मतदाता दिवस : वोटर आईकार्ड में खुशबू को बना दिया हर्षिता
वैशाली। सोमवार को नगर के टाउन हॉल में बड़े ही धूमधाम से राष्ट्रीय मतदाता दिवस समारोह मन
वैशाली। सोमवार को नगर के टाउन हॉल में बड़े ही धूमधाम से राष्ट्रीय मतदाता दिवस समारोह मनाया जा रहा था। समारोह में विभिन्न कॉलेजों के कैंपस एंबेसडर, नये मतदाताओं को को प्रशस्तिपत्र व मतदाता पहचानपत्र दिये जा रहे थे। लेकिन मतदाता पहचानपत्र त्रुटिरहित हैं या नहीं न तो इसे देखने की फुर्सत अधिकारियों को थी और न ही कर्मचारियों को। मतदाता दिवस के अवसर पर नयी मतदाता बनी खुशबू समेत कई लड़कियों को एडीएम कासिम अंसारी ने अपने हाथों से मतदाता पहचानपत्र दिये। लेकिन ऐसे मौके पर मतदाता पहचानपत्र वितरित करने से पहले संबंधित विभाग के अधिकारी और कर्मचारी यह सुनिश्चित करना भूल गये कि वे लोग जो मतदाता पहचानपत्र वितरित कर रहे हैं वह त्रुटिरहित है या नहीं।
मतदाता पहचानपत्र देख भौचक रह गयी खुशबू
ऐसा ही एक मतदाता पहचानपत्र नगर थाने के अंदरकिला मोहल्ला निवासी विपिन बिहारी ¨सह की पुत्री खुशबू कुमारी को मिला। खुखशू अपना मतदाता पहचानपत्र देख भौचक रह गयी। उसके मतदाता पहचानत्र संख्या एसएमडब्लू 2124147 पर उसकी जगह किसी और लड़की की तस्वीर लगी थी। खुशबू के नाम का अंग्रेजी उच्चारण भी गलत लिखा था। उसने बताया कि उसका डेट ऑफ बर्थ भी मतदाता पहचान पत्र पर गलत अंकित है। खुशबू के मतदाता पहचानपत्र पर उसी मोहल्ले की शुभु प्रसाद वर्मा की पुत्री हर्षिता की तस्वीर लगी थी। हर्षिता भी नयी मतदाता है और उसे भी एडीएम ने अपने हाथों से मतदाता पहचानपत्र संख्या एसएमडब्लू 2124139 प्रदान की थी। खुशबू विभाग की इस गलती पर न सिर्फ भौचक थी बल्कि परेशान भी थी। अपनी तस्वीर दूसरे के पहचानपत्र में और अपने पहचानपत्र में दूसरे की तस्वीर देख खुशबू और हर्षिता दोनों ही भौंचक नजर आ रही थी। वहीं एक अन्य नयी बनी मतदाता दीपिका ने बताया कि उसके पहचानपत्र में भी नाम का अंग्रेजी उच्चारण गलत है।
आधुनिक तकनीक के दौर में भी नहीं सुधर रही गलतियां
तेजी से बदलते हाईटेक होते दौर में मतदाता पहचानपत्र ने भी अपना स्वरूप बदला। मतदाता पहचान ने ब्लैक एंड व्हाईट से कलर तक का सफर तय कर लिया। मतदाता अब अपनी इच्छानुसार कलर मतदाता पहचानपत्र निकलवा सकते है। इन तमाम बदलावों के बीच अगर कुछ नहीं बदला तो वह है मतदाता पहचानपत्र की त्रुटियां। दशकों बीत गयें इस दौरान तकनीक ने भी काफी तरक्की की लेकिन मतदाता पहचानपत्र में त्रुटियां की शिकायत दूर नहीं हो पायी। हद तो यह कि इस त्रुटि को दूर करने के लिए न तो कभी सार्थक पहल की गयी और न ही संबंधित एजेंसी पर कोई कार्रवाई। लोगों को जब उनका मतदाता पहचानपत्र मिलता है तो वे उसमें त्रुटियां देख अपना सर पीट लेते हैं। और फिर शुरू होता इसमें सुधार कराने की लिए लंबी रेस।