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पहलेजा-दीघा जेपी सेतु पर छाया रहता अंधेरा

वैशाली। जेपी सेतु मात्र छह माह में ही खतरे का पर्याय बन गया है। पुल के बाहर दोनों तरफ उजाला है किन्त

By JagranEdited By: Published: Tue, 12 Dec 2017 10:06 PM (IST)Updated: Wed, 13 Dec 2017 03:32 PM (IST)
पहलेजा-दीघा जेपी सेतु पर छाया रहता अंधेरा
पहलेजा-दीघा जेपी सेतु पर छाया रहता अंधेरा

वैशाली। जेपी सेतु मात्र छह माह में ही खतरे का पर्याय बन गया है। पुल के बाहर दोनों तरफ उजाला है किन्तु पूरा पुल अंधेरे में डूबा रहता है।

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पुल पर लगे बिजली पोल के नीचे लगे बॉक्स का प्लेट खुलकर सड़क के दोनों तरफ लगभग एक फीट बाहर लटका हुआ है। इस प्लेट की धार किसी तेज ब्लेड से कम नहीं, जिसके कारण साइकिल या बाइक से सफर कर रहे यात्री जैसे ही पुल के दाएं या बाएं तरफ सटे कि उनके पैर जख्मी हो जा रहे हैं।

इस खतरनाक प्लेट से घायल सोनपुर प्रखंड कांग्रेस के उपाध्यक्ष पंकज ¨सह परमार ने बताया कि उन्होंने इस सम्बन्ध में इसकी सूचना बिजली विभाग तथा स्थानीय पदाधिकारियों को भी दी लेकिन स्थिति जस का तस है। दूसरी तरफ अंधेरे का लाभ उठाते अपराधी भी सक्रिय हैं। मोबाइल व सोने की चेन छीनकर भागने की कई घटनाएं हो चुकी हैं।

मालूम हो कि इस सेतु का इस वर्ष 11 जून को पूरे तामझाम के साथ उद्घाटन हुआ था। अभी साल भी पूरा नहीं हुआ है और इसके रख-रखाव में कमी लोगों के लिए परेशानी का शबब बना हुआ है। इस सेतु से होकर ना केवल राज्य के विभिन्न विभागों के मंत्रियों का अक्सर आवागमन होता है बल्कि उच्चाधिकारी भी इसी से होकर गुजरना पसंद करते हैं। लेकिन किसी का ध्यान इस ओर नहीं है।


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