हरिहरक्षेत्र में दिखा : गजब का दृश्य व अजब का उत्साह
गजब का दृश्य, अजब का उत्साह मानों पूरे हरिहरक्षेत्र में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा हो। नदी घाट से लेकर सड़क तक पूरी तरह श्रद्धालुओं की भीड़ थी। लोगों को कहीं पैर रखने की जगह नहीं मिल रही थी। हर कोई बस नारायणी नदी के विभिन्न घाटों की ओर बढ़ा चला जा रहा था।
वैशाली। गजब का दृश्य, अजब का उत्साह मानों पूरे हरिहरक्षेत्र में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा हो। नदी घाट से लेकर सड़क तक पूरी तरह श्रद्धालुओं की भीड़ थी। लोगों को कहीं पैर रखने की जगह नहीं मिल रही थी। हर कोई बस नारायणी नदी के विभिन्न घाटों की ओर बढ़ा चला जा रहा था। पवित्र नारायणी नदी में डुबकी लगाने के बाद भक्तों का रेला बाबा हरिहरनाथ के दरबार में जलाभिषेक को उमड़ा। मेले के दौरान आस्था के सैलाब के साथ-साथ देश की समृद्ध सांस्कृतिक झलक देखने को मिली। पूरे हरिहरक्षेत्र में कहीं धार्मिक प्रवचन तो कहीं वैदिक मंत्रोच्चार तो दूसरी ओर हर-हर, बम-बम और बाबा हरिहरनाथ का जयकारा लगाता भक्तों का रेला।
मेले में झलकी समृद्ध लोक संस्कृति
कार्तिक पूर्णिमा स्नान को हरिहरक्षेत्र पहुंचे श्रद्धालुओं के हुजूम में देश की गौरवशाली लोक सांस्कृतिक परंपरा के साथ-साथ गवई संस्कृति साफ-साफ झलक रही थी। दूर-दराज के ग्रामीण इलाकों से आए पुरुष व महिला श्रद्धालु माथे पर झोला-कंबल लिए नदी घाटों की ओर बढ़ रहीं थी। कहीं महिलाएं पारंपरिक सौंदर्य न सामग्री की खरीददारी करती दिखी। वहीं नारायणी नदी के विभिन्न घाटों पर सदियों से चली आ रही परंपरा के अनुसार मोक्ष की कामना के साथ नदी के जल में डुबकी लगाते लाखों लोगों की भीड़। मानों पूरा क्षेत्र धर्म के सैलाब में डूबा हो। पूरा क्षेत्र भक्ति के रस में सराबोर दिखा। कहीं संतों के प्रवचन तो कहीं कीर्तन तो कहीं धार्मिक मंत्रोच्चार के साथ पूजा-पाठ का दौर चल रहा था। इधर मंदिर के पास पहुंचते ही बाबा का जयकारा लगाते लोगों की भारी भीड़ हरिहरनाथ मंदिर में जलाभिषेक को कतारबद्ध खड़ी थी।