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भूटान की राजकुमारी ने कोल्हुआ अशोक स्तंभ का किया दीदार

वैशाली। भूटान की राजकुमारी डिचेन वांगमो वांगचुक सोमवार सुबह 8.30 में कोल्हुआ स्थित अशोक स्तंभ देखने पहुंचीं। उन्होंने वहां स्थित विभिन्न प्राचीन अवशेषों को देखा और उन सबों के बारे में बारी-बारी से जानकारी हासिल की।

By JagranEdited By: Published: Tue, 15 Jan 2019 01:52 AM (IST)Updated: Tue, 15 Jan 2019 01:52 AM (IST)
भूटान की राजकुमारी ने कोल्हुआ अशोक स्तंभ का किया दीदार
भूटान की राजकुमारी ने कोल्हुआ अशोक स्तंभ का किया दीदार

वैशाली। भूटान की राजकुमारी डिचेन वांगमो वांगचुक सोमवार सुबह 8.30 में कोल्हुआ स्थित अशोक स्तंभ देखने पहुंचीं। उन्होंने वहां स्थित विभिन्न प्राचीन अवशेषों को देखा और उन सबों के बारे में बारी-बारी से जानकारी हासिल की। उन्हें डॉ. रामनरेश राय के द्वारा बताया गया कि भगवान बुद्ध के द्वारा यहीं पर प्रथम बार किसी महिला को भिक्षुणी बनने का अवसर प्रदान किया गया था। उन्हें यह भी बताया गया कि अशोक स्तंभ के पास ही अरार ग्राम है जहां एक हिन्दू साधु अलारका राम के यहां भगवान बुद्ध ज्ञान प्राप्त करने के लिए एक वर्ष तक रुके थे। इन सब बातों की जानकारी प्राप्त कर राजकुमारी को लगा कि यहां का वातावरण कुछ विशेष है जिसकी वजह से आत्म संतुष्टि हो रही है। इसके बाद राजकुमारी आम्रपाली के जन्मस्थान अम्बारा गईं। उसके बाद विमलकीर्ति सरोवर को देखा।

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वापस होटल लौट कर विश्राम करने के बाद वैशाली स्थित संग्रहालय को देखा जहां प्राचीन टेराकोटा को देख कर आश्चर्य व्यक्त किया।


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