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¨जदगी की रफ्तार पर भारी पड़ रही वाहनों की रफ्तार

वैशाली। जिले में सड़कों पर सरपट दौड़ती गाडिय़ों की रफ्तार इंसानी ¨जदगी की रफ्तार पर भारी पड़ रही है। ज

By JagranEdited By: Published: Tue, 15 May 2018 06:38 PM (IST)Updated: Tue, 15 May 2018 06:38 PM (IST)
¨जदगी की रफ्तार पर भारी पड़ रही वाहनों की रफ्तार

वैशाली। जिले में सड़कों पर सरपट दौड़ती गाडिय़ों की रफ्तार इंसानी ¨जदगी की रफ्तार पर भारी पड़ रही है। जिले में शायद ही कोई ऐसा दिन गुजरता है जिस दिन सड़क हादसे में कोई जख्मी न होता हो। बीते एक माह के दौरान वाहनों की तेज रफ्तार की वहज से आठ लोगों की मौत हो गई वहीं दर्जनों लोग जख्मी हुए। सड़क हादसे में जब किसी की मौत होती है तो विरोध में आक्रोशित लोग घंटों सड़क जाम हंगामा भी करते हैं। कई बार पुलिसकर्मियों व आम लोगों को भी आक्रोशित लोगों के आक्रोश का सामना करना पड़ा है। इसके बावजूद सड़क हादसों को रोकने के प्रति कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है।

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या यूं कहे कि जिले में सड़क दुर्घटना में होने वाली मौत की घटनाएं अब लाइलाज रूप ले चुकी है। लेकिन इन हादसों का अंत कब और कैसे होगा, शायद इस सवाल का जवाब न तो आम लोगों के पास है और न ही हुक्मरानों के पास। जिले के किसी न किसी सड़क पर हर रोज सड़क दुर्घटना में लोग जख्मी हो रहे हैं तो किसी की जान जा रही है। लेकिन इसे रोकने की दिशा में न तो कोई कदम उठाए जा रहे हैं और न ही कोई सार्थक प्रयास। जिले की कई सड़कें तो आए दिन होने वाली सड़क दुर्घटनाओं की वजह से डेथ जोन बन गई है। दुर्घटना का दूसरा पहलू यह है कि अधिकतर सड़क दुर्घटना में टीनेजर्स बाइक सवार ही जख्मी या फिर मौत के शिकार होते हैं। सड़कों पर कहीं भी ट्रैफिक नियमों का पालन नहीं किया जाना भी एक बड़ा कारण है।

बेलगाम हाइवा व डंपर बन रहे हादसे की वजह

हाल के महीनों में जिले में हुए सड़क हादसों का एक बड़ा कारण बेलगाम हाइवा, डंपर व ट्रक रहे हैं। हाजीपुर-पटना, हाजीपुर-जंदाहा, हाजीपुर-लालगंज व हाजीपुर-मुजफ्फरपुर मार्ग में अधिकतर सड़क हादसे हाइवा, डंपर व ट्रक से ही हो रहे हैं। बीते एक माह के दौरान इन गाड़ियों से जहां तीन लोगों की मौत हो गई वहीं दर्जनों लोग जख्मी हो गए। लोगों के दिलों में बैठा है लहरियाकट बाइकर्स का खौफ सुदूर ग्रामीण इलाकों की कौन कहे, जिला मुख्यालय हाजीपुर शहर की सड़कों पर भी लहरियाकट बाइकर्स का खौप कायम है। शहर की भीड़भाड़ वाली सड़कों पर फर्राटे की रफ्तार से जब ये टीन एजर्स अपनी बाइक को हवा में तेज रफ्तार से लहराते हुए चलते हैं तो देखने वालों की रूह भी कांप उठती है। अक्सर ऐसे बाइकर्स दुर्घटना का कारण भी बनते हैं। खुद तो जख्मी होते ही हैं अपने साथ दूसरों को भी जख्मी कर देत हैं। कभी-कभी तो ये दूसरों के लिए आत्मघाती भी साबित होते हैं। ऐसे बाइक चालकों को शहर की सड़कों पर रोकने-टोकने वाला भी कोई नहीं है। कभी-कभी पुलिस इनके खिलाफ अभियान जरूर चलाती है, ऐसे बाइक चालक पकड़े भी जाते हैं, जुर्माना भी किया जाता है। लेकिन इस तरह के अभियान सिर्फ एक-दो हफ्ते चलाकर ही प्रशासन भी सिर्फ अपनी ड्यूटी ही पूरी करती है।

ये हैं डेथ जोन

- हाजीपुर-पटना मार्ग पर रामाशीष चौक, पासवान चौक, पान हाट और गांधी सेतु पर।

- हाजीपुर- महनार मार्ग पर जढ़ुआ, बिदुपुर, चांदपुरा चौक और महनार।

- हाजीपुर-महुआ रोड पर सेंदुआरी, बेलकुंडा, सुंदर नगर, रानीपोखर, महुआ।

- हाजीपुर-लालगंज-वैशाली मार्ग पर अंजानपीर चौक, रेपुरा, पोझिया, तीनपुलवा, मानपुर चौक, भगवानपुर रत्ती, वैशाली।

- हाजीपुर- जंदाहा मार्ग पर औद्योगिक क्षेत्र, गाजीपुर चौक, जंदाहा।

- हाजीपुर-मुजफ्फरपुर मार्ग पर दिघी, एकारा, सराय, भगगवानपुर, गोढि़या आदि। क्यों हो रही दुर्घटनाएं - लापरवाही से तेज रफ्तार में वाहन चलाने की बढ़ती घातक प्रवृत्ति

- लहरिया कट बाइक चलाने का बढ़ता फैशन, वाहनों पर क्षमता से अधिक सवारी

- ट्रैफिक नियमों की जानकारी न होना, अधिकतर चालक अनट्रेंड

- वाहनों में जोर-जोर से गाना बजाने का रिवाज- नशापान कर वाहन चलाना, चौक-चौराहों पर ओवरटेक करना

- ओवरटेक करने के दौरान हार्न नहीं देना


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