होटलों में पानी भरने वाले मजदूर की बेटी बनी पुलिस सब इंस्पेक्टर
महनार के एक मजदूर की बेटी ने बिहार पुलिस में सब इंस्पेक्टर बन कर अपने माता-पिता और परिवार के साथ महनार का नाम भी रोशन किया है। महनार नगर की वार्ड संख्या 19 गाछी टोला फतेहपुर कमाली निवासी सुमन कुमार यादव की पुत्री लक्ष्मी प्रसाद का चयन बिहार पुलिस में सब इंस्पेक्टर के पद पर हुआ है।
संवाद सहयोगी, महनार (वैशाली) : महनार के एक मजदूर की बेटी ने बिहार पुलिस में सब इंस्पेक्टर बन कर अपने माता-पिता और परिवार के साथ महनार का नाम भी रोशन किया है। महनार नगर की वार्ड संख्या 19 गाछी टोला फतेहपुर कमाली निवासी सुमन कुमार यादव की पुत्री लक्ष्मी प्रसाद का चयन बिहार पुलिस में सब इंस्पेक्टर के पद पर हुआ है। जैसे ही लक्ष्मी के चयन की सूचना डाक से घर पहुंची कि घर वालों की खुशियों का ठिकाना नहीं रहा। लक्ष्मी प्रसाद का परिवार गरीबी की दौर से गुजर रहा है। उसके पिता सुमन कुमार यादव महनार के कई होटलों में प्रतिदिन पानी भरते हैं। प्रत्येक होटल से उन्हें 25-30 रुपये मिल जाते हैं। रोजाना 200 से 300 कमाकर सुमन यादव अपने परिवार के भरण-पोषण के साथ शुरू से ही पढ़ने-लिखने में काफी रही अपनी बेटी लक्ष्मी को भी पढ़ाया-लिखाया। आर्थिक तंगी के बावजूद उन्होंने अपनी पुत्री लक्ष्मी की परवरिश में कोई कमी नहीं होने दी। सरकारी स्कूल में पढ़ने वाली लक्ष्मी ने सब इंस्पेक्टर बन यह साबित कि दिया है कि दृढ़ इच्छाशक्ति हो तो मंजिल अवश्य मिलती है। होटलों में पानी भरकर काफी मेहनत कर परिवार चलाने के साथ उसे पढ़ाने को लेकर लक्ष्मी बराबर अपने मन में यह सोचती थी कि एक दिन वह अपने पिता का सहारा बनेगी। आखिरकार अपने नाम के अनुरूप लक्ष्मी आज अपने घर की लक्ष्मी बनकर अवतरित हुई है।
लक्ष्मी ने भी अपने माता-पिता के सपनों को साकार करने के लिए कड़ी मेहनत व लगन से पढ़ाई की। उसने अपना जो लक्ष्य बनाया उसे आखिरकार हासिल करके ही दम लिया। लक्ष्मी प्रसाद दो भाई और बहन में पहले स्थान पर है। उसकी कामयाबी पर उनके परिजन के अतिरिक्त महनारवासी भी अपने आपको गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। लक्ष्मी ने अपनी मैट्रिक तक की पढ़ाई महनार बालिका हाई स्कूल से की तथा महनार के आरपीएस कॉलेज से रसायन विज्ञान से स्नातक प्रथम श्रेणी से पास की है। चयन पत्र के अनुसार लक्ष्मी प्रसाद को 25 सितंबर से 10 अक्टूबर के बीच योगदान करना है। बेटी के सब इंस्पेक्टर बनने के बाद ना सिर्फ लक्ष्मी के पिता सुमन गौरवान्वित हैं, बल्कि गांव के लोग भी काफी गौरव की अनुभूति कर रहे हैं।