बदहाली पर आसू बहा रहा रतनपुर उपस्वास्थ्य केंद्र
सुपौल। कभी मेरी भी हस्ती थी। सुबह से शाम तक मरीजों से गुलजार रहता था। चिकित्सक से लेकर नर्स
सुपौल। कभी मेरी भी हस्ती थी। सुबह से शाम तक मरीजों से गुलजार रहता था। चिकित्सक से लेकर नर्स तक की व्यवस्था हर समय उपलब्ध रहती थी। लेकिन बेरहम व्यवस्था ने ऐसा डंक मारा कि अब खुद अस्तित्व की रक्षा के लिए संघर्ष कर रहा हूं। बेहतर स्वास्थ्य सेवा देने के नाम पर लाखों-करोड़ों रुपये खर्च करने के दावों के बीच रतनपुर पंचायत स्थित उपस्वास्थ्य केंद्र हकीकत को बया करने के लिए काफी है। बसंतपुर प्रखंड अंतर्गत रतनपुर पंचायत के पुरानी बाजार में स्थापित उपस्वास्थ्य केंद्र कभी मरीजों से गुलजार रहता था। लेकिन आज यह अस्पताल विभागीय उपेक्षा से बदहाल हो गया है। सरकारी स्तर पर यहा के लोगों की जरुरत समझने का प्रयास कभी भी नहीं किया गया। बड़े-बड़े नेता व अधिकारी आते हैं। अस्पताल की हालत देख सुधार का आश्वासन जरुर जनता को देते हैं। लेकिन विडंबना कहिये कि जनता को अबतक सिवा आश्वासन के कुछ नहीं मिला। जहा मरीजों का इलाज होना चाहिए वह अस्पताल खुद बीमार है। न यहा कोई चिकित्सक व स्वास्थ्यकर्मी हैं और न ही अधिकारी व जनप्रतिनिधि इसकी सुधि ले रहे हैं। अब तो धीरे-धीरे यह केंद्र अतिक्रमण का शिकार भी होते जा रहा है। आसपास के क्षेत्र सहित अस्पताल परिसर भी अब अतिक्रमणकारियों की गिरफ्त में आ गया है। लेकिन विभाग कुम्भकर्णी नींद में सोया है। अस्पताल के सूरते-हाल देखने की फूर्सत कहा है किसी विभागीय पदाधिकारी को। एक समय यहा रतनपुर, बायसी, दीनबंधी, चौहदी सहित आसपास के कई गाव के लोग इलाज कराने आते थे। लेकिन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के उपेक्षापूर्ण रवैये के चलते यह उपस्वास्थ्य केंद्र अब मरीजों को मुंह चिढ़ा रहा है। ऐसे में लाचार व बेवस मरीजों को या तो ग्रामीण चिकित्सकों के शरण में जाना पड़ता है या कई किलोमीटर दूर वीरपुर या सिमराही इलाज के लिए भटकना पड़ता है। ऐसे में आर्थिक रूप से कमजोर मरीज चाह कर भी अपना इलाज नहीं करवा पाते हैं।
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क्या कहते हैं ग्रामीण
स्थानीय ग्रामीणों की माने तो बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देने के नाम पर उनसे ठगी की जा रही है। हेल्थ फोर ऑल की घोषणा धरातल पर कहीं नहीं दिख रही है। सेवानिवृत अपर समाहर्ता अमरनाथ मिश्र, सीनियर सिटीजन एसोसिएशन के जिला संयोजक सुरेश चन्द्र मिश्र, सरपंच रामचंद्र भगत, रमेश चन्द्र मिश्र, शिव नारायण स्वर्णकार, रंजन गुप्ता, मनीष झा, विकास झा, बिनय झा, संजय साह, वार्ड सदस्य दिनेश साह, चंदा देवी सहित अन्य ग्रामीणों ने बताया कि स्थानीय जनप्रतिनिधि से लेकर सासद, विधायक व स्वास्थ्य विभाग के
अधिकारियों तक गुहार लगा चुके हैं। फिर भी समस्या का समाधान नहीं हो सका है। विभाग के पदाधिकारी इस केंद्र की तरफ झाकने तक नहीं आते हैं। स्थानीय ग्रामीणों ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से यथा शीघ्र इस केंद्र को अतिरिक्त उपस्वास्थ्य केंद्र में
परिवर्तित कर चिकित्सक की बहाली की माग की है। ताकि ग्रामीणों को इलाज के लिए भटकना नहीं पड़े।