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शिक्षा से ही संभव है समाज में बदलाव : पूर्व डीजीपी

वैशाली। शिक्षा एक संस्कारजन्य सांस्कृतिक कार्य है। इसका उद्देश्य सिर्फ अध्यापन और मूल्यांकन तक ही सीमित नहीं है। इसका उद्देश्य व्यक्ति के संपूर्ण व्यक्तित्व को परिस्कृत करना है। भारतीय संस्कृति में ज्ञान को मनुष्य की तीसरी आंख बताया गया है। हाजीपुर प्रखंड क्षेत्र के भटंडी गांव स्थित गलैक्सि पब्लिक स्कूल में रविवार को स्कूल के चतुर्थ वार्षिक महोत्सव के अवसर पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित बिहार के पूर्व डीजीपी एसके भारद्वाज ने ये बातें कही।

By JagranEdited By: Published: Mon, 04 Feb 2019 12:35 AM (IST)Updated: Mon, 04 Feb 2019 12:35 AM (IST)
शिक्षा से ही संभव है समाज में बदलाव : पूर्व डीजीपी

वैशाली। शिक्षा एक संस्कारजन्य सांस्कृतिक कार्य है। इसका उद्देश्य सिर्फ अध्यापन और मूल्यांकन तक ही सीमित नहीं है। इसका उद्देश्य व्यक्ति के संपूर्ण व्यक्तित्व को परिस्कृत करना है। भारतीय संस्कृति में ज्ञान को मनुष्य की तीसरी आंख बताया गया है। हाजीपुर प्रखंड क्षेत्र के भटंडी गांव स्थित गलैक्सि पब्लिक स्कूल में रविवार को स्कूल के चतुर्थ वार्षिक महोत्सव के अवसर पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित बिहार के पूर्व डीजीपी एसके भारद्वाज ने ये बातें कही। उन्होंने कहा कि शिक्षा से ही समाज में बदलाव संभव है। वहीं विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित डीजी अर¨वद पाण्डेय ने कहा कि शिक्षा से समाज का सर्वांगीण विकास होता है। शिक्षा मानव जीवन की अनमोल पूंजी है। इस पूंजी की प्राप्ति के बगैर मानव जीवन अधूरा है। शिक्षा के बिना खुशहाल जीवन की कल्पना करना बिल्कुल बेमानी है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों में प्रतिभा की कमी नहीं है। जरूरत है, सही निखार की।

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इस मौके पर सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं नृत्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित पूर्व डीजीपी एस के भारद्वाज, विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित डीजी डॉ. अर¨वद पाण्डेय, सुधा भारद्वाज, स्कूल निदेशक सत्येंद्र कुमार पाण्डेय एवं निदेशिका सुनीता ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया। कार्यक्रम के दौरान छात्र-छात्राओं ने जमकर धमाल मचाया। देश भक्ति गीत एवं नृत्य कार्यक्रम में रिमझिम, खुशबू, अनान्या, मानषी, स्मृति, चांदनी, सुहाना एवं जागृति ने भाग ली। गलती से मिस्टेक गीत एव नृत्य कार्यक्रम में सतीश, विकास, आदित्य, आशीष एवं प्रतीक ने भाग लिया। इसके अलावा अंजली, राज नंदनी, सुरूचि, अनामिका, अनुराधा, शिवानी, रिया, तन्नु श्री, रिषी राज, ¨प्रस, लक्की, पलक नारी एवं आयुषी आदि छात्र-छात्राओं ने भी कार्यक्रम में भाग लेकर अपनी प्रतिभा का परिचय दिया। इस दौरान राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ साहित्यिक एवं सांस्कृतिक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष प्रेम रंजन ¨सह के नेतृत्व में शिक्षकों की टीम ने सांस्कृतिक कार्यक्रम में भाग लेकर लोगों को खूब मनोरंजन कराया। इस मौके पर उपस्थित छात्र-छात्राओं एवं शिक्षकों ने शिक्षित बिहार, स्वच्छ बिहार एवं स्वस्थ बिहार बनाने का संकल्प लिया।


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