विभिन्न संगठनों के हड़ताल से सड़क पर उमड़ा जनसैलाब
केन्द्र एवं राज्य सरकार की मजदूर कर्मचारी एवं किसान विरोधी नीति के खिलाफ केन्द्रीय ट्रेड यूनियन के बैनरतले राष्ट्रव्यापी हड़ताल को सफल बनाने के उद्देश्य से मंगलवार को विभिन्न संगठन से जुड़े काफी संख्या में महिला-पुरूष व मजदूर का हुजूम झंडा-बैनर के साथ नगर में सैलाब के रूप में उमड़ पड़ा। केन्द्रीय ट्रेड यूनियनों, निर्माण मजदूरों, खेत मजदूरों के अलावा असंगठित क्षेत्र के मजदूर संगठनों का सैलाब मंगलवार को पूर्वाह्न स्टेशन चौक कैंपस में इकट्ठा हुए।
संवाद सूत्र, हाजीपुर : केन्द्र एवं राज्य सरकार की मजदूर कर्मचारी एवं किसान विरोधी नीति के खिलाफ केन्द्रीय ट्रेड यूनियन के बैनरतले राष्ट्रव्यापी हड़ताल को सफल बनाने के उद्देश्य से मंगलवार को विभिन्न संगठन से जुड़े काफी संख्या में महिला-पुरूष व मजदूर का हुजूम झंडा-बैनर के साथ नगर में सैलाब के रूप में उमड़ पड़ा।
केन्द्रीय ट्रेड यूनियनों, निर्माण मजदूरों, खेत मजदूरों के अलावा असंगठित क्षेत्र के मजदूर संगठनों का सैलाब मंगलवार को पूर्वाह्न स्टेशन चौक कैंपस में इकट्ठा हुए। वहां से काफिला स्टेशन रोड, अनवरपुर चौक, सिनेमा रोड, राजेन्द्र चौक, गुदरी बाजार, नगर थाना चौक से हास्पीटल रोड होते हुए गांधी चौक से कचहरी रोड होकर जुलूस की शक्ल में कलेट्रेट में पहुंचा जहांपर जुलूस सभा में तब्दील हो गया। मजदूरों के सैलाब का नेतृत्व एक्टू के राज्य सचिव सुरेन्द्र प्रसाद ¨सह, एटक के वरिष्ठ नेता अमृतगिरि, इंटक के कार्यकारी जिलाध्यक्ष गौतम कुमार, एआईयूटीयूसी के इंद्रदेव राय, टीयूसीसी के मिथलेश कुमार, निर्माण मजदूर के जिलाध्यक्ष हरि कुमार राय, फुटपाथ दुकानदार संघ के जिलाध्यक्ष मुन्ना पटेल, खेग्रामस के जिलाध्यक्ष दीनबंधु प्रसाद, मजदूर कल्याण संघ के जिलाध्यक्ष बाबूलाल राय, एंबुलेंस चालक संघ के नेता मनी कुमार ने किया।
सभा के दौरान वक्ताओं ने उपस्थित जनसमूह से बुधवार को भी आम हड़ताल व बिहार बंद को मुकम्मल रूप से फल बनाने का आह्वान किया। ज्ञात हो कि नौ जनवरी को बिहार के वाम लोकतांत्रिक लोकदलों के नेता बिहार में चक्का जाम के साथ-साथ बंदी का आह्वान किया है। कार्यक्रम में इंटक उपाध्यक्ष रत्नेश कुमार, जिला सचिव राधा रमण ¨सह, एक्टू के उमेशचंद्र पटेल, खेग्रामस सचिव रामबाबू पासवान, शीला देवी, दसई महतो, विश्वनाथ ¨सह, ¨वदेश्वर राय, केदार चौधरी, अशोक ठाकुर, किसान महासभा के विशेश्वर प्रसाद यादव, मजदूर कल्याण संघ के न्याज अहमद, विन्देश्वर ¨सह, मो. खुर्शीद आदि ने भी अपने विचार रखे। वहीं नगर के प्रधान डाकघर परिसर में अखिल भारतीय डाककर्मचारी संघ के बैनर तले जिला के राष्ट्रीय ग्रामीण डाकसेवक संघ के बैनर तले डाककर्मियों ने मंगलवार को सेवा कार्य बाधित किया।
ग्रुप सी यूनियन के प्रमंडलीय सचिव विवेकानंद शर्मा, प्रमंडलीय सचिव रामनरेश राय एवं जीडीएस के प्रमंडलीय सचिव महेश पासवान के नेतृत्व में डाककर्मी दिनभर राष्ट्रव्यापी हड़ताल में शामिल होकर डाक सेवा बाधित किया।
इसके अलावा अखिल भारतीय राज्य कर्मचारी महासंघ एवं बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के आहृवान पर दो दिवसीय हड़ताल के प्रथम दिन विभिन्न संघों के नेता एवं सदस्यों ने सदस्यों ने कलेक्ट्रेट परिसर में सभा संचालित कर हड़ताल को सफल बनाया। विभिन्न शाखाओं में अपने बैनर तले साथियों के साथ भ्रमण कर सेवा कार्य को बाधित किया। इस दौरान स्वास्थ्य विभाग, अंचल एवं प्रखंड कार्यालय में भी काम बाधित हुआ। रैली की अध्यक्षता जिलाध्यक्ष वीरेन्द्र कुमार ने की। इसमें काफी संख्या में स्वास्थ्य विभाग के आशा, ममता, कूरियर, एएनएम की उपस्थिति रही। सभा को संबोधित करते हुए जिला मंत्री दिलीप साह ने कहा कि सरकार केन्द्र की हो या बिहार की दोनों की नीयत कर्मचारी विरोधी है। जिस देश में बेरोजगारी की संख्या अधिक है वहां कारपोरेट जगत को तरजीह दिया जा रहा है। ऐसे में मध्यम व निम्नवर्गीय व्यक्ति परेशानी का शिकार हो रहे हैं। आज पूरे देश में चारो तरफ आंदोलन किया जा रहा है लेकिन केन्द्र व राज्य सरकार सोयी हुई है। कर्मचारी संगठनों का आक्रोश बढ़ना स्वाभाविक है। कर्मचारी, मजदूर, छात्रनौजवान एवं किसान सरकार के नीयत से त्रस्त हैं। सभा को जिला संयोजक महेन्द्र प्रसाद, महेन्द्र पासवान, विधान कुमार राय, राकेश कुमार, राकेश रंजन, रेखा कुमारी आदि ने संबोधित किया। वहीं बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ गोपगुट के जिला सचिव चंद्रभूषण चौधरी के नेतृत्व में संघ से जुड़े सदस्य आम हड़ताल में शामिल हुए। सदर अस्पताल में ओपीडी सेवा बाधित
सदर अस्पताल में आम दिनों की तरह काफी संख्या में लोग इलाज के लिए पहुंचे थे लेकिन आशा कार्यकर्ता के उग्र रवैया के कारण डॉक्टर को अपने कक्ष से बाहर जाना पड़ा। आक्रोशित आशा कार्यकर्ताओं ने ओपीडी सेवा को बाधित किया जिसके कारण जिले के विभिन्न भागों से आए मरीजों को बिना इलाज कराए ही अपने घर लौटना पड़ा। सबसे ज्यादा परेशानी महिला मरीजों को हुई जो किसी तरह इलाज कराने के लिए अस्पताल पहुंची थी। लेकिन ओपीडी सेवा ठप रहने के कारण निराश होकर लौट जाना पड़ा।