महनार सीएचसी में शराब के नशे में किया हंगामा
वैशाली। महनार सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में सोमवार की रात्रि में शराब के नशे में धुत दो लोगों ने जमकर हंगामा किया। हंगामे से अस्पताल में अफरा-तफरी मच गई।
वैशाली। महनार सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में सोमवार की रात्रि में शराब के नशे में धुत दो लोगों ने जमकर हंगामा किया। हंगामे से अस्पताल में अफरा-तफरी मच गई। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई और शराब के नशे में हंगामा कर रहे दो लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। इधर सीएचसी में भर्ती मरीजों को छोड़ चिकित्सा प्रभारी डॉ जोहा एवं अन्य चिकित्सक सीएचसी से रात्रि में ही भाग खड़े हुए।
महनार सीएचसी में ड्यूटी पर तैनात सुरक्षाकर्मी से मिली जानकारी के अनुसार सोमवार की रात्रि लगभग साढ़े नौ बजे आपस में मारपीट कर दो लोग घायलावस्था में सीएचसी में इलाज कराने आए। गार्ड उन्हें अंदर इलाज के लिये ले गया। जब डॉक्टर घायल का इलाज कर रहे थे तो उसी दौरान जख्मी लोगों के परिजन सीएचसी आ पहुंचे और सीएचसी के अंदर जाने की जिद करने लगे। जब उन्हें गार्ड ने अंदर नहीं जाने दिया तो वह लोग हंगामा करने लगे। हंगामा की सूचना जैसे ही महनार थानाध्यक्ष को मिली वह मौके पर पहुंचे और हंगामा कर रहे लोगों को जमकर फटकार लगाई। पुलिस ने मौके से कुशवाहा धर्मशाला निवासी मृत्युंजय शर्मा उर्फ छोटू शर्मा एवं टारा चौड़ी निवासी सुरेश ¨सह के पुत्र मंजीत कुमार को गिरफ्तार कर लिया। दोनों गिरफ्तार युवकों को सीएचसी में आकर हंगामा करने एवं पुलिस के साथ दुर्व्यवहार करने के मामले में गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। बताया गया कि गिरफ्तार दोनों युवक शराब के नशे में थे। दोनों को हाजीपुर ले जाकर जांच कराई गई। जांच में शराब पिये होने की पुष्टि हुई।
यहां यह उल्लेखनीय है कि गिरफ्तार एक युवक मृत्युंजय शर्मा उर्फ छोटू शर्मा पूर्व में भी कई बार शराब बेचने के मामले में जेल जा चुका है। इधर सीएचसी में सोमवार की रात्रि में जैसे ही हंगामे की घटना हुई डॉक्टर अस्पताल से भाग निकले। हालांकि पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए हंगामा करने वालों को गिरफ्तार भी कर लिया लेकिन डॉक्टर अस्पताल में नहीं रुके। इस सम्बंध में महनार के प्रभारी थाना अध्यक्ष विशाल कुमार ने कहा कि दो युवकों को नशे की हालत में सीएचसी में हंगामा करने और पुलिस के साथ दुर्व्यवहार करने के मामले में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। इधर मंगलवार को एक मात्र डॉक्टर अलका ने ओपीडी में अकेले लगभग चार सौ मरीजों को देखा।