प्लस टू में अपग्रेडेड स्कूलों को नहीं लौटाई गई राशि
लगभग एक दशक पूर्व सभी हाईस्कूलों को प्लस टू में उत्क्रमित करने की राज्य सरकार की घोषणा के बाद अधिकतर स्कूलों में प्लस टू की पढ़ाई तो शुरू हो गई लेकिन उन स्कूलों में आधारभूत संरचना के विकास के लिए सरकार के द्वारा भेजी गई राशि वापस ले ली गई। बिदुपुर प्रखंड के आधा दर्जन से अधिक पुराने हाईस्कूलों को 49 लाख रुपये प्रति विद्यालय बेंच-डेस्क एवं प्रयोगशाला आदि के लिए बैंक खाते पर भेजे गए थे। राशि भेजे जाने के एक वर्ष के अंदर एसी-डीसी बिल के नाम पर सभी विद्यालयों के बैंक खाते से राशि वापस ले ली गई। राशि वापस हुए वर्षों हो गए पर आज तक शिक्षा विभाग द्वारा उक्त राशि सम्बन्धित विद्यालयों को वापस नहीं भेजी गई।
वैशाली। लगभग एक दशक पूर्व सभी हाईस्कूलों को प्लस टू में उत्क्रमित करने की राज्य सरकार की घोषणा के बाद अधिकतर स्कूलों में प्लस टू की पढ़ाई तो शुरू हो गई लेकिन उन स्कूलों में आधारभूत संरचना के विकास के लिए सरकार के द्वारा भेजी गई राशि वापस ले ली गई। बिदुपुर प्रखंड के आधा दर्जन से अधिक पुराने हाईस्कूलों को 49 लाख रुपये प्रति विद्यालय बेंच-डेस्क एवं प्रयोगशाला आदि के लिए बैंक खाते पर भेजे गए थे। राशि भेजे जाने के एक वर्ष के अंदर एसी-डीसी बिल के नाम पर सभी विद्यालयों के बैंक खाते से राशि वापस ले ली गई। राशि वापस हुए वर्षों हो गए पर आज तक शिक्षा विभाग ने राशि संबंधित विद्यालयों को वापस नहीं भेजी। आज तक न तो इंटर की पढ़ाई के लिए नए भवन का निर्माण कराया गया और ना ही बेंच-डेस्क की खरीद की गई और न ही प्रयोगशाला के उपकरण खरीदे गए। बिना प्रैक्टिकल किए ही विज्ञान के विद्यार्थी इंटर की परीक्षा दे रहे हैं।
बिदुपुर प्रखंड में जनता उच्च विद्यालय पानापुर धर्मपुर, रामनन्दन उच्च विद्यालय बिदुपुर बाजार, परियोजना बालिका उच्च विद्यालय बिदुपुर बाजार, शिव सागर विद्या मंदिर रामदौली, मथुरा गोखुला उच्च विद्यालय, चकसिकन्दर उच्च विद्यालय, चांदपुरा उच्च विद्यालय सबसे पुराना है। इन सभी विद्यालयों को शिक्षा विभाग के द्वारा प्लस टू में उत्क्रमित तो कर दिया गया परन्तु सरकार के द्वारा सुविधा उपलब्ध नहीं कराई गई।
इधर जागरूक अभिभावक अपने बच्चों को सरकारी संस्थान में केवल नाम लिखवा कर छोड़ देते हैं और को¨चग में पढ़ने के लिए भेजते है। शिक्षा विभाग की उदासीनता का परिणाम है कि आज कुकुरमुत्ते की तरह हर चौक-चौराहे पर को¨चग संस्थान फल फूल रहे हैं। वही आर्थिक रूप से कमजोर अभिभावक मजबूरीवश बच्चे को इंटर की पढ़ाई के लिए सरकारी विद्यालय में भेज रहे हैं।
यह स्थिति अकेले बिदुपुर प्रखंड की ही नहीं है, बल्कि पूरे जिले की ही है। जुड़ावनपुर गोपालपुर और मोहनपुर काजी पट्टी में मध्य विद्यालय को उत्क्रमित कर उच्च विद्यालय का दर्जा दिया गया है। इन दोनो विद्यालयों में वर्ग नवम और दशम की पढ़ाई भी शुरू हो गई है। जुड़ावनपुर गोपालपुर में तो इन दोनो वर्गो की पढ़ाई के लिए भवन का निर्माण भी हुआ है, जबकि मोहनपुर काजी पट्टी में नया भवन नहीं बना है। इन विद्यालयों में विद्यालय प्रबन्ध कमेटी का गठन भी नहीं हुआ है, जिसके कारण विकास की राशि भी खर्च नहीं हो रही है। एक मात्र पकौली स्थित वित्तरहित जयगोविन्द इंटर स्कूल स्थानीय कमेटी के माध्यम से संचालित हो रहा है। क्या कहते हैं प्रभारी प्रधानाध्यापक
स्कूल में आधारभूत संरचना को सुदृढ़ करने के लिए समय-समय पर शिक्षा विभाग को पत्र भेजा गया है। इंटर की पढ़ाई हो रही है लेकिन आधारभूत संरचना का घोर अभाव है। उमेश शर्मा, प्रभारी हेडमास्टर, रामनंदन इंटर स्कूल, बिदुपुर बाजार