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राघोपुर में बाढ़ से स्थिति भयावह, गांवों से निकलने के सारे रास्ते बंद

गंगा के जलस्तर में जारी वृद्धि से राघोपुर दियारा में बाढ़ की स्थिति भयावह होती जा रही है। गांवों से निकलने के सारे रास्ते बंद हो चुके हैं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 21 Sep 2019 11:21 PM (IST)Updated: Sat, 21 Sep 2019 11:21 PM (IST)
राघोपुर में बाढ़ से स्थिति भयावह, गांवों से निकलने के सारे रास्ते बंद
राघोपुर में बाढ़ से स्थिति भयावह, गांवों से निकलने के सारे रास्ते बंद

संवाद सूत्र, राघोपुर :

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गंगा के जलस्तर में जारी वृद्धि से राघोपुर दियारा में बाढ़ की स्थिति भयावह होती जा रही है। गांवों से निकलने के सारे रास्ते बंद हो चुके हैं। स्थानीय प्रशासन द्वारा लोगों को नाव मुहैया नहीं कराए जाने के कारण लोग पहले से घरों में रखे सामान से किसी तरह अपना काम चला रहे हैं। प्रखंड के दर्जनों गांवों में घरों में पानी प्रवेश कर चुका है। लोग सामान को सुरक्षित करने में जुटे हैं। इधर गंगा के जलस्तर में वृद्धि का सिलसिला जारी है। बीमार एवं लाचार लोगों को इलाज के लिए स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाने के लिए कोई साधन नहीं है। गांव चारों ओर पानी से घिरे हैं। जान जोखिम में डालकर लोग अपना काम करते हैं।

ज्ञात हो कि पिछले सात दिनों से राघोपुर प्रखंड की 20 पंचायतों के सभी गांवों के लोग बाढ़ के पानी से घिरे हैं। स्थानीय प्रशासन द्वारा लोगों को पर्याप्त सुविधा मुहैया नहीं कराए जाने से रोष व्याप्त है। खासकर बाढ़ में फंसे बच्चों को खाने-पीने में काफी दिक्कत हो रही है। प्रखंड की मुख्य सड़क पर पानी भर जाने के कारण लोगों का आवागमन बंद हो गया है। कई ग्रामीण सड़कों से मुख्य सड़क का संपर्क भंग हो चुका है। प्रखंड में सैकड़ों एकड़ में लगी मक्का, धान और जनेरा की फसल बर्बाद हो गई है।

सबसे बड़ी समस्या जानवर के लिए चारा का जुगाड़ करना है। चारों तरफ पानी ही पानी है। खेतों में पानी भर जाने के कारण दियारा इलाके के पशुपालकों के सामने चारा की समस्या उत्पन्न हो गई है। जिनके मवेशी पहले खेतों में घास चर कर पेट भर लेते थे, उनकी हालत आज दयनीय है। पशुपालन राघोपुर दियारा क्षेत्र में कुटीर उद्योग की तरह है। अधिकतर लोग खेती एवं पशुपालन पर निर्भर हैं। प्रखंड की वीरपुर, जुड़ावनपुर करारी, बरारी, चकसिगार, राघोपुर पूर्वी, पश्चिमी, पहाड़पुर पूर्वी एवं पश्चिमी, जफराबाद, जहांगीरपुर, रुस्तमपुर, फतेहपुर, मोहनपुर, फतेहपुर, रामपुर श्यामचंद समेत प्रखंड की 20 पंचायतें बाढ़ से प्रभावित हैं।

प्रखंड मुखिया संघ के अध्यक्ष विनय भूषण उर्फ मंटू यादव के नेतृत्व में कई पंचायतों के मुखियों ने अलग-अलग पंचायतों में प्रशासन द्वारा नाव की व्यवस्था नहीं करने पर नाराजगी जताई है। मुखिया संघ के अध्यक्ष ने बताया कि पिछले सात दिनों से पंचायतों में बाढ़ का पानी फैला हुआ है। लोगों को काफी कठिनाई हो रही है। लेकिन स्थानीय प्रशासन द्वारा पर्याप्त नावों की व्यवस्था नहीं की गई है। जुड़ावनपुर करारी पंचायत के मुखिया पति मंटू सिंह, बरारी पंचायत के मुखिया किशोरी राउत, पहाड़पुर पश्चिमी पंचायत के मुखिया पति मंटू कुमार ठाकुर, राघोपुर पूर्वी पंचायत की मुखिया मोना देवी, पूर्व उप प्रमुख प्रिया रानी समेत कई पंचायतों के मुखिया, पंचायत समिति सदस्यों ने स्थानीय प्रशासन के खिलाफ नाराजगी जताई है।

