तुझे पाने की चाहत में न जाने क्या-क्या नहीं खोया..
थ्य केंद्र की जर्जर स्थिति में सुधार कराने की मांग की है। इस संबंध में दिए गए मांग पत्र में उन्होंने पूर्व में सिविल सर्जन एवं अन्य विभागीय पदाधिकारियों को दिए गए आवेदन का उल्लेख करते हुए कोई कार्रवाई नहीं होने पर निराशा जताई है।
संवाद सूत्र, गोरौल : प्रखंड के चकव्यास मध्य विद्यालय परिसर में आयोजित हास्य कवि सम्मेलन एवं मुशायरे में आए ख्यातिप्राप्त कवि व शायर ने जमकर हास्य व व्यंग के तीर चलाए। कवि शरफराज अहमद ने कभी तन्हाइयों में रोया, कभी महफिलों में है रोया, तुझे पाने की चाहत में न जाने क्या-क्या नहीं खोया.. की प्रस्तुति दे कार्यक्रम में समां बांध दिया। कवि गोपाल पाठक ने पुलिस पर व्यंग करने में कोई कसर नही छोड़ी। वहीं कामेश्वर ¨सह घुमक्कड़ ने बंदी पर कहा कि पहले हदबंदी फिर चकबंदी तब नशबंदी और आया शराब बंदी उसके बाद तो बिल्कुल ही आ गया नोटबंदी। इस तरह अन्य कवियों ने अपने-अपने हास्य कविताओं से दर्शकों को लोट पोट करा दिया।
इसके पूर्व हास्य कवि सम्मेलन एवं मुशायरे का उद्घाटन राज्य के पूर्व मंत्री बसावन भगत, स्थानीय विधायक राजकिशोर ¨सह, पूर्व विधायक अच्युदानंद ¨सह, इंजीनियर र¨वद्र ¨सह ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। कार्यक्रम का संचालन कौशर परवेज खां ने किया। कार्यक्रम का आयोजन संजय ¨सह द्वारा किया गया था। कार्यक्रम का शुभारंभ कवियित्री प्राची झा के सरस्वती वंदना से की गई। हास्य कवि सम्मेलन एवं मुशायरे में बरेली से गोपाल पाठक, पलामू से पंकज ¨सह, मधुपुर से दीपांशु ¨सह, सुपौल से केशव कौशिक, पंजाब से गुरमीत ¨सह के अलावा आमिर हामजी, विशाल पंडित, शाजिया नाज, शरफराज अहमद, नागेंद्र मणि, कामेश्वर ¨सह घुमक्कड़ आदि कवि आए हुए थे। कार्यक्रम में राजद के प्रदेश प्रवक्ता चितरंजन गगन, जिला पार्षद संटू ¨सह, अभिषेक कुमार भोला, संजय कुमार ¨सह, राकेश ¨सह आदि भी शामिल हुए।