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शारदीय नवरात्र कल से, तैयारी में जुटे लोग

वैशाली। शारदीय नवरात्र की शुभारंभ मंगलवार को कलश स्थापना के साथ की जाएगी। सोमवार को लोग

By Edited By: Published: Sun, 11 Oct 2015 09:44 PM (IST)Updated: Sun, 11 Oct 2015 09:44 PM (IST)
शारदीय नवरात्र कल से, तैयारी में जुटे लोग

वैशाली। शारदीय नवरात्र की शुभारंभ मंगलवार को कलश स्थापना के साथ की जाएगी। सोमवार को लोग नहा-खा करेंगे। इस नौ दिवसीय महाअनुष्ठान के लिए जगह-जगह भव्य पंडाल बनाए जा रहे है। पंडाल निर्माण के लिए बाहर से कलाकार को बुलाया गया है। वहीं मूर्तिकार माता की प्रतिमा निर्माण में रात-दिन एक किए हुए है। सभी देवी मंदिरों को विशेष रूप से सजाया जा रहा है। बाहर रहने वाले लोग भी पूजा में शामिल होने के लिए घर आने लगेपदा तिथि मेंवृद्धि होने के कारण नवरात्रा दस दिनों तक मनाया जायेगा। जबकि नवमी को ही दशहरा का पर्व मनाया जाएगा।ज्योतिषियों के मुताबिक यू तो प्रतिपदा पर प्रात:काल कलश स्थापना का प्रावधान है लेकिन शास्त्रों में चित्रा नक्षत्र व वैधृति योग को निषेध बताया गया है। इस बार प्रतिपदा के दिन चित्रा नक्षत्र व वैधृति योग दोनों पूरे दिन रहेंगे। चित्रा दिनभर रहकर अगले दिन सुबह 4.38 बजे तक तथा वैधृति योग रात 11.17 बजे तक रहेगा। इस प्रकार के नक्षत्र व योग रहने पर कलश स्थापना अभिजीत मुहुर्त में की जानी चाहिए।

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नवरात्रि में माता दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की पूजा की जाती है। हर तिथि का एक विशेष महत्व होता है और माता के एक विशेष रूप की पूजा की जाती है। यह समय सिद्धि प्राप्ति के लिए भी उचित माना जाता है। धर्म ग्रंथों के अनुसार, इन दिनों में माता के विभिन्न स्वरूपों की पूजा करने से भक्तों की हर मनोकामना पूरी हो सकती है। इस पर्व के दौरान प्रमुख माता मंदिरों की रौनक देखते ही बनती है। यहां श्रृद्धालुओं का सैलाब उमड़ता है। रंग-बिरंगी रोशनी और माता के भजनों में वातावरण और भी भक्तिमय हो जाता है। नगर के प्रमुख स्थानों पर माता की मूर्ति स्थापित की जाती है। माता को प्रसन्न करने के लिए सभी अपने-अपने तरीके से प्रयास करते हैं। कोई नौ दिन का उपवास रखता है, तो कोई चप्पल नहीं पहनता। साथ ही अनेक स्थानों पर डांडिया का आयोजन भी किया जाता है।


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