लगातार बारिश से अधिकतर प्रखंडों में भी जनजीवन अस्त-व्यस्त
चार दिनों से हो रही वर्षा से जनजीवन अस्त-व्यस्त है। चार दिनों में 139. 5 मिलीमीटर वर्षा रिकार्ड की गयी है। बीते 22 सितंबर से हो रही वर्षा से आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। जिन प्रखंडों में कम बारिश हुई है वहां धान की फसल को फायदा हुआ है।
जागरण टीम, वैशाली :
चार दिनों से हो रही वर्षा से जनजीवन अस्त-व्यस्त है। चार दिनों में 139. 5 मिलीमीटर वर्षा रिकार्ड की गयी है। बीते 22 सितंबर से हो रही वर्षा से आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। जिन प्रखंडों में कम बारिश हुई है, वहां धान की फसल को फायदा हुआ है, लेकिन जो निचले इलाके हैं और अगर वहां हाईब्रिड धान की फसल लगी है, उसे नुकसान पहुंचा है। सब्जी की फसलें तो एक प्रकार से चौपट ही हो गयी हैं। सांख्यिकी विभाग के अनुसार बीते शुक्रवार को सबसे अधिक वर्षा वैशाली प्रखंड में 76.4 मिलीमीटर रिकार्ड की गयी। वहीं सबसे कम वर्षा राजापाकर में मात्र 10.2 मिलीमीटर रिकॉर्ड की गयी। हालांकि जिला कृषि विभाग का रिपोर्ट कुछ और बयां कर रही है। कृषि विभाग के अनुसार सामान्य वर्षा 178.7 मिलीमीटर के मुकाबले शुक्रवार तक 220.3 मिलीमीटर वर्षा हुई है। बिदुपुर : बिदुपुर प्रखंड क्षेत्र में बीते तीन दिनों से हो रही बारिश के कारण कई जगहों पर जलजमाव हो गया है। जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया। वहीं खेतों में जलजमाव के कारण फूलगोभी, मूली, केला सहित नर्सरी आदि को भी काफी क्षति पहुंची है। बिदुपुर थाना परिसर एवं प्रखंड मुख्यालय में भी जलजमाव हो गया है। बिदुपुर बाजार के गंगा नदी किनारे जाने वाला प्रमुख व्यवसायिक केंद्र है, जलजमाव के कारण नरक जैसी स्थिति बन गयी है। गंगा नदी मार्ग में लगभग चार दशक पूर्व नाली थी परन्तु वर्तमान समय में अतिक्रमण के कारण नाली का अस्तित्व समाप्त हो गया, जिस कारण जलनिकासी नहीं हो पा रही है। इस रोड में ज्वेलरी की लगभग एक दर्जन से अधिक दुकानें, कपड़ा,गल्ला आदि की प्रमुख दुकानें है, जहां प्रतिदिन लाखों रुपये का कारोबार होता है। जलजमाव के कारण व्यवसाय भी प्रभावित हो रहा है। उधर बिदुपुर चंवर में करीब 20 एकड़ से अधिक में लगाई गयी नर्सरी भी प्रभावित हुई है। बाजितपुर सैदात पंचायत, कुत्तुपुर,चेचर आदि पंचायतों में फूलगोभी की फसल जलजमाव के कारण गलने लगी है। केला बगान में जलजमाव के कारण पौधे गलकर गिर रहे हैं।
चेहराकलां : लगातार बारिश होने के कारण प्रखंड में जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। धान की फसल पर व्यापक प्रभाव पड़ा है। धान की कुछ ऐसी भी प्रजातियां है जिनकी कटाई शुरू हो गई है। उनके लिए बारिश काफी नुकसानदेह साबित हो गई। उधर प्रखंड मुख्यालय से छौराही तक जाने वाली सड़क खास्ताहाल हो चुकी है।
पातेपुर : बारिश ने जनजीवन अस्त व्यस्त कर दिया है। ग्रामीण क्षेत्रों से लेकर हाट-बाजारों में हर जगह कीचड़ है। लोग अपने-अपने घरों में कैद होने को विवश हैं। साथ ही बाढ़ से उबर चुके लोगों को भी फिर से बाढ़ की चिता सताने लगी है। मौसम के बदले मिजाज के बाद लगातार हो रही बारिश के कारण जहां किसान धान की फसल के लिए फायदेमंद बता रहे हैं, वहीं अन्य फसलों के लिए यह बारिश नुकसानदेह साबित हो रही है। बारिश के कारण पशुपालक भी परेशान हैं। पशुओं के लिए हरे चारे की भीषण समस्या उत्पन्न हो गई है। वैशाली : वैशाली में चारो तरफ पानी ही पानी है। तेज रफ्तार हवा एवं बारिश के बीच सलेमपुर पंचायत के रामपुर मिल्की के वार्ड नम्बर 10 में राकेश राय का घर गिर गया जिसमे उनकी मां का हाथ टूट गया। परिवार के अन्य सदस्य सुरक्षित हैं। इस सम्बंध में अंचलाधिकारी गौरव कुमार ने बताया कि सरकारी नियमानुसार पीड़ित परिवार को हर सम्भव सहायता प्रदान की जाएगी। महनार : तीन दिनों से लगातार हो रही वर्षा के कारण महनार नगर एवं प्रखंड में कई जगह पर जलजमाव हो गया है। महनार प्रखंड परिसर में स्थित सड़क पूरी तरह कीचड़ में तब्दील हो गई है। एनबीपीडीसीएल कार्यालय के सामने दो फीट तक पानी जमा हो गया है। वहीं महनार प्रखंड परिसर में सभागार के बगल से होते हुए एफसीआइ गोदाम तक जाने वाली सड़क पूरी तरह कीचड़ में तब्दील हो गई है। इस सड़क को दुरुस्त कराने को लेकर प्रशासन द्वारा प्रयास भी किया गया था। लेकिन यह प्रयास नाकाफी साबित हुआ। महनार नगर में स्टेट बैंक के निकट, थाना मोड़ से साहू मोहल्ला जाने वाली सड़क पूरी तरह कीचड़ में तब्दील हो गई है।