कोर्ट के लिए 6 और जेल के लिए 12 एकड़ भूमि की जरूरत : चीफ जस्टिस
नरकटियागंज के मुरलीडीह में प्रस्तावित भूमि का निरीक्षण करने के उपरांत पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश अमरेश्वर प्रताप शाही ने कहा कि न्यायालय वहां हो जहां किसी को आने जाने में कठिनाई न हो।
बेतिया। नरकटियागंज के मुरलीडीह में प्रस्तावित भूमि का निरीक्षण करने के उपरांत पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश अमरेश्वर प्रताप शाही ने कहा कि न्यायालय वहां हो जहां किसी को आने जाने में कठिनाई न हो। जहां जन सुविधाओं का पूरा ध्यान रखा जा सके। यहां न्यायालय के लिए कम से कम 6 एकड़ और जेल के लिए 12 एकड़ भूमि की आवश्यकता है। ताकि वहां जो भवन बने उसमें कोर्ट अलग पचास-साठ साल तक संचालित होता रहे। समाहर्ता द्वारा चयनित भूमि का मैंने निरीक्षण किया है। इस पर और वार्ता करने की जरूरत है। अधिवक्ताओं और वादियों का पक्ष ध्यान में रखते हुए निर्णय लिया जाएगा। वे विधिज्ञ संघ के सभा कक्ष में आयोजित कार्यक्रम में रविवार को संबोधित कर रहे थे। चीफ जस्टिस ने कहा कि नये भवन परिसर में अधिवक्ताओं की बैठने की व्यवस्था सरकार करेगी। नरकटियागंज में वाद की संख्या को देखते हुए चार न्यायिक पदाधिकारियों की जरूरत है। इस कठिनाई को दूर करने का प्रयास करूंगा। इसके पूर्व चीफ जस्टिस ने व्यवहार न्यायालय परिसर में सबसे पहले गार्ड ऑफ आनर लिया। वहीं अवर न्यायाधीश एसडी भारती एवं मुंसिफ अमित शुक्ला ने मुख्य न्यायाधीश के साथ निरीक्षी न्यायाधीश को बुके देकर स्वागत किया। इसके बाद उन्होंने परिसर का मुआयना किया। फिर वे विद्यिज्ञ संघ की ओर से आयोजित कार्यक्रम में सभा कक्ष पहुंचे। जहां बार एसोसियेशन के अध्यक्ष शंभू शरण ने प्रतिक चिन्ह और फूलों का गुलदस्ता देकर सम्मानित किया। इसके बाद सचिव जहांगीर आलम खान ने चंपारण मंडल के निरीक्षी न्यायाधीश सह न्यायमूर्ति चंद्रशेखर शरण सिंह को सम्मानित किया। वहीं बार एसोसियेशन के सदस्यों ने जिला एवं सत्र न्यायाधीश अभिमन्यूलाल श्रीवास्तव को सम्मानित किया। बार एसोसियेशन ने चीफ जस्टिस और निरीक्षी न्यायाधीश से अंचल एवं अनुमंडल परिसर में ही कोर्ट बनाने की मांग रखी। संचालन अधिवक्ता दीपक मणि तिवारी ने किया।
एक दिन के लिए बना चीफ जस्टिस का चेंबर
मुख्य न्यायाधीश और निरीक्षी न्यायाधीश के लिए व्यवहार न्यायालय परिसर में एक दिन का चेंबर बनाया गया। जहां दोनों न्यायमूर्तियों ने कुछ देर रूककर सब जज और मुंसफ से कई बिदुओं पर वार्ता की।