरोगंज मुख्य पथ पर करीब डेढ़ दशक पूर्व मसान नदी पुल का निर्माण हुआ था। तत्कालीन विधायक चंद्रमोहन राय के अथक प्रयास से 2003-04 में करीब 9 लाख के लागत से इस पुल के बाकी बचे अंतिम भाग का निर्माण कराया गया था। जबकि इस पुल का आधा अधूरा निर्माण कार्य पहले सिचाई विभाग के तरफ से कराया गया था। यह पुल चार अलग अलग भागों में बनकर तैयार हुआ। यह सिगल पुल केवल छोटे वाहनों के आवागमन के लिए बनाया गया था। पर गन्ना लदे ट्रैक्टर ट्राली, बैलगाड़ी के आवागमन एवं भारी वाहनों के परिचालन से पुल क्षतिग्रस्त होता गया। आज भी यह जर्जर हालत में है। जिससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। जबकि करीब पांच वर्षो से सिचाई विभाग ने भारी वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा रखी है।

कहते हैं लोग :-

प्रखंड के लोगों का बगहा आना जाना लगा रहता है। यहां अनुमंडल कार्यालय के साथ कचहरी भी है। सड़क एवं पुल की जर्जरता के कारण एक घंटे का सफर दो घंटे में पूरा होता है। पुल व सड़क के शिलान्यास के बाद से लोगों में खुशी है। सड़क पक्कीकरण के बाद बगहा पहुंचना आसान हो जाएगा।

दिग्विजय कुमार सिंह, आर्यनगर

रेलवे के विद्युतीकरण कार्य के कारण ट्रेनों का समय निर्धारित नहीं है। ऐसे में मसान नदी के इस पुल से होकर लोग सड़क मार्ग से यात्रा करते हैं। पुल की जर्जरता के कारण भारी वाहनों का आवाजाही बंद है। दो पहिया व तीन पहिया वाहनों के साथ हल्के चार पहिया वाहन पुल से गुजरते हैं।

रंजन वर्मा, पूर्व मुखिया, डडरौल


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