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गिरफ्तारी के डर से बोर्ड की बैठक में नहीं आईं उपसभापति

अपर सचिव ने भी कार्रवाई का दिया था निर्देश शिकायत पर सरकार के अपर सचिव ने उमेश चंद्र विश्वास ने 29 सितंबर 2014 को नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रधान सचिव को पत्र लिखकर तत्कालीन सभापति रमा निषाद, नगर परिषद के तत्कालीन कार्यपालक पदाधिकारी पृथ्वीराज श्रीवास्तव, कार्यपालक अभियंता कृष्णनंदन प्रसाद ¨सह, रघुवीर साफी सहायक अभियंता व कनीय अभियंता हेमलाल कर्ण के विरुद्ध कार्रवाई करते हुए निगरानी को अवगत कराने का निर्देश दिया था। क्या कहती हैं उपसभापति तत्कालीन नगर परिषद की सभापति व वर्तमान उपसभापति रमा निषाद कहती हैं कि उस वक्त योजना के कार्यान्वयन के लिए बोर्ड की विशेष बैठक में प्रस्ताव पारित किया गया था। अगर इस योजना में कहीं अगर नियमों की अनदेखी हो रही थी तो तत्कालीन कार्यपालक पदाधिकारी को बताना चाहिए था। बोर्ड के सदस्यों को भी सदन में बात रखनी चाहिए थी लेकिन उस वक्त ऐसा नहीं किया गया। कहा कि जानबूझकर उनकी व उनके परिवार की छवि को एक साजिश के तहत धूमिल करने का प्रयास किया जा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 11 Sep 2018 09:44 PM (IST)Updated: Tue, 11 Sep 2018 09:44 PM (IST)
गिरफ्तारी के डर से बोर्ड की बैठक में नहीं आईं उपसभापति
गिरफ्तारी के डर से बोर्ड की बैठक में नहीं आईं उपसभापति

वैशाली। हाजीपुर नगर परिषद बोर्ड की मंगलवार को हुई बैठक में गिरफ्तारी के डर से उपसभापति शामिल नहीं होने पहुंची। बोर्ड की लगातार तीन व स्थायी कमेटी की चार बैठकों में शामिल नहीं होने की वजह से अब उपसभापति रमा निषाद की सदस्यता पर भी खतरा मंडराने लगा है। नगर निकाय नियमावली के अनुसार अब इसके लिए चुनाव आयोग को पत्र भी लिखा जाएगा।

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मालूम हो कि मंगलवार को नगर परिषद कार्यालय सभाकक्ष में नगर परिषद बोर्ड की बैठक बुलाई गई थी। बोर्ड की बैठक में नगर परिषद की उपसभापति रमा निषाद के शामिल होने की सूचना पर जिला प्रशासन की ओर से उनकी गिरफ्तारी की भी पुख्ता व्यवस्था की गई थी। दो मजिस्ट्रेट के नेतृत्व में केस की आईओ व पुलिस टीम नगर परिषद कार्यालय व उसके आसपास मौजूद थी लेकिन वह बैठक में शामिल होने नहीं पहुंचीं।

इधर नगर परिषद बोर्ड की बैठक काफी हंगामेदार रही। पार्षदों के एक गुट का आरोप है कि उपसभापति के समर्थक पार्षद जानबूझकर हंगामा खड़ा करा बैठक को रद कराना चाह रहे थे लेकिन ऐसा हुआ नहीं। बैठक में आम्रपाली नगर भवन के जीर्णोद्धार समेत कई मुद्दों पर चर्चा की गई। साथ ही नगर की सफाई व्यवस्था पर सदस्यों ने असंतोष व्यक्त करते हुए सवाल उठाया कि क्यों नहीं सफाई एजेंसी के करार को रद कर दिया जाए। वहीं गांधी चौक के समीप बनाए गए अस्थायी डं¨पग जोन का भी मामला उठाया गया। बैठक में सभापति संगीता कुमारी, कार्यपालक पदाधिकारी सिद्धार्थ हर्षवर्धन, वार्ड पार्षद निकेत कुमार डब्लू समेत अन्य पार्षद मौजूद थे। क्यों होनी है उपसभापति की गिरफ्तारी

पर वर्ष 2014 में सभापति रहते हुए नगर परिषद की जमीन पर लगभग पचास लाख रुपये की लागत से बनने वाले मार्केट कॉम्प्लेक्स में वित्तीय अनियमितता का आरोप है। जांच के बाद निगरानी विभाग के महानिदेशक ने 22 सितंबर 2014 को पत्रांक 4869 से नगर थानाध्यक्ष को तत्कालीन सभापति रमा निषाद, नगर परिषद के तत्कालीन कार्यपालक पदाधिकारी पृथ्वीराज श्रीवास्तव, कार्यपालक अभियंता कृष्णनंदन प्रसाद ¨सह, रघुवीर साफी सहायक अभियंता व कनीय अभियंता हेमलाल कर्ण के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया था। लेकिन नगर थाने में उस वक्त दर्ज कांड संख्या 903/14 में सभापति का नाम दर्ज नहीं किया गया था। बाद में उनका नाम दर्ज किया गया। इसी मामले में बीते जुलाई माह में उनकी गिरफ्तारी का आदेश जारी किया गया था।


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