कोरोना की तीसरी लहर से बचाव में अभी भी पीछे चल रहे जिले के कई अस्पताल
जिले में सदर अस्पताल एक अनुमंडल अस्पताल और तीन रेफरल अस्पताल के अलावा कई सीएचसी और पीएचसी संचालित है। इन अस्पतालों के रख-रखाव एवं मरीजों को आवश्यक सुविधा मुहैया कराने को लेकर सालाना करोड़ों रुपये खर्च भी हो रहे हैं लेकिन कोरोना की संभावित तीसरी लहर लेकर पूरी तैयारी में अभी भी सिर्फ कवायद ही चल रही है।
जागरण संवाददाता, हाजीपुर :
जिले में सदर अस्पताल, एक अनुमंडल अस्पताल और तीन रेफरल अस्पताल के अलावा कई सीएचसी और पीएचसी संचालित है। इन अस्पतालों के रख-रखाव एवं मरीजों को आवश्यक सुविधा मुहैया कराने को लेकर सालाना करोड़ों रुपये खर्च भी हो रहे हैं, लेकिन कोरोना की संभावित तीसरी लहर लेकर पूरी तैयारी में अभी भी सिर्फ कवायद ही चल रही है। दूसरी लहर की भयावहता से सबक लेते हुए हालांकि सरकार ने कई तरह के इंतजाम मुहैया कराने के प्रयास शुरू किए हैं, लेकिन अभी भी यह पूरी तरह तैयार नहीं हो सका है। चाहे जिला अस्पताल का पीकु वार्ड हो या विभिन्न अस्पतालों में आक्सीजन प्लांट की स्थापना केवल काम ही चल रहा है। स्वास्थ्य विभाग इसे शीघ्र चालू करा लेने के दावे तो कर रही, लेकिन रफ्तार काफी धीमी है।
सरकार की ओर से लोगों को बेहतर स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने की बात की जा रही है, लेकिन यहां अस्पतालों का काफी बुरा हाल है। जिला अस्पताल रेफर रोग से पीड़ित है तो रेफरल अस्पतालों में ओपीडी के अलावा कुछ खास सुविधा उपलब्ध नहीं है। महुआ का एकमात्र अनुमंडल अस्पताल इस समय कोविड केयर सेंटर बनाया गया है। पिछली त्रासदी से सबक लेने के बाद भी यहां कोई खास इंतजाम नहीं किया जा सका है। यह बात जरूर है कि यहां एक आक्सीजन प्लांट स्थापित किया जा रहा है और वेटिलेटर की सुविधा मुहैया कराई जा रही है, लेकिन इसकी रफ्तार से समय पर पीड़ितों को सुविधा मिल जाने में संशय दिख रहा है। इसके लिए कई बार लोगों ने आवाज भी उठाई है, पर कोई खास ध्यान नहीं दिया गया।
जिला अस्पताल के रूप में परिणत सदर अस्पताल में बड़ी जोर-शोर के साथ पीकु वार्ड बनाने की शुरूआत हुई। स्वास्थ्य विभाग ने यहां एक कमरे में पीकु वार्ड का बोर्ड लगा दिया, लेकिन सुविधाओं के नाम पर कुछ खास नहीं किया गया। हालांकि विभाग संभावित तीसरी लहर के पूर्व इसे दुरूस्त कर लेने का दावा कर रहा है। पिछली कोरोना संकटकाल में सरकार की तमाम घोषणाओं के बावजूद इन अस्पतालों की दशा नहीं सुधर सकी। तीसरी लहर की तैयारियों के बावजूद जिले के अस्पतालों में कोरोना की जांच एवं टीकाकरण से आगे कुछ नहीं विशेष नहीं हो रहा है। ऐसे में कोरोना की तीसरी लहर के लिए जिले के अस्पताल कितने तैयार हैं, सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है। सरकारी दावे के विपरीत दशा लोगों में चिता का विषय बना है।