मीना मंच से जुड़ी छात्राओं ने बनाए कपड़े के एक सौ झोले, किया वितरण
सिगल यूज प्लास्टिक को लेकर लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से महनार प्रखंड के मध्य विद्यालय जावज में मीना मंच की छात्राओं ने अभिभावकों के बीच कपड़े का झोला वितरण कर पर्यावरण जागरूकता का संदेश दिया।
संवाद सहयोगी, महनार:
सिगल यूज प्लास्टिक को लेकर लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से महनार प्रखंड के मध्य विद्यालय जावज में मीना मंच की छात्राओं ने अभिभावकों के बीच कपड़े का झोला वितरण कर पर्यावरण जागरूकता का संदेश दिया। मीना मंच की छात्राओं ने विद्यालय में आयोजित शिक्षक-अभिभावक गोष्ठी में उपस्थित शिक्षकों एवं ग्रामीणों के बीच एक सौ झोले का वितरण कर सिगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल को बंद करने की अपील की। इन छात्राओं ने 15 अगस्त को प्रधानमंत्री द्वारा गांधीजी की 150 वीं जयंती पर सिगल यूज प्लास्टिक के खिलाफ जन आन्दोलन चलाने के आह्वान पर मीनामंच की बैठक में एक सौ लड़कियों को सिलाई मशीन सिखाने एवं प्रत्येक लड़की द्वारा दस झोला एवं दस कपड़े के डस्टर बनाने का लक्ष्य रखा गया था। इस तरह एक हजार झोला एवं कपड़े का डस्टर स्वयं तैयार कर वितरण करने का लक्ष्य रखा है।
सकूल के प्रधानाध्यापक विवेक कुमार ने बताया कि मीनामंच की छात्राओं की मांग पर विद्यालय में खराब पड़ी एक सिलाई मशीन को ठीक कराया गया। छात्राओं के ²ढ़ संकल्प को देखते हुए एक सिलाई मशीन और उपलब्ध कराई गई। पिछले एक माह में दस छात्राओं ने प्रशिक्षण प्राप्त कर एक सौ झोला एवं कपड़े के एक सौ डस्टर बनाए हैं, जिन्हें शिक्षकों एवं ग्रामीणों के बीच बांटा गया है। इस कार्य में पूर्व से प्रशिक्षित छात्रा रानी कुमारी एवं मीना मंच की संयोजिका शिक्षिका कुमारी निभा ने अपना योगदान दिया।
मीनामंच की प्रवक्ता निभा कुमारी ने शिक्षकों एवं ग्रामीणों के बीच सिगल यूज प्लास्टिक से होने वाली हानियों के विषय में ग्रामीणों को बताया। उन्होंने कहा कि आज हमारे खेत, नदी, नाला एवं घर प्लास्टिक से भरे हुए हैं। ये प्लास्टिक पांच सौ वर्षों तक भी नष्ट नहीं होते हैं। इससे पर्यावरण को क्षति पहुंच रही है और अनेक बीमारियां उत्पन्न हो रही हैं। प्रधानमंत्री द्वारा शुरू किए गए इस जनआंदोलन में हम सभी को भागीदार बनना है। इस मौके पर मीनामंच की छात्राओं ने क्लीन जावज, ग्रीन जावज का भी संकल्प लिया। इस कार्यक्रम में सीआरसीसी अजय कुमार, सुमित कुमार, मंजू कुमारी, कविता कुमारी, मीना कुमारी, ललिता कुमारी, सीता कुमारी, मुकेश कुमार, अनिल कुमार झा, अरुण कुमार, कुमारी निभा, कल्पना कुमारी, सुरेश राय, मो. कमरूल, किरण कुमारी, श्याम नाथ राय, त्रिभुवन राय, रवि कुमार, पंकज पल्लव आदि शिक्षक एवं ग्रामीण उपस्थित थे।