इधर लोगों का कहना है कि राघोपुर अंचल कार्यालय के द्वारा पंचायतों में भेजी गई छोटी-बड़ी नावें काफी पुरानी हैं। सीओ पेपर पर ही सारा काम कर रहे हैं। जानकारी के अनुसार कुछ नावों को जनप्रतिनिधि अपनी सुविधा के अनुसार चलवा रहे हैं। प्रखंड के रामशरण सिंह इंटर विद्यालय जुड़ावनपुर, उच्च विद्यालय रामपुर, पृथ्वी सिंह उच्च विद्यालय जहांगीरपुर, जुड़ावनपुर थाना क्वार्टर में पानी घुस गया है। प्रखंड के कई मध्य एवं प्राथमिक विद्यालयों में पानी भरा है। प्रखंड के प्रभारी शिक्षा पदाधिकारी ने सभी विद्यालयों को तत्काल बंद करने का आदेश दिया है। जुरावनपुर प्रभारी थानाध्यक्ष सुबोध कुमार सिंह ने बताया कि थाना क्वार्टर के सभी कमरों में पानी आ जाने काफी परेशानी हो रही है। खासकर रात्रि में सांप-बिच्छू आदि भय बना हुआ है। उन्होंने बताया कि राघोपुर अंचला जिलाधिकारी द्वारा दो छोटी नावें दी गई हैं जिससे गश्ती करने में भी काफी परेशानी हो रही है।

इधर शिवनगर बिदा मार्केट के निकट दर्जनों परचून एवं किराना दुकानों में पानी घुस जाने के बाद दुकानदारों ने अपनी-अपनी दुकानों से सामान निकाल कर सुरक्षित बिदा मार्केट में रख दिया है। दुकानदार विकास कुमार, राकेश कुमार, टुनटुन राय, शंभु शाह, जयलाल राय, भुल्लू राय, निप्पू सा, मुन्ना साह, रंजीत शाह, रतन कुमार ने बताया कि बाढ़ के पानी आने से हजारों का नुकसान हुआ है। बिदुपुर प्रखंड के कई गांवों में बाढ़ का पानी घुसा

संवाद सूत्र, बिदुपुर :

बिदुपुर प्रखंड के दियारा क्षेत्र में निरंतर गंगा नदी के जलस्तर में हो रही वृद्धि के कारण कई नए गांवों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। हजारों एकड़ भूमि में लगी फसल डूब गई है। किसानों को काफी क्षति पहुंची है। मवेशीपालकों के लिए खेत से चारा लाना भी समस्या है। चेचर पंचायत के वार्ड 10 एवं 11 गोकुलपुर गांव में बाढ़ का पानी भर गया है। इस गांव में स्थित प्राथमिक विद्यालय गोकुलपुर के चारो ओर पानी फैल गया है। विद्यालय के प्रांगण में भी पानी भर गया है। वहीं आगनवाड़ी केंद्र 242 एवं 243 भी बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। प्रखंड की अन्य पंचायत जुड़ावनपुर के पांच वार्ड, चेचर के दो वार्ड, बाजितपुर, कथौलिया, सैदपुर गणेश पंचायत के तीन वार्ड, कंचनपुर पंचायत के चार वार्ड में बाढ़ का पानी घरों तक में पहुंच गया है। जबकि रजासन, माइल, दाउदनगर, खिलवत, बिदुपुर, शीतलपुर कमालपुर, आमेर, नावानगर, दिलावरपुर गोवर्धन आदि पंचायत की हजारों एकड़ भूमि में लगी फसल बाढ़ में डूब गई है। मक्का एवं सब्जी की फसल को काफी नुकसान पहुंचा है।

चेचर पंचायत की मुखिया मीना देवी एवं उनके पति सत्यानन्द भगत ने स्थानीय प्रशासन एवं जिला प्रशासन से गोकुलपुर गांव के बाढ़ पीड़ितों के बीच राहत सामग्री वितरित करने एवं फसल क्षति का मुआवजा देने की मांग की है। वहीं मवेशी के लिए चारा का प्रबंध करने की मांग की है। उधर जुड़ावनपुर पंचायत के विशनपुर सैदअली दियारा के पांच वार्डों में बाढ़ की स्थिति काफी भयावह बनी हुई है। सैदपुर गणेश पंचायत के मुखिया कमल कुमार उर्फ अरुण कुमार ने भी बाढ़ पीड़ितों को सहायता देने की मांग की है। चेचर पंचायत के मुखिया पति सत्यानन्द भगत ने बताया कि गोकुलपुर गांव के रणजीत कुमार, रामजी सिंह, सत्तन राय, भुलेटन राय, महेंद्र राय, परम हंस राय, प्रयाग राय, रामजन्म राय, रामचन्द्र पासवान, गणेश पासवान, जोधा पासवान, रामईश्वर राय, हरिवंश पासवान, लाला दास, रामप्रीत राय, दिलीप कुमार, रामनाथ पासवान आदि के घर पूरी तरह बाढ़ के पानी में घिरे हुए हैं।


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