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जिन्हें आज याद करेगा देश, धूल फांक रही उन महापुरुषों की मूर्तियां

वैशाली डीएम उदिता सिंह इस बार करेंगी झंडोत्तोलन कोरोना के संक्रमण को देखते हुए इस बार के स्वतंत्रता दिवस समारोह में सूबे के पथ निर्माण एवं वैशाली के प्रभारी मंत्री नंद किशोर यादव शामिल नहीं होंगे। इस बार वैशाली डीएम उदिता सिंह ही झंडोत्तोलन करेंगी। शनिवार सुबह 9 बजे हाजीपुर के अक्षयवट राय स्टेडियम में डीएम झंडोत्तोलन करेंगी। इसके पहले डीएम यहां एसपी के साथ परेड का निरीक्षण करेंगी। समारोह की तैयारियां की जा रही हैं। इस मौके पर वैशाली पुलिस कप्तान गौरव मंगला समेत तमाम प्रशासनिक एवं पुलिस पदाधिकारियों के अलावा गण्मान्य लोग उपस्थित रहेंगे। हाजीपुर में झंडोत्तोलन का समय 1. अक्षयवट राय स्टेडियम - पूर्वाह्न 9.00 बजे 2. समाहरणालय परिसर - पूर्वाह्न 9.50 बजे 3. जिला परिषद वैशाली - पूर्वाह्न 10.10 बजे 4. जिला ग्रामीण विकास अभिकरण - पूर्वाह्न 10.20 बजे 5. भारत स्काउट्स एंड गाइड - पूर्वाह्न 10.30 बजे 6. गृह रक्षा वाहिनी - पूर्वाह्न 10.45 बजे 7. पुलिस लाइन परिसर - पूर्वाह्न 11.10 बजे

By JagranEdited By: Published: Fri, 14 Aug 2020 11:32 PM (IST)Updated: Fri, 14 Aug 2020 11:32 PM (IST)
जिन्हें आज याद करेगा देश, धूल फांक रही उन महापुरुषों की मूर्तियां
जिन्हें आज याद करेगा देश, धूल फांक रही उन महापुरुषों की मूर्तियां

