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बरैला के विकास को ले वन विभाग ने समिति सदस्यों के साथ की बैठक

आपसी विवाद को लेकर दो पक्षों के बीच हुई मारपीट में एक महिला सहित कई लोग जख्मी हो गए। सभी घायलों का इलाज स्थानीय अस्पताल में कराया गया। इस संबंध में प्रथम पक्ष के राजखण्ड गांव निवासी वीरचन्द्र गिरी के द्वारा थाने में दर्ज करायी प्राथमिकी में बताया है कि वह खेत से काम कर लौटा तो देखा कि गांव के कुछ लोग उसके घर में घुसकर बहू-बेटी के साथ मारपीट कर रहे हैं। जब वह बचाने गया तो सभी ने हसुआ से सिर पर हमला कर दिया। साथ ही घर में रखे रुपये एवं मंगलसूत्र भी ले गए। इस मामले में अवधेश गिरी विद्यानन्द गिरी सहित सात लोगों को नामजद आरोपित किया गया है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 07 Apr 2019 12:31 AM (IST)Updated: Sun, 07 Apr 2019 06:35 AM (IST)
बरैला के विकास को ले वन विभाग ने समिति सदस्यों के साथ की बैठक
बरैला के विकास को ले वन विभाग ने समिति सदस्यों के साथ की बैठक

फोटो- 04 और 05 जागरण संवाददाता, हाजीपुर :

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वन विभाग के पदाधिकारियों ने बरैला झील पक्षी विहार के विकास के लिए स्थानीय स्तर पर गठित सलाहकार समिति के सदस्यों एवं ग्रामीणों के साथ एक बैठक की। तथागत महावीर बरैला झील जीव रक्षा सह शोध संस्थान के लोमा स्थित कार्यालय परिसर में हुई इस बैठक की अध्यक्षता वैशाली के डीएफओ नंदकुमार मांझी ने की जबकि संचालन संस्थान के संस्थापक व पर्यावरणविद पंकज कुमार चौधरी ने किया।

श्री चौधरी ने बैठक के एजेंडे पर चर्चा करते हुए कहा कि बरैला झील सूखने के कारण झील किनारे के दर्जनों गांवों में करीब दो लाख की आगादी जल संकट से जूझ रही है। सिचाई का भी भारी संकट खड़ा हो गया है। जल संकट से जूझ रही बरैला झील में पिछले वर्ष अक्टूबर-नवंबर महीने में प्रवासी पक्षी नहीं आए। झील में इसी तरह पानी का संकट बना रहा तो इसका अस्तित्व ही खत्म हो जाएगा। श्री चौधरी ने निकट की वाया नदी से नए नहर का निर्माण कर पानी लाने के साथ ही अन्य दूसरे स्त्रोतों से भी पानी की व्यवस्था करने के लिए सर्वे कराने का आग्रह किया ताकि झील के अस्तित्व को बचाया जा सके और। तात्कालिक उपाय के रूप में लखनिया फाटक को खुलवा कर नून नदी का पानी लाने का भी सुझाव दिया गया।

बैठक में उपस्थित लोगों ने बरैला झील का अब तक अपेक्षित विकास नहीं होने पर दुख प्रकट किया गया, साथ ही आगे विकास के प्रति प्रतिबद्धता दोहराई। इसके साथ ही उपस्थित ग्रामीणों एवं सलाहकार समिति के लोगों ने सुझाव के तौर पर जंगलों की सफाई करा उसकी जोताई करा देसरिया एवं सिगरा धान की बोआई कर प्रवासी पक्षियों के लिए भोजन की व्यवस्था करने पर बल दिया गया। साथ ही किसानों को भी आर्थिक संबल प्रदान करने किसानों को जोताई एवं खेती के लिए अनुदान देने, पिछले वित्तीय वर्ष में ही बनने वाले चबूतरा एवं सोलर लैंपों की व्यवस्था करने, लोमा, बिझरौली, पीरापुर दुलौर सहित बसघट्टा बरैला में भी व्यवस्था करने, वन विभाग द्वारा लगाए गए चापाकलों की मरम्मत एवं नए चापाकलों का लगाकर जल संकट को दूर करने, झील क्षेत्र का का विद्युतीकरण करने, झील किनारे बिजली के अभाव में 15 वर्षों से बंद पड़े स्टेट बोरिग को चालू करने,पक्षी मित्रों की पारिश्रमिक का भुगतान करने आदि कई प्रस्ताव लिए गए।

इस मौके पर सहायक वन प्रमंडल पदाधिकारी बीबी पाल, वन क्षेत्र पदाधिकारी लालगंज एमएन सहाय, वनरक्षक शिवजी, फॉरेस्टर नरेश प्रसाद, राम वीरचंद पटेल आदि अधिकारियों के साथ ही संस्थान के रामबाबू सहनी, कुन्दन चौधरी, राजीव कुमार टनटन, सुमित कुमार मिक्कू, मेगन बाबा, अजय चौधरी, शिवशंकर चौधरी, टुनटुन चौधरी आदि उपस्थित थे।


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