फिजाओं में देशभक्ति गीत गूंजेंगे..मेरे वतन के लोगों जरा आंख में भर लो पानी, जो शहीद हुए हैं उनकी जरा याद करो कुर्बानी । आजादी के आंदोलन में यातनाएं झेलकर एवं शहादत देकर देश को आजाद कराने वाले महानायकों की मूर्तियां यहां दशकों से धूल फांक रही हैं। मूर्तियों को स्थापित करने के लिए जगह का इंतजार है। डीएम से लेकर मुख्य सचिव तक पत्राचार के बावजूद हाल यह है कि अब तक महानायकों की मूर्तियों की स्थापना के लिए दो गज जमीन नसीब नहीं हो रही है। ऐसे में यह गंभीर सवाल यह उठ रहा है कि क्या इस हाल में जिला अपने महानायकों को याद करेगा ? वैशाली के महान स्वतंत्रता सेनानी के नाम पर स्थापित हाजीपुर के अक्षयवट राय स्टेडियम में शनिवार को जब डीएम उदिता सिंह राष्ट्रीय तिरंगा फहराएंगी और देश की आजादी में अपना सर्वस्व न्यौछावर करने वाले महानायकों को याद करेंगीं तब शायद लकड़ी के बक्से में कैद महानयकों की मूर्तियां पूछेंगी कि आखिर इस महान धरती पर उनका यह हाल क्यों ? तब शायद इस यक्ष प्रश्न का जवाब उन हुक्मरानों के पास होगा जिनके हाथों में सिस्टम को संचालित करने की बागडोर है। सांसद कमला सिन्हा के संसदीय कोष की राशि से बनी थी मूर्तियां राष्ट्रपिता महात्मा गांधी समेत 11 महापुरुषों की मूर्तियों का निर्माण दो दशक पूर्व राज्यसभा सदस्य रहीं कमला सिन्हा के संसदीय कोष की राशि से कराया गया था। इन मूर्तियों को हाजीपुर के ऐतिहासिक गांधी आश्रम में लगाया जाना था। तब से आज तक मूर्तियों को स्थापित नहीं किया जा सका। महापुरुषों की मूर्तियों को स्थापित करने का सपना देखने वाली सांसद कमला सिन्हा भी करीब एक दशक पूर्व इस दुनिया से चली गईं। शहर के प्रमुख व्यवसायी बूबना के यहां रखी गयी हैं मूर्तियां महापुरुषों की मूर्तियां जब 1999 में यहां बनकर आयी तो इसके रखने की समस्या हुई। बाद में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि शहर के प्रमुख व्यवसायी एवं समाजसेवी कृष्ण कुमार बूबना के यहां मूर्तियां रखी जाएं। अब जब वहां मूर्तियों को रखे जाने को दो दशक हो चुके हैं, बूबना भी परेशान हैं कि आखिर कब तक यूं ही मूर्तियां उनके यहां पड़ी रहेगी। कई बार खुद कई स्तर पर पहल की पर नतीजा कुछ नहीं निकला। डीएम से लेकर मुख्य सचिव तक पत्राचार पर कार्रवाई सिफर महापुरुषों की मूर्तियों को गांधी आश्रम स्थित दीप नारायण सिंह संग्रहालय में स्थापित करने को सबसे पहले बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री सत्येन्द्र नारायण सिन्हा की अध्यक्षता में दो दशक पूर्व हाजीपुर में आयोजित बैठक में निर्णय लिया गया था। सत्येन्द्र बाबू स्मारक ट्रस्ट के अध्यक्ष थे। इसके बाद डीएम से लेकर मुख्य सचिव तक दो दशक से पत्राचार का नतीजा यही है कि मूर्तियां आज तक स्थापित नहीं की जा सकी हैं। जानकर हैरत होगी बतौर वैशाली के डीएम रहते दीपक कुमार के कार्यकाल में मूर्तियां यहां बनकर आयी थीं और आज मुख्य सचिव की हैसियत से यह मामला उनके पास ले जाया गया है। केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के सांसद प्रतिनिधि अवधेश कुमार सिंह के पत्र पर मुख्य सचिव ने कला, संस्कृति एचं युवा विभाग को कार्रवाई को लिखा पर अब तक मामला किसी अंतिम नतीजे पर नहीं पहुंच पाया है। रामविलास के संसदीय कोष से दी जा चुकी है दो लाख रुपये की मंजूरी हाजीपुर के गांधी आश्रम में मूर्तियों को स्थापित करने के लिए जिले में कई स्तर पर बैठकों में लिए गए निर्णय के आलोक में हाजीपुर के तत्कालीन सांसद रामविलास पासवान ने अपने संसदीय कोष की राशि से मूर्तियों को स्थापित करने की अनुशंसा की थी। इसके आलोक में विभागीय स्तर पर आवश्यक प्रक्रियाओं को पूरी कर मूर्तियों को स्थापित करने के लिए टेंडर का भी काम पूरा हो चुका है। दो लाख रुपये की मंजूरी दी गई है। इसके बावजूद आज तक मूर्तियों को स्थापित नहीं किया जा सका है। इन महापुरुषों की बनवाई गई हैं मूर्तियां 1. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी

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2. स्वतंत्रता सेनानी पंडित जयनंदन झा

3. स्वतंत्रता सेनानी किशोरी प्रसन्न सिंह

4. शहीद बैकुंठ शुक्ल

5. स्वतंत्रता सेनानी सुनीति देवी

6. स्वतंत्रता सेनानी बसावन सिंह

7. स्वतंत्रता सेनानी अक्षयवट राय

8. स्वतंत्रता सेनानी पूर्व मुख्यमंत्री दीप नारायण सिंह

9. स्वतंत्रता सेनानी योगेन्द्र शुक्ला

10. स्वतंत्रता सेनानी रामेश्वर प्रसाद सिंह

11. स्वतंत्रता सेनानी गुलजार पटेल


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